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अस्पताल का नाम है संजीवनी, कारनामा सुन कर ऐसे हॉस्पिटल से उठ जाएगा आपका विश्वास - आईजीएमसी शिमला का एचआईवी मामला

रोहडू के चिडगांव की 22 साल की महिला को 21 अगस्त को रोहड़ू के संजीवनी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. महिला गर्भवती थी और उसे पेट दर्द की शिकायत थी. इस दौरान उसके टेस्ट किए गए तो महिला के शरीर में खून की कमी बताई गई. इस दौरान महिला की हालत बिगड़ गई और कोमा में जाने के बाद उसकी मौत हो गई.

sanjeevani hospital hiv report case
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Published : Aug 31, 2019, 12:22 PM IST

शिमलाः अगर आप बीमार हैं और निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए. कंही ऐसा न हो कि निजी अस्पताल के भरोसे आपको अपनी जान गवानी पड़े. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि एक महिला रोहडू के निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने गई. जंहा उसे एचआईवी (HIV) पॉजिटिव बताया गया और शिमला (Shimla) में जब इस बात का उसे पता चला तो वो इस सदमे को सहन नहीं कर पाई और कोमा में चली गई. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

  • यह है पूरा मामला

शिमला के रोहडू के चिडगांव की 22 साल की महिला को 21 अगस्त को रोहड़ू के संजीवनी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. महिला गर्भवती थी और उसे पेट दर्द की शिकायत थी. इस दौरान उसके टेस्ट किए गए तो महिला के शरीर में खून की कमी बताई गई. इसके बाद उसके एचआईवी के टेस्ट किए गए और रिपोर्ट पोजिटिव पाई गई. महिला को शिमला के कमला नेहरू अस्पताल भेजा गया. यहां से महिला आईजीएमसी शिमला ले जाया गया. इस दौरान महिला की हालत बिगड़ गई और कोमा में जाने के बाद उसकी मौत हो गई.

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  • विधानसभा में भी उठा था मुद्दा

बुधवार को हिमाचल विधानसभा में भी यह मुद्दा गूंजा था. मानसून सत्र के दौरान सदन में रोहड़ू से कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने मामला उठाया था. इस पर सीएम ने स्वास्थ्य निदेशक को जांच के आदेश दिए थे. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि 15 दिन में मामले की जांच की जाएगी.

  • क्या है एचआईवी एड्स?

एचआईवी एड्स से तात्पर्य ऐसी बीमारी से है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण होती है. इसके अलावा यह बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस की वजह से भी होती है, जिसका असर व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है. हालांकि, अब तक एचआईवी एड्स के इलाज का कोई सर्वोत्तम तरीके का पता नहीं चला है लेकिन, इसके बावजूद यह राहत की बात है कि ऐसी बहुत सारी दवाइयां, जिनकी सहायता से एचआईवी एड्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

  • एचआईवी एड्स के लक्षण

किसी भी अन्य बीमारी की तरह एचआईवी एड्स के भी कुछ लक्षण होते हैं, जो उसकी शुरुआत के संकेत देते हैं. यदि किसी व्यक्ति को ये 5 लक्षण नजर आते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपने स्वास्थ की अच्छी तरह से जांच करानी चाहिए.

  • बुखार होना- यह एचआईवी एड्स का प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार बुखार होता है. आमतौर पर, बुखार को सामान्य समस्या समझकर उसे नजरअदाज कर दिया जाता है, लेकिन, कई बार बुखार का लंबे समय तक रहना किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है.
  • सिरदर्द होना- एचआईवी एड्स का अन्य लक्षण सिरदर्द होना भी है. कई बार इसे तनाव या थकान के परिणाम के रूप में देखा जाता है और इसके लिए सिरदर्द की गोली या फिर आराम करने जैसे उपायों को अपनाया जाता है लेकिन, जब सिरदर्द में आराम किसी भी तरीके से नहीं मिलता है तो व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह माइग्रेन या एचआईवी एड्स जैसी गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है.
  • त्वचा पर चकत्ते का होना- एचआईवी एड्स का असर त्वचा पर भी पड़ता है और इसकी वजह से त्वचा के रंग में बदलाव होने के साथ-साथ उस पर धब्बे या चकत्ते इत्यादि समस्याएं भी होती हैं. यदि कोई व्यक्ति ऐसी किसी समस्या से पीड़ित है, तो उसकी तुरंत उसकी जांच करानी चाहिए ताकि इसे समय तक काबू में किया जा सके और इसके साथ में एचआईवी एड्स की संभावना को भी किया जा सके.
  • गले में खराश होना- अक्सर, ऐसा देखा गया है कि एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों को इसकी शरुआत में गले की खराश की शिकायत रहती है. यदि किसी शख्स के गले में अचानक से खराश होने लगी है और उसमें किसी उपाय से आराम नहीं मिल रहा है तो उसे इसकी जांच अच्छी तरह से करानी चाहिए.
  • पेट में दर्द होना- एचआईवी एड्स का अन्य लक्षण पेट में दर्द होना भी है. हो सकता है कि अधिकांश लोगों को इस पर विश्वास न हो लेकिन, एचआईवी एड्स के ऐसे बहुत सारे मामले देखने को मिले हैं, जिसकी शुरुआत पेट के दर्द से हुई थी.

