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IGMC में नर्सों की सुरक्षा राम भरोसे! सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज हॉस्टल में बेड से अधिक स्टूडेंट

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Published : Jul 10, 2019, 11:23 AM IST

एचपीयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. देसराज ठाकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया. टीम ने जब हॉस्टल का निरीक्षण किया तो पाया कि हॉस्टल में सुविधा के अलावा कमरों की हालत काफी खराब थी.

Sister nivedita nursing college hostel

शिमला: आईजीएमसी स्थित सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में हॉस्टल की हालत और लाइब्रेरी पर एचपीयू की टीम ने सवाल खड़े किए हैं. हॉस्टल के कमरों की हालत जहां खस्ताहाल है, वहीं, लाइब्रेरी में किताबों की स्टॉक भी कम है.
मंगलवार को एचपीयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. देसराज ठाकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने हॉस्टल और क्लासरूम का दौरा किया. टीम ने कहा कि नियमों के तहत नर्सिंग कॉलेज की लाइब्रेरी में 3000 किताबें होनी चाहिए, जबकि नर्सिंग कॉलेज की लाइब्रेरी में 2300 के करीब ही किताबें हैं. इसके अलावा लाइब्रेरी में 60 छात्राओं को बैठने की फैसिलिटी होना जरूरी है, जबकि कॉलेज में 32 छात्राएं ही बैठ सकती हैं.

ये भी पढ़ें: ETV भारत की खबर का असर, गरीब विधवा की मदद के लिए CM ने दिए 1 लाख

हॉस्टल में खिड़कियों में न शीशे ना ही ग्रिल
टीम ने जब हॉस्टल का निरीक्षण किया तो पाया कि हॉस्टल में न तो ग्रिल लगी है और खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए मिले. इसके अलावा हॉस्टल के कमरों की हालत काफी खराब थी. कमरों में कई कई छात्राओं को रखा जा रहा है. उन्होंने इसे ठीक करने के लिए भी कहा. इसके अलावा उन्होंने नर्सिंग कॉलेज का फंड बढ़ाने को लेकर निर्देश दिए.

Sister nivedita nursing college hostel
सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज हॉस्टल .

टीम ने दिए 3 जरूरी सुझाव

  • नर्सिंग कॉलेज की एलुमिनाई एसोसिएशन बनाने पर जोर.
  • पीटीएम बनाने के लिए भी प्रधानाचार्य को कहा गया.
  • नर्सिंग कॉलेज का इंटरनल सिस्टम भी ठीक किया जाए.

शिमला: आईजीएमसी स्थित सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में हॉस्टल की हालत और लाइब्रेरी पर एचपीयू की टीम ने सवाल खड़े किए हैं. हॉस्टल के कमरों की हालत जहां खस्ताहाल है, वहीं, लाइब्रेरी में किताबों की स्टॉक भी कम है.
मंगलवार को एचपीयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. देसराज ठाकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने हॉस्टल और क्लासरूम का दौरा किया. टीम ने कहा कि नियमों के तहत नर्सिंग कॉलेज की लाइब्रेरी में 3000 किताबें होनी चाहिए, जबकि नर्सिंग कॉलेज की लाइब्रेरी में 2300 के करीब ही किताबें हैं. इसके अलावा लाइब्रेरी में 60 छात्राओं को बैठने की फैसिलिटी होना जरूरी है, जबकि कॉलेज में 32 छात्राएं ही बैठ सकती हैं.

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हॉस्टल में खिड़कियों में न शीशे ना ही ग्रिल
टीम ने जब हॉस्टल का निरीक्षण किया तो पाया कि हॉस्टल में न तो ग्रिल लगी है और खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए मिले. इसके अलावा हॉस्टल के कमरों की हालत काफी खराब थी. कमरों में कई कई छात्राओं को रखा जा रहा है. उन्होंने इसे ठीक करने के लिए भी कहा. इसके अलावा उन्होंने नर्सिंग कॉलेज का फंड बढ़ाने को लेकर निर्देश दिए.

Sister nivedita nursing college hostel
सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज हॉस्टल .

टीम ने दिए 3 जरूरी सुझाव

  • नर्सिंग कॉलेज की एलुमिनाई एसोसिएशन बनाने पर जोर.
  • पीटीएम बनाने के लिए भी प्रधानाचार्य को कहा गया.
  • नर्सिंग कॉलेज का इंटरनल सिस्टम भी ठीक किया जाए.
Intro:सिस्टर निवेदिता नर्सिंग काॅलेज में हाॅस्टल औऱ लाइब्रेरी पर एचपीयू ने खड़े किए सवाल
शिमला।
आइजीएमसी स्थित सिस्टर निवेदिता नर्सिंग काॅलेज में हाॅस्टल की हालत औऱ लाइब्रेरी पर एचपीयू की टीम ने सवाल खड़े किए हैं। हाॅस्टलाें के कमराें की हालत जहां खस्ताहाल है, वहीं लाइब्रेरी में किताबाें का स्टाॅक भी कम है।

Body:मंगलवार काे एचपीयू के बाॅयाेकैमिस्ट्री विभाग के प्राेफेसर डाॅ. देसराज ठाकुर की अध्यक्षता में दाे सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दाैरान टीम ने हाॅस्टल अाैर क्लासरूम का दाैरा किया। टीम ने कहा कि नियमाें के तहत नर्सिंग कालेज की लाइब्रेरी में 3000 किताबें हाेनी चाहिए, जबकि नर्सिंग कालेज की लाइब्रेरी में 2300 के करीब ही किताबें हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी में 60 छात्राअाें काे बैठने की फेसिलिटी हाेना जरूरी है, जबकि कालेज में 32 छात्राएं ही बैठ सकती हैं।

हाॅस्टल में न शीशे न ग्रिल
टीम ने जब हाॅस्टल का निरीक्षण किया ताे पाया कि हाॅस्टल में न ताे ग्रिल लगी है अाैर शीशे भी टूटे हुए हैं। इसके अलावा हाॅस्टल के कमराें की हालत काफी खराब थी। कमराें में कई कई छात्राअाें काे रखा जा रहा है। उन्हाेंने इसे ठीक करने के लिए भी कहा। इसके अलावा उन्हाेंने नर्सिंग कालेज का फंड बढ़ाने काे लेकर भी कहा।

Conclusion:सुझाव भी दिए
टीम ने 3 जरूरी सुझाव भी दिए जिसमें सबसे पहला सुझाव नर्सिंग कालेज की एलुमिनाई एसाेसिएशन बनाने काे लेकर था। इसके अलावा पीटीएम बनाने के लिए भी प्रधानाचार्य काे कहा गया। जबकि उन्हाेंने तीसरा सुझाव दिया कि नर्सिंग कालेज का इंटरनल सिस्टम भी ठीक किया जाए। इस दाैरान काॅलेज की प्रधानाचार्य ऊषा मेहता समेत फेकल्टी स्टाॅफ भी माैजूद रहा।
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