शिमला: सुक्खू सरकार के खिलाफ बेरोजगार युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है. आज सैकड़ों बेरोजगार अभ्यर्थियों ने शिमला में सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान युवाओं ने JOA-IT पोस्ट कोड 817 का रिजल्ट जल्द से जल्द घोषित करने की मांग की. वहीं, इन अभ्यर्थियों ने सरकार से नौकरी देने या फिर जहर देने की मांग की.
बता दें सुप्रीम कोर्ट और हिमाचल हाईकोर्ट भी इन अभ्यर्थियों को कंडीशनल नियुक्ति देने का आदेश दे चुका है, लेकिन कोर्ट के आदेशों के बावजूद नियुक्ति तो दूर रिजल्ट भी अभी तक नहीं निकाले गए हैं. प्रदेश के सवा दो लाख युवाओं ने चार साल पहले JOA-IT पोस्ट कोड 817 के विभिन्न पोस्ट कोड में एग्जाम दिया था, लेकिन रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं किया गया. वहीं, रिजल्ट नहीं आने से नाराज सैकड़ों बेरोजगार युवा अपनी मांग को लेकर शिमला पहुंचे और सचिवालय का घेराव किया. इस दौरान कई अभ्यर्थियों ने सरकार से नौकरी देने या फिर जहर देने की मांग की.
817 पोस्ट कोड में पेपर लीक की वजह से विजिलेंस ने एक FIR दर्ज कर रखी है. इस वजह से सरकार असमंजस में है. जबकि सुप्रीम कोर्ट बीते साल 9 नवंबर को ही इन्हें नियुक्ति देने के आदेश दे चुका है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के बाद हिमाचल हाईकोर्ट ने भी 12 हफ्ते के भीतर रिजल्ट घोषित करने के आदेश दे रखे हैं, लेकिन अब तक इनके रिजल्ट निकालने को लेकर कोई हलचल नजर नहीं आ रही.
हिमाचल पब्लिक सर्विस कमीशन इनके रिजल्ट घोषित करने को इनकार कर चुका है, जबकि नए गठित राज्य कर्मचारी आयोग को अब तक रिजल्ट निकालने को नहीं कहा गया. इससे इन युवाओं का सब्र का बांध टूटता जा रहा है. बेरोजगार युवा नौकरी को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन दे दिए जाते हैं. सिरमौर के JOA-IT अभ्यर्थी सौरभ शर्मा ने बताया कि वह चार सालों से संघर्ष कर रहा है. उनकी तरह हजारों अभ्यर्थी मानसिक तनाव में हैं. पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबे समय तक विचाराधीन रहा. अब कोर्ट से डिसाइड होने के बावजूद रिजल्ट नहीं निकाले जा रहे हैं.
सौरभ ने कहा लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनते ही रिजल्ट घोषित किए जाएंगे, लेकिन सत्ता मिलने पर उन्होंने एक बार भी JOA-IT के रिजल्ट का मसला नहीं उठाया. चार साल से रिजल्ट का इंतजार हो रहा. अब उनके सब्र का बांध टूट सा गया है. आगे लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आचार संहिता लग जाएगी, इसलिए आचार संहिता लगने से पहले रिजल्ट घोषित होना चाहिए. अभ्यर्थी पहले भी अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला.
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