शिमलाः अगर आप बीमार हैं और निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए. कंही ऐसा न हो कि निजी अस्पताल के भरोसे आपको अपनी जान गवानी पड़े. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि एक महिला रोहडू के निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने गई. जंहा उसे एचआईवी (HIV) पॉजिटिव बताया गया और शिमला (Shimla) में जब इस बात का उसे पता चला तो वो इस सदमे को सहन नहीं कर पाई और कोमा में चली गई. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

  • यह है पूरा मामला

शिमला के रोहडू के चिडगांव की 22 साल की महिला को 21 अगस्त को रोहड़ू के संजीवनी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. महिला गर्भवती थी और उसे पेट दर्द की शिकायत थी. इस दौरान उसके टेस्ट किए गए तो महिला के शरीर में खून की कमी बताई गई. इसके बाद उसके एचआईवी के टेस्ट किए गए और रिपोर्ट पोजिटिव पाई गई. महिला को शिमला के कमला नेहरू अस्पताल भेजा गया. यहां से महिला आईजीएमसी शिमला ले जाया गया. इस दौरान महिला की हालत बिगड़ गई और कोमा में जाने के बाद उसकी मौत हो गई.

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  • विधानसभा में भी उठा था मुद्दा

बुधवार को हिमाचल विधानसभा में भी यह मुद्दा गूंजा था. मानसून सत्र के दौरान सदन में रोहड़ू से कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने मामला उठाया था. इस पर सीएम ने स्वास्थ्य निदेशक को जांच के आदेश दिए थे. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि 15 दिन में मामले की जांच की जाएगी.

  • क्या है एचआईवी एड्स?

एचआईवी एड्स से तात्पर्य ऐसी बीमारी से है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण होती है. इसके अलावा यह बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस की वजह से भी होती है, जिसका असर व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है. हालांकि, अब तक एचआईवी एड्स के इलाज का कोई सर्वोत्तम तरीके का पता नहीं चला है लेकिन, इसके बावजूद यह राहत की बात है कि ऐसी बहुत सारी दवाइयां, जिनकी सहायता से एचआईवी एड्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

  • एचआईवी एड्स के लक्षण

किसी भी अन्य बीमारी की तरह एचआईवी एड्स के भी कुछ लक्षण होते हैं, जो उसकी शुरुआत के संकेत देते हैं. यदि किसी व्यक्ति को ये 5 लक्षण नजर आते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपने स्वास्थ की अच्छी तरह से जांच करानी चाहिए.

  • बुखार होना- यह एचआईवी एड्स का प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार बुखार होता है. आमतौर पर, बुखार को सामान्य समस्या समझकर उसे नजरअदाज कर दिया जाता है, लेकिन, कई बार बुखार का लंबे समय तक रहना किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है.
  • सिरदर्द होना- एचआईवी एड्स का अन्य लक्षण सिरदर्द होना भी है. कई बार इसे तनाव या थकान के परिणाम के रूप में देखा जाता है और इसके लिए सिरदर्द की गोली या फिर आराम करने जैसे उपायों को अपनाया जाता है लेकिन, जब सिरदर्द में आराम किसी भी तरीके से नहीं मिलता है तो व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह माइग्रेन या एचआईवी एड्स जैसी गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है.
  • त्वचा पर चकत्ते का होना- एचआईवी एड्स का असर त्वचा पर भी पड़ता है और इसकी वजह से त्वचा के रंग में बदलाव होने के साथ-साथ उस पर धब्बे या चकत्ते इत्यादि समस्याएं भी होती हैं. यदि कोई व्यक्ति ऐसी किसी समस्या से पीड़ित है, तो उसकी तुरंत उसकी जांच करानी चाहिए ताकि इसे समय तक काबू में किया जा सके और इसके साथ में एचआईवी एड्स की संभावना को भी किया जा सके.
  • गले में खराश होना- अक्सर, ऐसा देखा गया है कि एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों को इसकी शरुआत में गले की खराश की शिकायत रहती है. यदि किसी शख्स के गले में अचानक से खराश होने लगी है और उसमें किसी उपाय से आराम नहीं मिल रहा है तो उसे इसकी जांच अच्छी तरह से करानी चाहिए.
  • पेट में दर्द होना- एचआईवी एड्स का अन्य लक्षण पेट में दर्द होना भी है. हो सकता है कि अधिकांश लोगों को इस पर विश्वास न हो लेकिन, एचआईवी एड्स के ऐसे बहुत सारे मामले देखने को मिले हैं, जिसकी शुरुआत पेट के दर्द से हुई थी.
Intro:अगर आप बीमार है और सरकारी अस्पतालों के चक्कर खाने के बजाय निजी अस्पताल में इलाज करा रहे है तो जरा सावधान हो जाइये।कंही ऐसा न हो कि निजी अस्पताल के भरोसे आपको अपनी जान गवानी पड़े।ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि एक महिला रोहडू के निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने गई जंहा उसे एचआईवी पोजटिव बताया गया और शिमला में जब इस बात का उसे पता चला तो वी इस सदमें को सहन नही कर पाई और कोमा में चली गई और उसके बाद उसकी मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते है।Body:
शिमला में गलत एच् आईवी की रिपोर्ट से हुई रोहड़ू की महिला की मौत के बाद अब परिजनों ने इस मामले की पूरी जांच की मांग की है।परिजनों का कहना है कि इस मामले में निजी अस्पताल संजीवनी ने बड़ी लापरवाही कर एक महिला को मौत की नींद सुला दिया।मृतक महिला के भाई और पिता ने इस मामले में अस्पताल को दोषी ठहराते हुए कहा है कि 21अगस्त को महिला की पेट मे दर्द होने के चलते उसे अस्पताल लाया गया जंहा डॉक्टरों ने उसे खून की कमी होने के चलते उसे शिमला रेफर कर दिया।इस दौरान परिजनों ने महिला के लिए खून रोहडू में उपलब्ध कराने को कहा जिससे इलाज रोहड़ू में ही हो जाये। लेकिन डॉक्टर ने इस महिला का इलाज करने से मना कर दिया।और ये कहा की महिला के कई टेस्ट ठीक नही आ रहे है।जिसके बाद उसे कमला नेहरू अस्पताल शिमला भेज दिया गया।

