शिमलाः शहर में पानी और नगर निगम द्वारा खरीदी जा रही पार्किंग पर शुक्रवार को सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. सदन में 58 करोड़ से लिफ्ट पार्किंग को खरीदने का प्रस्ताव निगम की ओर से सदन में लाया गया. जिस का पार्षदों ने विरोध किया और अलग से कार्यालय बनाने की मांग की.
पानी ना देने पर भड़के टूटू के पार्षद
वहीं पानी को लेकर टूटू से पार्षद विवेक ने 24 घंटे पानी ना देने पर सदन में जल निगम के अधिकारियों से जवाब मांगा. जिस पर जल निगम से कोई संतुष्ट जवाब ना देने पर वे भड़क गए और सदन से उन्होंने वॉकआउट किया. साथ ही उन्होंने जल निगम पर लोगों को गुमराह करने पर भारी-भरकम बिल देने के आरोप लगाए.
उनका कहना है कि जल निगम ने 4 साल पहले 24 घंटे पानी संजौली और टूटू को पायलट प्रोजेक्ट पर देने का ऐलान किया था. लेकिन 24 घंटे तो दूर टूटू में लोगों को समय पर दिन में एक बार भी पानी नहीं मिल रहा है. विवेक ने कहा कि पिछली मासिक बैठक में उन्हें 24 घण्टे पानी देने के लिए कहा गया था. लेकिन इस बार जब सवाल किया गया तो अधिकारी अब कोलडैम से पानी आने के बाद ही 24 घण्टे पानी देने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि टूटू में पानी की किल्लत है और जल निगम लोगों को गुमराह करने का काम कर रहा है.
पार्षद इंद्रजीत सिंह ने किया विरोध
वही कांग्रेस के पार्षद इंद्रजीत सिंह ने कहा कि लिफ्ट के पास नगर निगम की जमीन पर ही पार्किंग बनाई गई है और अब नगर निगम इस पार्किंग को किसी व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए 58 करोड में खरीदने जा रही है. जबकि नगर निगम अपना कार्यालय अलग से बना सकता है. निगम की ओर से सदन में इसको लेकर प्रस्ताव लाया गया था. जिसका सभी पार्षदों ने विरोध किया.
सब्जी मंडी में ही बनेगा नगर निगम का कार्यालय
वहीं नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम के एक ही छत के नीचे सभी कार्यालय हो इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. सरकार से अलग से नगर निगम का कार्यालय बनाने के लिए 50 करोड़ की राशि आई है और नगर निगम के लिफ्ट के पास पार्किंग में ऑफिस बनाने के लिए खरीदने का प्रस्ताव सदन में लाया गया. जिसका पार्षदों ने विरोध किया है और अब सब्जी मंडी में ही नगर निगम अपना कार्यालय बनाएगा.
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