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कोरोना कर्फ्यू से ठप पड़ा पर्यटन कारोबार, शिमला रेलवे स्टेशन के कुली हुए बेरोजगार - Coolie of shimla railway station lost work due to corona curfew

हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की ओर से कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद एक बार फिर प्रदेश का पर्यटन कारोबार ठप हो गया. इसी के साथ शिमला रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले लोग भी बेरोजगार हो गए हैं. कर्फ्यू से पहले यहां पर जम्मू-कश्मीर के 64 लोग कुली के रुप में काम कर रहे थे लेकिन आमदनी रुकने की वजह से 63 लोग वापस घर लौट गए हैं.

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Published : May 25, 2021, 4:22 PM IST

Updated : May 25, 2021, 4:53 PM IST

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में हर वक्त पर्यटकों का तांता लगा रहता था. पर्यटकों की वजह से शिमला रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों का काम भी निरंतर चलता रहता था. अब हालात बदल गए हैं. कोरोना कर्फ्यू लगने की वजह से न तो पर्यटक शिमला में दिखाई दे रहे हैं और ना ही कुली अपनी रोजी-रोटी कमा पा रहे हैं.

सरकार के पास आर्थिक समस्या का हल नहीं

कोरोना वायरस से लड़ते-लड़ते देश को 1 साल से ज्यादा हो गया है. कोरोना के खिलाफ जारी जंग में हम धीरे-धीरे सफलता भी हासिल करने लगे हैं. कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन और सरकार की ओर से लॉकडाउन या कर्फ्यू का सहारा लिया जाता है और यह कारगर भी साबित होता है लेकिन इस कर्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से लोगों की आर्थिकी पर जो असर पड़ता है. उसका हल सरकार के पास न कल था और न आज है.

वीडियो.

64 में से 63 कुली वापस जम्मू-कश्मीर लौटे

शिमला में पर्यटन कारोबार का जो हाल है, वह किसी से छिपा नहीं है. कर्फ्यू के दौरान प्रदेश में कुछ छूट तो दी गई है लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है. शिमला के रेलवे स्टेशन सुनसान पड़े हैं. यह स्टेशन और यहां पर काम करने वाले कुली अब पर्यटकों को देखने के लिए तरस गए हैं. शिमला रेलवे स्टेशन पर जम्मू-कश्मीर के करीब 64 लोग कुली का काम करते थे लेकिन हालात इतने बुरे हो गए हैं कि गुजारा करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में सभी वापस घर लौट गए हैं. इनमें से सिर्फ मकसूद कुली यहां पर रुके हुए हैं. मकसूद के मुताबिक अपने 45 सालों के कामकाज के दौरान उन्होंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. मकसूद कहते हैं कि कोरोना ने सबकुछ चौपट कर दिया है. सरकार की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है.

30-40 प्रतिशत कम हुई पर्यटकों की संख्या

शिमला पहुंचे पर्यटक से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुली न मिलने की वजह से उन्हें दिक्कतें आ रही हैं. सामान ढोने के लिए कोई मिल ही नहीं रहा. शिमला रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर का कहना है कि पर्यटकों की संख्या 30-40 प्रतिशत कम हुई है. आने वाले समय में क्या स्थिति होगी, यह कहना तो मुश्किल है. बस आशा की जाती है कि सब सही हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस प्रवक्ता ने राज्य सरकार को घेरा, लगाए ये आरोप

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में हर वक्त पर्यटकों का तांता लगा रहता था. पर्यटकों की वजह से शिमला रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों का काम भी निरंतर चलता रहता था. अब हालात बदल गए हैं. कोरोना कर्फ्यू लगने की वजह से न तो पर्यटक शिमला में दिखाई दे रहे हैं और ना ही कुली अपनी रोजी-रोटी कमा पा रहे हैं.

सरकार के पास आर्थिक समस्या का हल नहीं

कोरोना वायरस से लड़ते-लड़ते देश को 1 साल से ज्यादा हो गया है. कोरोना के खिलाफ जारी जंग में हम धीरे-धीरे सफलता भी हासिल करने लगे हैं. कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन और सरकार की ओर से लॉकडाउन या कर्फ्यू का सहारा लिया जाता है और यह कारगर भी साबित होता है लेकिन इस कर्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से लोगों की आर्थिकी पर जो असर पड़ता है. उसका हल सरकार के पास न कल था और न आज है.

वीडियो.

64 में से 63 कुली वापस जम्मू-कश्मीर लौटे

शिमला में पर्यटन कारोबार का जो हाल है, वह किसी से छिपा नहीं है. कर्फ्यू के दौरान प्रदेश में कुछ छूट तो दी गई है लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है. शिमला के रेलवे स्टेशन सुनसान पड़े हैं. यह स्टेशन और यहां पर काम करने वाले कुली अब पर्यटकों को देखने के लिए तरस गए हैं. शिमला रेलवे स्टेशन पर जम्मू-कश्मीर के करीब 64 लोग कुली का काम करते थे लेकिन हालात इतने बुरे हो गए हैं कि गुजारा करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में सभी वापस घर लौट गए हैं. इनमें से सिर्फ मकसूद कुली यहां पर रुके हुए हैं. मकसूद के मुताबिक अपने 45 सालों के कामकाज के दौरान उन्होंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. मकसूद कहते हैं कि कोरोना ने सबकुछ चौपट कर दिया है. सरकार की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है.

30-40 प्रतिशत कम हुई पर्यटकों की संख्या

शिमला पहुंचे पर्यटक से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुली न मिलने की वजह से उन्हें दिक्कतें आ रही हैं. सामान ढोने के लिए कोई मिल ही नहीं रहा. शिमला रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर का कहना है कि पर्यटकों की संख्या 30-40 प्रतिशत कम हुई है. आने वाले समय में क्या स्थिति होगी, यह कहना तो मुश्किल है. बस आशा की जाती है कि सब सही हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस प्रवक्ता ने राज्य सरकार को घेरा, लगाए ये आरोप

Last Updated : May 25, 2021, 4:53 PM IST
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