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Himachal Tourism: शिमला में ठप हुआ टूरिज्म, पहाड़ों का रुख करने से डर रहे सैलानी, होटल कारोबारियों को हो रहा करोड़ों का नुकसान

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Published : Aug 4, 2023, 8:05 PM IST

Updated : Aug 4, 2023, 10:48 PM IST

हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात से आई आपदा के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. टूरिज्म सेक्टर पर सबसे बुरा असर पड़ा है. शिमला में टूरिज्म बिलकुल ठप पड़ गया है. सैलानी शिमला का रुख नहीं कर रहे हैं. जिससे टूरिज्म सेक्टर से जुड़े लोगों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. (Shimla Tourism Affected by Flood and Landslide)

Shimla Tourism.
शिमला टूरिज्म हुआ ठप.
हिमाचल आपदा का शिमला टूरिज्म पर पड़ा बुरा प्रभाव.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसी आसमानी आफत से इस बार भारी नुकसान है. प्रदेशभर में फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड, और बादल फटने के कारण कई सड़कें टूट गई है. बहुत से लोग मकान ढह जाने से बेघर हो गए हैं. इस आपदा में कई लोगों ने अपनी जानें भी गवाईं हैं. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. हिमाचल टूरिज्म पर इस आपदा का सबसे बुरा असर पड़ा है. बुधवार देर रात भारी लैंडस्लाइड के कारण कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 50 मीटर तक ढह गया है. जिसके चलते यहां आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है.

शिमला टूरिज्म पर पड़ा असर: कालका-शिमला ने एनएच-5 के क्षतिग्रस्त हो जाने से इसका सीधा असर शिमला टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा है. बाहरी राज्यों से शिमला आने वाले सैलानियों के लिए कालका-शिमला हाईवे ही मेन रोड था, जो कि अब ढह गया है. जिससे शिमला के लिए जाने वाले वाहनों के पहिए भी थम गए हैं. हिमाचल प्रदेश टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने बताया कि इस साल शिमला में टूरिज्म बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

Shimla Tourism.
शिमला (फाइल फोटो).

आपदा से लोगों में डर: महेंद्र सेठ ने बताया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सैलानियों से हिमाचल आने का आह्वान किया था, लेकिन बरसात से टूट चुकी सड़कों और प्राकृतिक आपदा के डर से सैलानी यहां नहीं आना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कालका-शिमला ने एनएच के ढह जाने से अब सैलानी बिलकुल भी शिमला का रुख नहीं करेंगे. हालांकि प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग भी मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन इन रास्तों से सैलानियों के आने की संभावना बेहद कम है.

सड़कें टूटने से टूरिज्म प्रभावित: महेंद्र सेठ ने कहा कि प्रदेश में सड़कों की खराब हालत और आपदा के कारण इस बार शिमला में आगामी दिनों के लिए सैलानियों की बुकिंग न के बराबर है. जब तक लोगों को सड़क सुविधा सही से नहीं मिलेगी, तब तक सैलानी शिमला का रुख करने से कतराएंगे. उन्होंने कहा कि कालका-शिमला हाईवे शिमला की लाइफ लाइन है. शिमला टूरिज्म को इस बार करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.

होलट कारोबारियों में निराशा: वहीं, होटल कारोबारी अंकुश शोथ ने बताया कि शिमला के आसपास के इलाकों में भारी लैंडस्लाइड और बादल फटने के कारण सैलानी अब यहां आने से डर रहे हैं. कोई भी अपने परिवार को लेकर इतना खतरा नहीं लेना चाहता. कम से कम जब तक सभी इस बात को सुनिश्चित न कर लें कि प्रदेश के हालात बिलकुल सही हैं. आपदा के डर से इस बार शिमला में टूरिस्ट सीजन पूरी तरह से खराब रहा है.

पहाड़ों में आने से डर रहे लोग: हरियाणा के गुरमीत सिंह का कहना है कि सड़कें टूट गई हैं, पहाड़ सरक कर सड़कों पर आ रहे हैं. लगातार बारिश हो रही है, हर समय यहां खतरा मंडरा रहा है. लोगों में हिमाचल को लेकर काफी डर बैठ गया है. जिसके चलते लोग अब यहां घूमने नहीं आ रहे हैं. मैदानी इलाकों में भी खतरे की स्थिति बनी हुई है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में यह खतरा और भी जाता बढ़ जाता है.

