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शिमला बस हादसा: संकरी सड़क, बेतरतीब पार्किंग और प्रशासन की लापरवाही ने ली मासूमों की जान - नूरपुर बस हादसा

हिमाचल प्रदेश में नूरपुर और नाहन स्कूली बस हादसे के जख्म अभी हरे ही थे कि प्रशासन की लापरवाही ने एक और हादसे में 2 मासूम बच्चों समेत बस चालक की जान ले ली. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संकरी सड़क पर बेतरतीब वाहनों के बीच से जब बस गुजर रही थी तो जगह कम होने के कारण बस अचानक सड़क से नीचे गिर गई.

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Published : Jul 1, 2019, 8:42 PM IST

Updated : Jul 1, 2019, 10:57 PM IST

शिमला: नूरपुर और नाहन स्कूली बस हादसे के जख्म अभी हरे ही थे कि प्रशासन की लापरवाही ने एक और हादसे में 2 मासूम बच्चों समेत बस चालक की जान ले ली. शिमला के उप नगर झंझीडी में सोमवार सुबह चेल्सी स्कूल के लिए लगाई गई सरकारी बस सड़क से नीचे जा गिरी.

बता दें कि जिस जगह से बस गिरी है वहां सड़क संकरी है. चिन्ताजनक बात ये कि संकरी सड़क के एक ओर बेतरतीब वाहन पार्क किए गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संकरी सड़क पर बेतरतीब वाहनों के बीच से जब बस गुजर रही थी तो जगह कम होने के कारण बस अचानक सड़क से नीचे गिर गई. हादसे की जगह भवन निर्माण सामग्री का ढेर भी लगा हुआ था.

बंजार बस हादसे के बाद प्रशासन ने सख्ती का दावा किया था, लेकिन इस दुर्घटना ने सरकारी दावों की पोल खोल दी. नूरपुर बस हादसे के बाद जयराम सरकार ने सड़क सुरक्षा और स्कूली बच्चों के लिए लगाई बसों को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन उनकी मॉनिटरिंग का कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया.

ये भी पढ़ें-शिमला में स्कूली बच्चों को ले जा रही बस पलटी, चालक समेत 3 की मौत, 6 बच्चे घायल

बस हादसे के बाद लापरवाही का आलम ये था कि प्रशासन के अधिकारियों और सरकारी सहायता पहुंचने से कहीं पहले स्थानीय लोग घायलों को अस्पताल पहुंचा चुके थे. उसके बाद एक तो घटनास्थल पर एम्बुलेंस हादसे के करीब 2 घंटे बाद पहुंची. वहीं, जो एम्बुलेंस पहुंची वो भी खराब. मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों को धक्का लगाकर एम्बुलेंस स्टार्ट करवानी पड़ी.

सरकार की लापरवाही से परेशान लोगों ने बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों को तोड़ना शुरू कर दिया. भीड़ ने भारी संख्या में वाहनों को तोड़ा. इसके अलावा लोगों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. लोगों ने खलीनी से झंझीडी जाने वाली सड़क को जाम कर दिया. करीब 2 घंटे तक चक्का जाम करने के बाद और प्रशासन के आश्वासन के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ.

हादसे पर बोलते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि दुर्घटना की जिम्मेदारी तय की जाएगी. मामले की तकनीकी जांच डीएम तकनीकी को सौंप दी गई है. परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क की रिपोर्ट भी मांगी गई है.

ये भी पढ़ें-गाड़ी से पेशाब करने उतरा चालक, बच्चे ने बदल दिया गियर और खाई में गिरी गाड़ी

शिमला: नूरपुर और नाहन स्कूली बस हादसे के जख्म अभी हरे ही थे कि प्रशासन की लापरवाही ने एक और हादसे में 2 मासूम बच्चों समेत बस चालक की जान ले ली. शिमला के उप नगर झंझीडी में सोमवार सुबह चेल्सी स्कूल के लिए लगाई गई सरकारी बस सड़क से नीचे जा गिरी.

बता दें कि जिस जगह से बस गिरी है वहां सड़क संकरी है. चिन्ताजनक बात ये कि संकरी सड़क के एक ओर बेतरतीब वाहन पार्क किए गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संकरी सड़क पर बेतरतीब वाहनों के बीच से जब बस गुजर रही थी तो जगह कम होने के कारण बस अचानक सड़क से नीचे गिर गई. हादसे की जगह भवन निर्माण सामग्री का ढेर भी लगा हुआ था.

