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Shimla Mayor And BJP Councilor Clash: शिमला नगर निगम की बैठक में जमकर हुआ हंगामा, भाजपा पार्षद ओर महापौर में हुई तीखी नोकझोंक

आज शिमला नगर निगम की मंथली मीटिंग की गई. इ, दौरान बैठक में मेयर और बीजेपी पार्षद में तीखी नोकझोंक हुआ है. कृष्णा नगर के पार्षद बिट्टू पाना ने आरोप लगाया कि आपदा के बाद मेयर ने उनके वार्ड का दौरा नहीं किया. पढ़िए पूरी खबर...(Shimla Municipal Corporation Meeting) (Shimla Mayor And BJP Councilor Clash)

Shimla Mayor And BJP Councilor Clash
शिमला नगर निगम की बैठक
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 9:40 PM IST

शिमला: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ. कृष्णा नगर के पार्षद बिट्टू पाना ने मामला उठाया कि उनके वार्ड में इतना नुकसान हुआ, इसके बावजूद मेयर की ओर से कोई भी मदद नहीं मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ने उनके वार्ड का दौरा भी नहीं किया. इस पर मेयर सुरेंद्र चौहान ने उन्हें समझाया कि ऐसा नहीं हैं, शहर ही नहीं पूरे हिमाचल में एक आपदा आई है. इस आपदा के दौरान सभी को बेहतर राहत मिल सके, इसके लिए काम किया है, लेकिन बातों बात में कुछ ही समय बाद दोनों के बीच में तीखी नौकझोंक हो गई.

पार्षद ने आरोप लगाया कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही. मेयर ने कहा कि आपकी बात सुनी जाएगी. बैठक में बेहतर माहौल बनाए रखे. इसका माहौल खराब न करें. सभी को बात रखने का मौका दिया जाएगा. वही भाजपा पार्षद बिटु पाना ने शहर में कृष्णा नगर निगम में स्लाटर हाउस के गिरने में अनियमितता बरतने के आरोप लगाये और कहा स्लाटर हाउस का निर्माण नियमों के तहत नहीं हुआ है. जिससे वहां अन्य भवनों को भी नुकसान हुआ है. इसकी जांच की गई है और जब कृष्णा नगर में आई आपदा को लेकर चर्चा का समय मांगा गया तो, उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया.

वही, भाजपा की वरिष्ठ पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा शहर में काम से लेकर अन्य कार्यों में भेदभाव हो रहा है. यह गलत है, इसके बाद नगर निगम में प्रश्न काल शुरू हो गया. इसमें सामुदायिक भवनों को नगर निगम के पास दोबारा वापस ठेकेदारों से वापस लेकर देने की बात उठाई गई. पार्षद ने कहा ठेकेदारों से ये सामुयादिक भवन वापस लेनी होगी. इसका खामियाजा आम जनता और स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

समरहिल के पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया की समरहिल में जब आपदा आई तो लोगों को ठहरने के लिए जगह नहीं थी. यदि सामुदायिक भवन निगम के खुद का पास होता तो यह दिक्कत ना आती. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सभी सामुदायिक भवन को निगम वापस ले और खुद चलाए. इस पर निगम के आयुक्त ने कहा कि निगम का एक ही सामुदायिक भवन समरहिल में ठेकेदार को दे रखा है, वह काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. ठेकेदार ने खुद पत्र देकर इसे निगम को सौंप दिया है. अन्य सभी सामुदायिक भवन ठीक चल रहे हैं.

शहर के टाउन हॉल की रिपोर्ट पर भी सरोज ठाकुर ने कहा रिपोर्ट सौंप दी है. इस पर भी चर्चा की जानी चाहिए. इस पर चर्चा नहीं हो रही है. पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने भी कहा कि इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है. इसके बावजूद इस पर चर्चा नहीं हो रही है. इस पर आयुक्त ने कहा कि ये रिपोर्ट आपने सौंप दी है. अभी इस पर इसके बाद यह रिपोर्ट नगर निगम के हाउस में मंगवाई गई.

पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने उठाए ढली सुरंग पर सवाल: कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने अधिकारियों को घेरते हुए कहा कि ये सही से काम करें. उन्होंने ढली में बन रही सुरंग के साथ की सड़क मामला उठाते हुए कहा कि इसकी हालत खराब हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां मिट्टी फेंकी जा रही है. इससे हालत सुधरने की बजाय खराब हो रही है. अधिकारी अक्टूबर में ठीक करने की बात कर रहे हैं, लेकिन अगले साल तक भी इसकी हालत में सुधार की उम्मीद नहीं हैं.

