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Scrub Typhus In Himachal: IGMC शिमला में स्क्रब टाइफस से 9वीं मौत, 14 नए मामले आए सामने

हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से एक महिला की मौत हुई है. ये प्रदेश में 9वीं मौत है. वहीं, 14 नए मामले सामने आए हैं. कैसे फैलता है ये खबर में पढ़ें पूरी जानकारी... (Scrub Typhus In Himachal).

scrub typhus
सांकेतिक तस्वीर.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 7:46 PM IST

शिमला: स्क्रब टाइफस से मौत का सिलसिला लगातार जारी है. आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से एक महिला की मौत हुई है. यह 50 वर्षीय महिला कोटखाई शिमला की रहने वाली थी. वहीं, 14 मामले पॉजिटिव आए हैं. अब स्क्रब से मौत का आंकड़ा 9 पहुंच गया है और पॉजिटिव मामलों की संख्या 295 पहुंच गई है. अभी तक 968 लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं. रोजाना आ रहे मामले को देखते हुए चिकित्सकों ने अब सर्तक रहने के निर्देश दिए हैं.

स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाएं, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.

स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न, शरीर का टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण हैं. स्क्रब टाइफस से बचने के लिए लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें.

ये भी पढे़ं- Scrub Typhus In Himachal: आईजीएमसी शिमला में स्क्रब टाइफस से 7 साल की बच्ची की मौत, 12 नए मामले आए सामने

शिमला: स्क्रब टाइफस से मौत का सिलसिला लगातार जारी है. आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से एक महिला की मौत हुई है. यह 50 वर्षीय महिला कोटखाई शिमला की रहने वाली थी. वहीं, 14 मामले पॉजिटिव आए हैं. अब स्क्रब से मौत का आंकड़ा 9 पहुंच गया है और पॉजिटिव मामलों की संख्या 295 पहुंच गई है. अभी तक 968 लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं. रोजाना आ रहे मामले को देखते हुए चिकित्सकों ने अब सर्तक रहने के निर्देश दिए हैं.

स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाएं, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.

स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न, शरीर का टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण हैं. स्क्रब टाइफस से बचने के लिए लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें.

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