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चैत्र नवरात्रि: दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की होती है पूजा, कालीबाड़ी मंदिर में कम दिखे श्रद्धालु

आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और इस दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है. वहीं, कोरोना की वजह से नवरात्रि के दूसरे दिन शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में कम ही श्रद्धालु नजर आए.

कालीबाड़ी मंदिर
कालीबाड़ी मंदिर
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Published : Apr 14, 2021, 2:14 PM IST

शिमला: कोरोना की वजह से नवरात्रि के दूसरे दिन शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में कम ही श्रद्धालु नजर आए. नवरात्री के पहले दिन मंदिर में काफी संख्या में लोग आए थे. वहीं, मंदिर के पुजारी अम्लम गोस्वामी ने बताया कि नवरात्रि में हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना का दिन होता है.

मंदिर पुजारी ने कहा कि मां का यह रूप भक्तों को मनचाहे वरदान का आशीर्वाद देता है. मां के नाम का पहला अक्षर ब्रह्म होता है जिसका मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना. मान्यता है कि इनकी पूजा से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है.

वीडियो.

नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा विधि

सबसे पहले सुबह नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. अब ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर स्थापित करें. हाथ में फूल लेकर ब्रह्माचारिणी देवी का ध्यान करें. माता के चित्र या मूर्ति पर फूल चढ़ाएं और नैवेद्य अर्पण करें. मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री पसंद है, इसलिए उन्‍हें चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग चढ़ाएं. माता को दूध से बने व्‍यंजन भी अतिप्रिय हैं तो आप उन्‍हें दूध से बने व्‍यंजनों का भोग लगा सकते हैं.

कोरोना नियमों का हो रहा पालन

पुजारी ने बताया कि पूरी दुनिया मे कोविड फैला हुआ है जिसकी वजह से कम ही श्रद्धाल आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में सुबह के समय और शाम के समय श्रद्धालु दर्शन के लिये आते हैं और मंदिर में सरकारों द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन होता है. सभी श्रद्धालु कोरोना के नियमों का जैसे मास्क लगाना सोशल डिस्टेंसिंग रखना आदि नियमों का पालन कर रहे हैं.

भी पढ़ेंः आलू बीज का भुगतान न करने पर LPS की कार्रवाई, डिफाल्टर व्यापारियों की 70 लाख की संपत्ति अटैच

शिमला: कोरोना की वजह से नवरात्रि के दूसरे दिन शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में कम ही श्रद्धालु नजर आए. नवरात्री के पहले दिन मंदिर में काफी संख्या में लोग आए थे. वहीं, मंदिर के पुजारी अम्लम गोस्वामी ने बताया कि नवरात्रि में हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना का दिन होता है.

मंदिर पुजारी ने कहा कि मां का यह रूप भक्तों को मनचाहे वरदान का आशीर्वाद देता है. मां के नाम का पहला अक्षर ब्रह्म होता है जिसका मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना. मान्यता है कि इनकी पूजा से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है.

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नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा विधि

सबसे पहले सुबह नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. अब ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर स्थापित करें. हाथ में फूल लेकर ब्रह्माचारिणी देवी का ध्यान करें. माता के चित्र या मूर्ति पर फूल चढ़ाएं और नैवेद्य अर्पण करें. मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री पसंद है, इसलिए उन्‍हें चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग चढ़ाएं. माता को दूध से बने व्‍यंजन भी अतिप्रिय हैं तो आप उन्‍हें दूध से बने व्‍यंजनों का भोग लगा सकते हैं.

कोरोना नियमों का हो रहा पालन

पुजारी ने बताया कि पूरी दुनिया मे कोविड फैला हुआ है जिसकी वजह से कम ही श्रद्धाल आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में सुबह के समय और शाम के समय श्रद्धालु दर्शन के लिये आते हैं और मंदिर में सरकारों द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन होता है. सभी श्रद्धालु कोरोना के नियमों का जैसे मास्क लगाना सोशल डिस्टेंसिंग रखना आदि नियमों का पालन कर रहे हैं.

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