बैठक में ये आए प्रस्ताव

  1. बैठक में निगम के अधिकारी डीपी सिंह व लैब के कर्मचारी को सेवाविस्तार देने का मामला आया. इसे स्वीकृति के लिए सरकार को भेजने का फैसला लिया है.
  2. शहर मे बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 9 करोड़ से ज्यादा के प्रस्तावों को स्वीकृति.
  3. जाखू के अमर पार्किंग की एक मंजिल को खाली कमरों का आँगनवाड़ी को दिया जाएगा.
  4. वार्ड नंबर 20के कार्यालय की खाली मंजिल में डिस्पेंसरी खोलने को दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: Himachal Disaster: केंद्र से नहीं मिला कोई बड़ा आर्थिक पैकेज, राहत कार्यों में पैसों की कमी बन रही रोड़ा: विक्रमादित्य सिंह

शिमला: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ. कृष्णा नगर के पार्षद बिट्टू पाना ने मामला उठाया कि उनके वार्ड में इतना नुकसान हुआ, इसके बावजूद मेयर की ओर से कोई भी मदद नहीं मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ने उनके वार्ड का दौरा भी नहीं किया. इस पर मेयर सुरेंद्र चौहान ने उन्हें समझाया कि ऐसा नहीं हैं, शहर ही नहीं पूरे हिमाचल में एक आपदा आई है. इस आपदा के दौरान सभी को बेहतर राहत मिल सके, इसके लिए काम किया है, लेकिन बातों बात में कुछ ही समय बाद दोनों के बीच में तीखी नौकझोंक हो गई.

पार्षद ने आरोप लगाया कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही. मेयर ने कहा कि आपकी बात सुनी जाएगी. बैठक में बेहतर माहौल बनाए रखे. इसका माहौल खराब न करें. सभी को बात रखने का मौका दिया जाएगा. वही भाजपा पार्षद बिटु पाना ने शहर में कृष्णा नगर निगम में स्लाटर हाउस के गिरने में अनियमितता बरतने के आरोप लगाये और कहा स्लाटर हाउस का निर्माण नियमों के तहत नहीं हुआ है. जिससे वहां अन्य भवनों को भी नुकसान हुआ है. इसकी जांच की गई है और जब कृष्णा नगर में आई आपदा को लेकर चर्चा का समय मांगा गया तो, उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया.

वही, भाजपा की वरिष्ठ पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा शहर में काम से लेकर अन्य कार्यों में भेदभाव हो रहा है. यह गलत है, इसके बाद नगर निगम में प्रश्न काल शुरू हो गया. इसमें सामुदायिक भवनों को नगर निगम के पास दोबारा वापस ठेकेदारों से वापस लेकर देने की बात उठाई गई. पार्षद ने कहा ठेकेदारों से ये सामुयादिक भवन वापस लेनी होगी. इसका खामियाजा आम जनता और स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

समरहिल के पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया की समरहिल में जब आपदा आई तो लोगों को ठहरने के लिए जगह नहीं थी. यदि सामुदायिक भवन निगम के खुद का पास होता तो यह दिक्कत ना आती. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सभी सामुदायिक भवन को निगम वापस ले और खुद चलाए. इस पर निगम के आयुक्त ने कहा कि निगम का एक ही सामुदायिक भवन समरहिल में ठेकेदार को दे रखा है, वह काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. ठेकेदार ने खुद पत्र देकर इसे निगम को सौंप दिया है. अन्य सभी सामुदायिक भवन ठीक चल रहे हैं.

शहर के टाउन हॉल की रिपोर्ट पर भी सरोज ठाकुर ने कहा रिपोर्ट सौंप दी है. इस पर भी चर्चा की जानी चाहिए. इस पर चर्चा नहीं हो रही है. पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने भी कहा कि इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है. इसके बावजूद इस पर चर्चा नहीं हो रही है. इस पर आयुक्त ने कहा कि ये रिपोर्ट आपने सौंप दी है. अभी इस पर इसके बाद यह रिपोर्ट नगर निगम के हाउस में मंगवाई गई.

पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने उठाए ढली सुरंग पर सवाल: कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने अधिकारियों को घेरते हुए कहा कि ये सही से काम करें. उन्होंने ढली में बन रही सुरंग के साथ की सड़क मामला उठाते हुए कहा कि इसकी हालत खराब हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां मिट्टी फेंकी जा रही है. इससे हालत सुधरने की बजाय खराब हो रही है. अधिकारी अक्टूबर में ठीक करने की बात कर रहे हैं, लेकिन अगले साल तक भी इसकी हालत में सुधार की उम्मीद नहीं हैं.

बैठक में ये आए प्रस्ताव

  1. बैठक में निगम के अधिकारी डीपी सिंह व लैब के कर्मचारी को सेवाविस्तार देने का मामला आया. इसे स्वीकृति के लिए सरकार को भेजने का फैसला लिया है.
  2. शहर मे बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 9 करोड़ से ज्यादा के प्रस्तावों को स्वीकृति.
  3. जाखू के अमर पार्किंग की एक मंजिल को खाली कमरों का आँगनवाड़ी को दिया जाएगा.
  4. वार्ड नंबर 20के कार्यालय की खाली मंजिल में डिस्पेंसरी खोलने को दी जाएगी.

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