शिमला: आईजीएमसी स्थित सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में हॉस्टल की हालत और लाइब्रेरी पर एचपीयू की टीम ने सवाल खड़े किए हैं. हॉस्टल के कमरों की हालत जहां खस्ताहाल है, वहीं, लाइब्रेरी में किताबों की स्टॉक भी कम है.
मंगलवार को एचपीयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. देसराज ठाकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने हॉस्टल और क्लासरूम का दौरा किया. टीम ने कहा कि नियमों के तहत नर्सिंग कॉलेज की लाइब्रेरी में 3000 किताबें होनी चाहिए, जबकि नर्सिंग कॉलेज की लाइब्रेरी में 2300 के करीब ही किताबें हैं. इसके अलावा लाइब्रेरी में 60 छात्राओं को बैठने की फैसिलिटी होना जरूरी है, जबकि कॉलेज में 32 छात्राएं ही बैठ सकती हैं.
ये भी पढ़ें: ETV भारत की खबर का असर, गरीब विधवा की मदद के लिए CM ने दिए 1 लाख
हॉस्टल में खिड़कियों में न शीशे ना ही ग्रिल
टीम ने जब हॉस्टल का निरीक्षण किया तो पाया कि हॉस्टल में न तो ग्रिल लगी है और खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए मिले. इसके अलावा हॉस्टल के कमरों की हालत काफी खराब थी. कमरों में कई कई छात्राओं को रखा जा रहा है. उन्होंने इसे ठीक करने के लिए भी कहा. इसके अलावा उन्होंने नर्सिंग कॉलेज का फंड बढ़ाने को लेकर निर्देश दिए.
टीम ने दिए 3 जरूरी सुझाव
- नर्सिंग कॉलेज की एलुमिनाई एसोसिएशन बनाने पर जोर.
- पीटीएम बनाने के लिए भी प्रधानाचार्य को कहा गया.
- नर्सिंग कॉलेज का इंटरनल सिस्टम भी ठीक किया जाए.