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SFI ने शिक्षकों व गैर शिक्षकों की भर्तियों में अनियमितताओं का लगाया आरोप, जांच की उठाई मांग

शिमला में एसएफआई ने प्रदर्शन किया है. एसएफआई ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को भर्ती कर रही है. इन भर्तियों के लिए स्क्रूटनी कमेटी भी गठित की गई है. वो भी संशय पैदा करने वाली है क्योंकि इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के विभाग प्रमुख व वरिष्ठ प्राध्यापकों को नजरअंदाज कर विश्वविद्यालय के बाहर से लोगों को कमेटी में रखा गया है.

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Published : Apr 10, 2021, 7:21 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला में एसएफआई राज्य कमेटी की ओर से धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षकों की भर्तियां सवालों के घेरे में हैं.

भर्तियों में अनियमितता का आरोप

आरक्षण को लेकर बनाए गए संवैधानिक नियमों को इन भर्तियों में दरकिनार किया गया है, जिसके चलते कुछ विभागों में या तो सारी सीटें आरक्षित रखी गई हैं या फिर सारी सीटें अनारक्षित की गई हैं. इन विभागों में अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए पहले ही चयनित किया गया है. साक्षात्कार महज औपचारिकता के लिए आयोजित किए जा रहे हैं.

वीडियो.

विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को कर रही भर्ती

एसएफआई ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को भर्ती कर रही है. इन भर्तियों के लिए स्क्रूटनी कमेटी भी गठित की गई है. वो भी संशय पैदा करने वाली है क्योंकि इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के विभाग प्रमुख व वरिष्ठ प्राध्यापकों को नजरअंदाज कर विश्वविद्यालय के बाहर से लोगों को कमेटी में रखा गया है. जो कि यूजीसी के नियम व निर्देशों के खिलाफ है.

न्यायिक जांच की उठाई मांग

एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले में न्यायिक जांच की मांग उठाई है. एसएफआई का कहना है कि अगर न्यायिक जांच नहीं की जाती है तो आने वाले समय में हम आंदोलन करने से भी पीछे नहीं रहेंगे.

ये भी पढ़ें: मंडी उपचुनाव के लिए हलचल तेज, करगिल हीरो खुशाल ठाकुर ने सीएम से की मुलाकात

शिमलाः राजधानी शिमला में एसएफआई राज्य कमेटी की ओर से धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षकों की भर्तियां सवालों के घेरे में हैं.

भर्तियों में अनियमितता का आरोप

आरक्षण को लेकर बनाए गए संवैधानिक नियमों को इन भर्तियों में दरकिनार किया गया है, जिसके चलते कुछ विभागों में या तो सारी सीटें आरक्षित रखी गई हैं या फिर सारी सीटें अनारक्षित की गई हैं. इन विभागों में अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए पहले ही चयनित किया गया है. साक्षात्कार महज औपचारिकता के लिए आयोजित किए जा रहे हैं.

वीडियो.

विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को कर रही भर्ती

एसएफआई ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों को भर्ती कर रही है. इन भर्तियों के लिए स्क्रूटनी कमेटी भी गठित की गई है. वो भी संशय पैदा करने वाली है क्योंकि इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के विभाग प्रमुख व वरिष्ठ प्राध्यापकों को नजरअंदाज कर विश्वविद्यालय के बाहर से लोगों को कमेटी में रखा गया है. जो कि यूजीसी के नियम व निर्देशों के खिलाफ है.

न्यायिक जांच की उठाई मांग

एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले में न्यायिक जांच की मांग उठाई है. एसएफआई का कहना है कि अगर न्यायिक जांच नहीं की जाती है तो आने वाले समय में हम आंदोलन करने से भी पीछे नहीं रहेंगे.

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