शिमला: एसजेवीएन ने मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2022 के दौरान 3000 मेगावाट जलविद्युत एवं सौर विद्युत परियोजनाओं के लिए एमओयू साइन किए हैं. भुवनेश्वर में एसजेवीएन यानी सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) और ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ ओडिशा (जीआरआईडीसीओ) के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है. (Make in Odisha Conclave 2022) (SJVN signs MoU for 3000 MW hydro) ( SJVN signs MoU for solar projects)
संयुक्त उद्यम कंपनी को शामिल करके ओडिशा में 1000 मेगावाट जलविद्युत परियोजना और 2000 मेगावाट सौर विद्युत परियोजना के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, विद्युत मंत्री प्रताप केसरी देव और एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर एके सिंह, निदेशक (वित्त), एसएल शर्मा, सीईओ (एसजीईएल) सहित राज्य सरकार, एसजेवीएन और एसजीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने कहा है कि 1000 मेगावाट जल विद्युत परियोजना और 2000 मेगावाट सौर विद्युत परियोजना के विकास से ओडिशा में 20,000 करोड़ रुपए के निवेश का टारेगट है. 2000 मेगावाट सौर विद्युत परियोजना से प्रथम वर्ष में 4207 मिलियन यूनिट और 25 वर्षों की अवधि में लगभग 96797 मिलियन यूनिट का कुल उत्पादन होने की संभावना है. इस परियोजना की कमीशनिंग से प्रथम वर्ष के लिए 206143 टन और पूरे जीवन काल के लिए 4743053 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.
नंद लाल शर्मा ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन हरित ऊर्जा पैदा करने, नए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर, स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने, कार्बन उत्सर्जन में कमी, राज्य के सततशील और समग्र विकास के लिए एसजीईएल और जीआरआईडीसीओ के मध्य संयुक्त उद्यम के गठन का मार्ग प्रशस्त करेगा. इससे हरित उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी और ओडिशा के नवीकरणीय खरीद दायित्व लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि एसजेवीएन का वर्तमान में कुल पोर्टफोलियो लगभग 42,000 मेगावाट है और इसमें से लगभग 97 फीसदी गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों पर आधारित है, जिसकी उपस्थिति अखिल भारत और विदेशों में है. कंपनी की विकास के विभिन्न चरणों में 69 परियोजनाएं हैं. एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट क्षमता के अपने साझा विजन को 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 फीसदी ऊर्जा प्राप्त करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य के साथ संरेखित किया है. (Make in Odisha Conclave 2022) (SJVN signs MoU for 3000 MW hydro) ( SJVN signs MoU for solar projects)
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