ये भी पढे़ं: Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून से तबाही, 41 दिनों में 199 लोगों की मौत, 31 लापता, 8000 घरों को नुकसान

हिमाचल आपदा का शिमला टूरिज्म पर पड़ा बुरा प्रभाव.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसी आसमानी आफत से इस बार भारी नुकसान है. प्रदेशभर में फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड, और बादल फटने के कारण कई सड़कें टूट गई है. बहुत से लोग मकान ढह जाने से बेघर हो गए हैं. इस आपदा में कई लोगों ने अपनी जानें भी गवाईं हैं. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. हिमाचल टूरिज्म पर इस आपदा का सबसे बुरा असर पड़ा है. बुधवार देर रात भारी लैंडस्लाइड के कारण कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 50 मीटर तक ढह गया है. जिसके चलते यहां आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है.

शिमला टूरिज्म पर पड़ा असर: कालका-शिमला ने एनएच-5 के क्षतिग्रस्त हो जाने से इसका सीधा असर शिमला टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा है. बाहरी राज्यों से शिमला आने वाले सैलानियों के लिए कालका-शिमला हाईवे ही मेन रोड था, जो कि अब ढह गया है. जिससे शिमला के लिए जाने वाले वाहनों के पहिए भी थम गए हैं. हिमाचल प्रदेश टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने बताया कि इस साल शिमला में टूरिज्म बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

Shimla Tourism.
शिमला (फाइल फोटो).

आपदा से लोगों में डर: महेंद्र सेठ ने बताया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सैलानियों से हिमाचल आने का आह्वान किया था, लेकिन बरसात से टूट चुकी सड़कों और प्राकृतिक आपदा के डर से सैलानी यहां नहीं आना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कालका-शिमला ने एनएच के ढह जाने से अब सैलानी बिलकुल भी शिमला का रुख नहीं करेंगे. हालांकि प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग भी मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन इन रास्तों से सैलानियों के आने की संभावना बेहद कम है.

सड़कें टूटने से टूरिज्म प्रभावित: महेंद्र सेठ ने कहा कि प्रदेश में सड़कों की खराब हालत और आपदा के कारण इस बार शिमला में आगामी दिनों के लिए सैलानियों की बुकिंग न के बराबर है. जब तक लोगों को सड़क सुविधा सही से नहीं मिलेगी, तब तक सैलानी शिमला का रुख करने से कतराएंगे. उन्होंने कहा कि कालका-शिमला हाईवे शिमला की लाइफ लाइन है. शिमला टूरिज्म को इस बार करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.

होलट कारोबारियों में निराशा: वहीं, होटल कारोबारी अंकुश शोथ ने बताया कि शिमला के आसपास के इलाकों में भारी लैंडस्लाइड और बादल फटने के कारण सैलानी अब यहां आने से डर रहे हैं. कोई भी अपने परिवार को लेकर इतना खतरा नहीं लेना चाहता. कम से कम जब तक सभी इस बात को सुनिश्चित न कर लें कि प्रदेश के हालात बिलकुल सही हैं. आपदा के डर से इस बार शिमला में टूरिस्ट सीजन पूरी तरह से खराब रहा है.

पहाड़ों में आने से डर रहे लोग: हरियाणा के गुरमीत सिंह का कहना है कि सड़कें टूट गई हैं, पहाड़ सरक कर सड़कों पर आ रहे हैं. लगातार बारिश हो रही है, हर समय यहां खतरा मंडरा रहा है. लोगों में हिमाचल को लेकर काफी डर बैठ गया है. जिसके चलते लोग अब यहां घूमने नहीं आ रहे हैं. मैदानी इलाकों में भी खतरे की स्थिति बनी हुई है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में यह खतरा और भी जाता बढ़ जाता है.

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Last Updated : Aug 4, 2023, 10:48 PM IST
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