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शिक्षा के मंदिर का ये कैसा हाल, टूटी कुर्सियों पर संजोए जा रहे हैं HAS-IAS बनने के सपने

रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय के दूसरा भाग को इवनिंग कॉलेज के भवन में चलाया जा रहा है. पुस्तकालय की स्थिती इतनी खस्ताहाल है कि छात्रों को बैठने तक कि जगह नहीं है. छात्र टॉयलेट के सामने तैयारी करने को मजबूर हो गए हैं. पुस्तकालय में एक ही शौचालय है जिसे लड़के और लड़कियां दोनो प्रयोग करते हैं.

state library at mall road
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Published : Sep 9, 2019, 9:21 PM IST

शिमलाः राजधानी के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय का दूसरा भाग में जगह की कमी के चलते इवनिंग कॉलेज के भवन में चलाया जा रहा है. इस पुस्तकालय की स्थिती इतनी खस्ताहाल है कि यहां छात्रों को बैठने तक कि जगह भी नसीब नहीं हो पा रही है.

हालत इतने खराब है कि छात्र किताबों की रैक की बीच में बची हुए जगह पर दरी बिछा कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. पुस्तकालय में लगाई गई कुर्सियों और टेबल की हालत खराब है. इन पर बैठकर पढ़ाई करने में छात्रों को मुश्किलें आ रही हैं.

वीडियो

छात्र-छात्राएं आंखों में आईएएस,एचएएस बनने के सपने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने की बात पर सरकार ने ही अपनी आंखें बंद कर ली हैं. जिस राज्य पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए छात्र आते है. उस पुस्तकालय में छात्रों को बैठने तक की जगह नहीं है.

state library at mall road
राज्य पुस्तकालय के खस्ताहाल
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जमीन पर बैठने को मजबूर छात्र
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शौचालय के सामने बैठे छात्र

पुस्तकालय की स्थिति किसी कबूतरखाने से कम नहीं है बावजूद इसके भी छात्रों का यहां आकर पढ़ना उनकी मजबूरी बन चुका है. तैयारी कर रहे छात्रों ने बताया कि पुस्तकालय में जगह पाने के लिए छात्र पुस्तकालय खुलने से पहले ही लाइन लगा देते हैं, लेकिन बैठने के लिए जगह फिर भी नहीं मिल पाती है. कई बार छात्रों के बीच झगड़े तक की नौबत आ जाती है और पुस्तकालय का माहौल भी खराब होता है.

state library at mall road
जमीन पर बैठने को मजबूर छात्र

ये भी पढे़ंः अब रिटायर्ड फौजी दिलाएंगे बंदरों से निजात, ये है वन विभाग का खास प्लान

हैरानी की बात तो यह है कि पुस्तकालय एक ही खस्ताहाल शौचालय को लड़के और लड़कियां इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. इस पुस्तकालय की दशा से मुख्यमंत्री अवगत है. तैयारी कर रहे छात्रों की मांग है कि सरकार विधानसभा के पास 8 माह से बंद पड़े नए पुस्तकालय भवन को जल्द से जल्द खोले.

शिमलाः राजधानी के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय का दूसरा भाग में जगह की कमी के चलते इवनिंग कॉलेज के भवन में चलाया जा रहा है. इस पुस्तकालय की स्थिती इतनी खस्ताहाल है कि यहां छात्रों को बैठने तक कि जगह भी नसीब नहीं हो पा रही है.

हालत इतने खराब है कि छात्र किताबों की रैक की बीच में बची हुए जगह पर दरी बिछा कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. पुस्तकालय में लगाई गई कुर्सियों और टेबल की हालत खराब है. इन पर बैठकर पढ़ाई करने में छात्रों को मुश्किलें आ रही हैं.

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छात्र-छात्राएं आंखों में आईएएस,एचएएस बनने के सपने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने की बात पर सरकार ने ही अपनी आंखें बंद कर ली हैं. जिस राज्य पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए छात्र आते है. उस पुस्तकालय में छात्रों को बैठने तक की जगह नहीं है.

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राज्य पुस्तकालय के खस्ताहाल
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जमीन पर बैठने को मजबूर छात्र
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शौचालय के सामने बैठे छात्र

पुस्तकालय की स्थिति किसी कबूतरखाने से कम नहीं है बावजूद इसके भी छात्रों का यहां आकर पढ़ना उनकी मजबूरी बन चुका है. तैयारी कर रहे छात्रों ने बताया कि पुस्तकालय में जगह पाने के लिए छात्र पुस्तकालय खुलने से पहले ही लाइन लगा देते हैं, लेकिन बैठने के लिए जगह फिर भी नहीं मिल पाती है. कई बार छात्रों के बीच झगड़े तक की नौबत आ जाती है और पुस्तकालय का माहौल भी खराब होता है.

