शिमला: जिला के केएनएच अस्पताल में कोरोना के डर से यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के साथ ही अन्य रोगों के इलाज की ओपीडी में भी कमी आई है. कोविड 19 की वजह से जहां प्रदेश में ओर शिमला ने छोटे क्लिनिक बंद कर दिए गए थे. इस बात से यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि मातृ शिशु अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के आने का आंकड़ा ज्यादा बढ़ेगा लेकिन यह आंकड़ा कम हो गया है.
कमला नेहरू अस्पताल में जहां कोविड-19 से पहले 80 के करीब गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की जाती थी. अब उनका आंकड़ा घटकर 40 से 50 के बीच में ही रह गया है. रोजाना जहां केएनएच अस्पताल में 350 से अधिक ओपीडी होती थी वहीं अब यह आंकड़ा घटकर 200 के करीब पहुंच गया है.
कमला नेहरू अस्पताल में रोजाना दोपहर में जहां 30 के करीब सोनोग्राफी की जा रही है, तो वहीं रात के समय जो केस आते हैं उनकी सोनोग्राफी यानी अल्ट्रासाउंड का आंकड़ा इस समय 15 के करीब है. हालांकि यह डे रूटीन में महिलाओं के अल्ट्रासाउंड उनके तय शेड्यूल के अनुसार किए जा रहे है. वहीं, एमरजेंसी में भी यहां अल्ट्रासाउंड सुविधा मुहैया करवाई जा रही हैं.
केएनएच अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर अंबिका ने बताया कि कोविड-19 के संकट के समय में भी गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ महिलाओं के अन्य रोगों से संबंधित सभी तरह की बीमारियों का इलाज पहले की तरह ही किया जा रहा है.
प्रदेश में निजी क्लीनिकों के बंद होने का नहीं ज्यादा असर
प्रदेश में कोविड-19 की वजह से भले ही निजी क्लीनिक को बंद कर दिया गया हो, लेकिन इसका इतना ज्यादा असर यहां देखने को नहीं मिल रहा है. ज्यादातर गर्भवती महिलाएं यहां सरकारी अस्पतालों में ही अपना इलाज करवाती हैं. इसके पीछे की वजह सरकार की कई तरह की योजनाएं भी है.
केएनएच अस्पताल में कोरोना को देखते हुए सबसे पहली प्राथमिकता गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड को दी जा रही है और उसके बाद गंभीर स्त्री रोगों का इलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा हैं.