मृतक महिला के भाई का कहना है कि शिमला में उसका ऑपरेशन होने के बाद भी वो ठीक थी लेकिन जैसे ही डॉक्टरों ने महिला के आती से इस बारे में बातचीत की तो महिला डॉक्टरों की बातों से सहम गई। रोहडू से भेजी गई रिपोर्ट में महिला को एच आईवी पोसिटिव दर्शाया गया था।उसके बाद उसे कमला नेहरू अस्पताल से आईजीएमसी भेज दिया।महिला इस सदमे को बर्दाश्त नही कर पाई और कोमा में चली गई।डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया इस दौरान डॉक्टरों ने अपने स्तर पर महिला के पति को भी टेस्ट लेने को कहा ओर जंहा फिर से महिला के टेस्ट लिए गए इस दौरान टेस्ट में एचआईवी की रिपोर्ट नेगटिव आई लेकिन तब तक शायद देर हो गई थी महिला उस रिपोर्ट को देखने लायक नही रही और उसकी इस सदमे में ही मौत हो गई।

बाईट,,, मृतक महिला का भाई

परिजनों का कहना है कि रोहडू अस्पताल में दी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया जो गैरकानूनी है।परिजनों का आरोप है कि अगर महिला की रिपोर्ट गलत आई थी तो उसके बाद उसे गुप्त क्यो नही रखा गया और क्यो एक बार अस्पताल ने फिर से टेस्ट नही लिया।मृतक के परिजनों का कहना है कि शिमला में लिए गए टेस्ट से उस महिला की इज्ज़त पर लगा दाग तो मिट गया लेकिन अगर उसकी मौत बिना टेस्ट लिए हो जाती तो जिंदगी भर उन्हें समाज के ताने सुनने पड़ते। परिजनों का कहना है कि इस मामले की सरकार और स्वास्थ्य विभाग जांच करे जिससे दोषियों को सजा मिले और अन्य किसी के साथ ऐसा न हो सरकार इस बारे में भी कोई उचित कदम उठाए।

बाईट,,,मृतक महिला का भाई

रोहड़ू के निजी अस्पताल में हुए एचआईवी टेस्ट को लेकर हमने अस्पताल का दौरा किया ओर मीडिया में आ रही रिपोर्ट ओर परिजनों की ओर से लगाए जा रहे आरोपो को जाने की कोशिश की इस दौरान अस्पताल के एमडी ओर स्त्री रोग के विशेषज्ञ चिन्मय देव बर्मा का कहना है पीड़ित महिला के चेकअप के दौरान उसका ब्लड टेस्ट एचआईवी पोसिटिव आया उसके बाद महिला का दोबारा टेस्ट किया जिसमें फिर से एचआईवी आया।जिसके बाद अस्पताल में खून की कमी और महिला के उचित इलाज के लिए उसे शिमला रैफर कर दिया गया।उन्होंने कहा कि एचआईवी की रिपोर्ट को बंद लिफाफे में देने के लिए कोई गाइडलाइंस कंही नही।जिसके चलते रिपोर्ट को दे दिया गया।जिसके बाद शिमला में इसका खुलासा हुआ।लेकिन उनकी तरफ से दी गई रिपोर्ट एचआईवी पोसिटिव ही आई है।Conclusion:आपको बता दे कि शिमला में हुई इस महिला की मौत का मुद्दा विधानसभा में भी गुंजा।जिस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना पड़ा।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मुद्दे पर 15 दिन के अंदर विभाग से जवाब तलब किया है।अब देखना ये है कि विभाग रोहड़ू के संजीवनी अस्पताल पर क्या करवाई करती है। जिस तकनीक से महिला का टेस्ट लिया गया क्या वो सही है या टेस्ट लेने में अस्पताल ने कोई कोताही बरती है।

ठेयोग से सुरेश शर्मा की रिपोर्ट
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