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किन्नौर महोत्सव में सजी फुलों की दुकानें, किन्नौरी टोपी की हैं शान - किन्नौर महोत्सव

जनजातीय जिला किन्नौर में मेले के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से किन्नौर के पारंपरिक फूलों की दुकानें सजाई गई है, जिसकी कारीगरी बहुत कठिन है और महिन है.

किन्नौर महोत्सव में सजी फुलों की दुकानें
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Published : Nov 1, 2019, 12:01 AM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में मेले के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से किन्नौर के पारंपरिक फूलों की दुकानें सजी हुई हैं, जिसकी कारीगरी बहुत कठिन है और बहुत महिन काम है.

किन्नौर के पारंपरिक फूलों की कारीगरी में कई घंटे लग जाते हैं. किन्नौर के रोघी गांव के नंदा राम नेगी पिछले 18 सालों से पारंपरिक फूलों को बनाने का काम कर रहे हैं. इन फूलों के नाम चामका, बखरी खानऊ, टिमिंगचा, के नाम से मशहूर हैं.

वीडियो

जिन्हें किन्नौर में शादियों व अन्य कार्यक्रमों में टोपी पर लगाया जाता है, जिसके बाद किन्नौरी टोपी की शान और बढ़ जाती है.

traditional Kinnauri flowers पारंपरिक किन्नौरी फूल
पारंपरिक किन्नौरी फुल

नंदा राम नेगी ने कहा कि इन फूलों को बनाने में जितना समय लगता है उतनी ही मेहनत चाहिए होती है. किन्नौरी टोपी के साथ-साथ इन फूलों को देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है और मंदिर में चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है.

बता दें कि नेगी हिमाचल के हर शहर के मेंलो में अपने किन्नौरी फूलों की दुकान लगाते हैं, जिसमें वो अच्छी कमाई तो करते ही हैं इसके अलावा प्रदेशभर में उनका नाम बना हुआ है.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में मेले के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से किन्नौर के पारंपरिक फूलों की दुकानें सजी हुई हैं, जिसकी कारीगरी बहुत कठिन है और बहुत महिन काम है.

किन्नौर के पारंपरिक फूलों की कारीगरी में कई घंटे लग जाते हैं. किन्नौर के रोघी गांव के नंदा राम नेगी पिछले 18 सालों से पारंपरिक फूलों को बनाने का काम कर रहे हैं. इन फूलों के नाम चामका, बखरी खानऊ, टिमिंगचा, के नाम से मशहूर हैं.

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जिन्हें किन्नौर में शादियों व अन्य कार्यक्रमों में टोपी पर लगाया जाता है, जिसके बाद किन्नौरी टोपी की शान और बढ़ जाती है.

traditional Kinnauri flowers पारंपरिक किन्नौरी फूल
पारंपरिक किन्नौरी फुल

नंदा राम नेगी ने कहा कि इन फूलों को बनाने में जितना समय लगता है उतनी ही मेहनत चाहिए होती है. किन्नौरी टोपी के साथ-साथ इन फूलों को देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है और मंदिर में चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है.

बता दें कि नेगी हिमाचल के हर शहर के मेंलो में अपने किन्नौरी फूलों की दुकान लगाते हैं, जिसमें वो अच्छी कमाई तो करते ही हैं इसके अलावा प्रदेशभर में उनका नाम बना हुआ है.

Intro:किन्नौर में फूलों की सजी दुकान,स्थानीय देवता व किन्नौरी टोपी पर सजाया जाता है इस फूल को,खोर व चामका नाम से प्रसिद्ध है फूल का नाम,हाथी की कलाओं से बनाया जाता है इस फूल को।






Body:जनजातीय जिला किन्नौर में मेले के दौरान स्थानीय लोगो द्वारा किन्नौर के पारम्परिक फूलो की दुकाने सजी हुई है जिसकी कारीगरी बहुत कठिन है और बहुत तीखा काम है जिसमे कइयो घण्टे लग जाते है,किन्नौर के रोघी गाव के नन्दा राम नेगी पिछले 18 सालों से इस पारम्परिक फूलो को बनाने का काम कर रहे है जिसकी वजह से किन्नौरी टोपी की शान और बढ़ जाती है इन फूलों के नाम चामका,बखरी खान ऊ टिमिंगचा। के नाम से मशहूर है जिसे किन्नौर में शादियों व अन्य कार्यक्रमो में टोपी पर लगाई जाती है जिसके बाद किन्नौरी टोपी की शान और बढ़ जाती है।



Conclusion:नेगी ने कहा कि इन फूलों में जहां मेहनत का काम है वही समय भी बहुत लगता है और किन्नौर में टोपी के साथ साथ इन फूली को देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है जिसे मन्दिर में बहुत शुभ माना जाता है। बता दे कि नेगी हिमाचल के हर शहर में मेलो में अपने किन्नौरी फूलो की दुकान लगाते है जिसमें उनकी अच्छी कमाई के साथ नाम भी बना हुआ है।


बाईट---नन्दा राम नेगी ( निवासी रोघी गाव किन्नौर)
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