किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में मेले के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से किन्नौर के पारंपरिक फूलों की दुकानें सजी हुई हैं, जिसकी कारीगरी बहुत कठिन है और बहुत महिन काम है.
किन्नौर के पारंपरिक फूलों की कारीगरी में कई घंटे लग जाते हैं. किन्नौर के रोघी गांव के नंदा राम नेगी पिछले 18 सालों से पारंपरिक फूलों को बनाने का काम कर रहे हैं. इन फूलों के नाम चामका, बखरी खानऊ, टिमिंगचा, के नाम से मशहूर हैं.
जिन्हें किन्नौर में शादियों व अन्य कार्यक्रमों में टोपी पर लगाया जाता है, जिसके बाद किन्नौरी टोपी की शान और बढ़ जाती है.
नंदा राम नेगी ने कहा कि इन फूलों को बनाने में जितना समय लगता है उतनी ही मेहनत चाहिए होती है. किन्नौरी टोपी के साथ-साथ इन फूलों को देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है और मंदिर में चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है.
बता दें कि नेगी हिमाचल के हर शहर के मेंलो में अपने किन्नौरी फूलों की दुकान लगाते हैं, जिसमें वो अच्छी कमाई तो करते ही हैं इसके अलावा प्रदेशभर में उनका नाम बना हुआ है.