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जमीन पर बैठने को मजबूर छात्र

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हैरानी की बात तो यह है कि पुस्तकालय एक ही खस्ताहाल शौचालय को लड़के और लड़कियां इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. इस पुस्तकालय की दशा से मुख्यमंत्री अवगत है. तैयारी कर रहे छात्रों की मांग है कि सरकार विधानसभा के पास 8 माह से बंद पड़े नए पुस्तकालय भवन को जल्द से जल्द खोले.

Intro:जिन बच्चों की आंखों में आईएएस,एचएएस बनने के सपने है ओर उन सपनों को पूरा करने के लिए वह जी तोड़ मेहनत भी कर रहे है लेकिन जहां उन छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने की बात है वहां सरकार ने ही अपनी आंखें बंद कर दी है। हालात यह है कि जिस राज्य पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए छात्र आते है उस पुस्तकालय में छात्रों को बैठने तक कि सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है। यह हालात राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज़ मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय का दूसरा खंड या भाग जिसे राज्य पुस्तकालय में जगह की कमी के चलते सांध्यकालीन अध्ययन केंद्र (इवनिंग कॉलेज) के भवन में चलाया जा रहा है उसके है।


Body:इस पुस्तकालय की हालत इतनी ख़स्ताहाल है कि यहां छात्रों को सही तरीके से बैठने तक कि जगह भी नसीब नहीं हो पा रही है। ज्ञान के इस मंदिर में जहां अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना को लेकर छात्र परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते है वह किताबों के रैक की बीच जमीन पर बची हुए जगह पर दरी बिछा कर उस पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है। कुछ एक कुर्सियां टेबल पुस्तकालय में लगाए गए है लेकिन वह कुर्सियां इस हालत में नहीं है कि उन पर बैठकर छात्र आराम से पढ़ पाए। ऐसे में विकल्प के तौर पर जो दरी फर्श पर बिछाई गई है चाहे वह जगह-जगह से फटी ही हो लेकिन छात्र उस पर बैठकर ही अपनी पढ़ाई कर रहे है। इस पुस्तकालय की स्थिति किसी कबूतरखाने से कम नहीं है बावजूद इसके भी छात्रों का यहां आना ओर यहां आ कर पढ़ना उनकी मजबूरी बन चुका है। आलम यह है कि पुस्तकालय में जगह पाने के लिए भी लाइन छात्र पुस्तकालय खुलने से पहले ही लगा देते है लेकिन जगह फिर भी नहीं मिल पाती। जगह पाने के लिए रोज धक्का मुक्की छात्रों को करनी पड़ती है।


Conclusion:पुस्तकालय में किताबों का तो भंडार है लेकिन इन किताबों से ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकालय ने जगह पाने के लिए क़ई बार छात्रों में झगड़े तक जो जाते है। इन्ही किताबों की रैक्स के बीच जहां भी कहीं थोड़ी दी जगह मिल जाए उसके लिए भी छात्रों को एक दूसरे से लड़ना पड़ता है। यहां तक कि पुस्तकालय में एक ही शौचालय है जिसका इस्तेमाल लड़को ओर लड़कियों दोनों को करना पड़ता है। यह शौचालय भी ख़स्ताहाल है। इस पुस्तकालय में पढ़ने आने वाले छात्र इस दशा और पुस्तकालय के हालातों से मुख्यमंत्री तक को अवगत करवा चुके है लेकिन बात मात्र आश्वासनों तक ही सिमट कर रह जाती है और समाधान नहीं निकल पाता है। छात्र अब इस पुस्तकालय के हालातों के आगे थक चुके है। छात्रों की मांग है कि सरकार ने राज्य पुस्तकालय के लिए जो नया भवन विधानसभा के पास बनाया है उसे जल्द से जल्द खोला जाए। छात्रों का कहना है कि सरकार वैसे तो शिक्षा को लेकर क़ई दावे करती है लेकिन पुस्तकालय की हालत से बार-बार अवगत करवाने के बाद भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने नया पुस्तकालय तो बना दिया लेकिन 8 माह बीत गए उस पुस्तकालय को खोला ही नहीं गया है ओर छात्र यहां खस्ताहाल पुस्तकालय में पढ़ाई करने को मजबूर है। छात्रों की एक ही मांग है कि इस पुस्तकालय को जल्द से जल्द नए पुस्तकालय के भवन में शिफ्ट किया जाए जिससे कि छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सके।
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