बंजार बस हादसे के बाद प्रशासन ने सख्ती का दावा किया था, लेकिन इस दुर्घटना ने सरकारी दावों की पोल खोल दी. नूरपुर बस हादसे के बाद जयराम सरकार ने सड़क सुरक्षा और स्कूली बच्चों के लिए लगाई बसों को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन उनकी मॉनिटरिंग का कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया.

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बस हादसे के बाद लापरवाही का आलम ये था कि प्रशासन के अधिकारियों और सरकारी सहायता पहुंचने से कहीं पहले स्थानीय लोग घायलों को अस्पताल पहुंचा चुके थे. उसके बाद एक तो घटनास्थल पर एम्बुलेंस हादसे के करीब 2 घंटे बाद पहुंची. वहीं, जो एम्बुलेंस पहुंची वो भी खराब. मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों को धक्का लगाकर एम्बुलेंस स्टार्ट करवानी पड़ी.

सरकार की लापरवाही से परेशान लोगों ने बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों को तोड़ना शुरू कर दिया. भीड़ ने भारी संख्या में वाहनों को तोड़ा. इसके अलावा लोगों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. लोगों ने खलीनी से झंझीडी जाने वाली सड़क को जाम कर दिया. करीब 2 घंटे तक चक्का जाम करने के बाद और प्रशासन के आश्वासन के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ.

हादसे पर बोलते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि दुर्घटना की जिम्मेदारी तय की जाएगी. मामले की तकनीकी जांच डीएम तकनीकी को सौंप दी गई है. परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क की रिपोर्ट भी मांगी गई है.

ये भी पढ़ें-गाड़ी से पेशाब करने उतरा चालक, बच्चे ने बदल दिया गियर और खाई में गिरी गाड़ी

Intro:संकरी सड़क, बेतरतीब पार्किंग और प्रशासन की लापरवाही ने ली मासूमो की जान।

शिमला. नूरपुर और नाहन स्कूली बस हादसे के जख्म अभी हरे ही थे कि प्रशासन की लापरवाही ने एक और हादसे में 2 मासूम बच्चों सहित बस चालक की जान ले ली। शिमला के उप नगर झँझिड़ी में सोमवार सुबह चेल्सी स्कूल के लिए लगाई गई सरकारी बस सड़क से नीचे जा गिरी। जहां से बस गिरी, वहां सड़क संकरी है। चिन्ताजनक बात ये कि संकरी सड़क के एक ओर बेतरतीब वहां पार्क किये गए थे।



Body:प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संकरी सड़क पर बे तरतीब वाहनों के बीच से जब बस गुजर रही थी तो जगह कम होने के कारण अचानक सड़क से नीचे गिर गयी। हादसे की जगह भवन निर्माण सामग्री का ढेर भी लगा हुआ था। बंजार बस हादसे के बाद प्रशासन ने सख्ती का दावा किया था लेकिन इस दुर्घटना ने सरकारी दावों की पोल खोल दी। नूरपुर बस हादसे के बाद जय राम सरकार ने सड़क सुरक्षा और स्कूली बच्चों के लिए लगाई बसों को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए थे परंतु उनकी मॉनिटरिंग का कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया।

बस हादसे के बाद लापरवाही का आलम यह था कि प्रशासन के अधिकारियों और सरकारी सहायता पहुंचने से कहीं पहले स्थानीय लोग घ्यलों को अस्पताल पहुंचा चुके थे। उसके बाद
एक तो घटना स्थल पर एम्बुलेंस हादसे के करीब 2 घंटे बाद पहुंची। और जो एम्बुलेंस पहुंची वो भी खराब । मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों को धक्का लगाकर एम्बुलेंस स्टार्ट करवानी पड़ी।

सरकार की लापरवाही से परेशान लोगों ने बेतरतीव तरीके से खड़े वाहनों को तोड़ना शुरू कर दिया। भीड़ ने भारी संख्या में वाहनों को तोड़ा। इसके अलावा लोगों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों से खलीनी से झंझणी जाने वाली सड़क जाम कर दी। करीब 2 घण्टे तक चक्का जाम करने के बाद और प्रशासन के आश्वासन के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ।




Conclusion:हादसे पर बोलते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि दुर्घटना की जिम्मेदारी तय की जाएगी। मामले की तकनीकी जांच डी एम तकनीकी को सौंप दी गई है। परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क की रिपोर्ट भी मांगी गई है। हम पता लगाएंगे की क्या सड़क बस के लिए पास थी या कहीं एम्बुलेंस रोड था।
Last Updated : Jul 1, 2019, 10:57 PM IST
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