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जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स पर नहीं होगी भर्ती, सरकार पॉलिसी के तहत करेगी भर्तियां: मुकेश अग्निहोत्री

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Published : Mar 28, 2023, 7:48 PM IST

जल शक्ति विभाग में अब भर्तियां आउटसोर्स पर नहीं होगी. इसके लिए सरकार नई पॉलिसी तैयार करेगी, जिसके बाद विभाग में भर्तियां करवाई जाएंगी.

हिमाचल जल शक्ति विभाग में नई पॉलिसी
हिमाचल जल शक्ति विभाग में नई पॉलिसी

शिमला: जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स पर नियुक्तियां नहीं की जाएंगी. सरकार किसी पॉलिसी के तहत नियुक्तियां करेगी, ताकि बाद में स्थाई कर्मचारी बन जाएं. ये बात हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को सिंचाई, जलापूर्ति और सफाई पर कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कही. उन्होंने कहा कि विभाग में 5 हजार कर्मचारी लगाए जाएंगे. लेकिन, आउटसोर्स पर भर्तियां नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि पूर्व में जल शक्ति विभाग के साथ काम कर रही क्लीनवेज कंपनी के साथ दोबारा एग्रीमेंट नहीं होगा. क्योंकि इसने विभाग को अपना साम्राज्य बनाया था. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय में हुई भर्तियों में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों का कोई नंबर नहीं दिया जाता था. इसमें बाहर के व्यक्ति को भी तैनात किया जाता था. लेकिन उनकी सरकार इस तरह की पॉलिसी बना रही है, जिससे कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र के व्यक्ति को नंबर मिले.

उन्होंने कहा कि क्लीनवेज कंपनी को 2018 में 517 पानी की स्कीमें ठेके पर दी गईं थी. कंपनी को 2322 लोगों की भर्तियां करने का काम दिया गया था. लेकिन भर्ती का अधिकार विभाग के बग्गी मंडल के एक्सईन को दिया गया था. विभाग में 2322 लोग आउटसोर्स पर भर्ती हुए थे. इनमें 837 पंप ऑपरेटर, 162 फिटर, 735 बेलदार, 538 चौकीदार शामिल हैं. इस कंपनी को कुल 40 करोड़ का ठेका दिया गया था. उन्होंने कहा कि इन भर्तियों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है और ये भर्तियां मात्र पेपर के पन्नों पर की गई.

उन्होंने कहा कि आउटसोर्स में की हुई भर्ती के बाद पूर्व सरकार ने पैरा पॉलिसी लाई. इस पॉलिसी के तहत 8,370 पैरा वर्कर तैनात किए गए, जिसमें पैरा पंप ऑपरेटर और फिटर रखे गए. इस तरह जो पैरा पॉलिसी में आ गए वो किसी तरीके से कर्मचारी बन गए. बाकी कंपनी के ही कर्मचारी रह गए. उन्होंने कहा कि इसी तरह पैरा कूक की भर्ती भी गई और 224 पैरा कुक रेस्ट हाउस में रखे गए.

506 करुणामूलकों को लेकर सरकार लेगी नीतिगत फैसला: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विभाग में करुणामूलक आश्रितों की भर्तियां नहीं की गईं. विभाग में केवल 7 करुणामूलक आश्रित रखे गए, क्योंकि विभाग में पोस्टें डाइंग कैडर की थी. उन्होंने कहा कि 506 लोगों के बारे में सरकार को नीतिगत फैसला करना है.

जल जीवन मिशन के तहत खरीदी गईं 2078 करोड़ की पाइपें: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में 2078 करोड़ की पाइपें खरीदी गईं और अधिकांश पाइपें आखिरी साल में खरीदी गईं. इन पाइपों के बारे में बड़ी शिकायतें आई हैं. कई जगह पाइपों के ट्रक नहीं पहुंचे, तो कई जगह पाइपें कम पहुंती तो कहीं पर ये ठीक ही नहीं करवाई गईं. उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों से पानी की पाइपें खरीदी गई जो कि यह काम करती ही नहीं थी. पाइपें खरीदने की रफ्तार इतनी तेज थी कि इनको जमीन के अंदर डालने का टाइम ही पूर्व सरकार को नहीं मिला.

जलशक्ति विभाग में बंद दफ्तरों का मामला कैबिनेट में ले जाएगा विभाग: डिप्टी सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार के बंद किए गए दफ्तरों के बारे में विभाग ने पूरी रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट को विभाग कैबिनेट में रखेगा. इसके बाद इनके बारे में फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि डिनोटिफाई किए गए कई दफ्तरों को सरकार ने दोबारा से शुरू किया है.

ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार पर CM सुक्खू का निशाना, कहा- लोकतंत्र के जिंदा रहने के लिए विपक्ष का जिंदा रहना जरूरी

शिमला: जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स पर नियुक्तियां नहीं की जाएंगी. सरकार किसी पॉलिसी के तहत नियुक्तियां करेगी, ताकि बाद में स्थाई कर्मचारी बन जाएं. ये बात हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को सिंचाई, जलापूर्ति और सफाई पर कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कही. उन्होंने कहा कि विभाग में 5 हजार कर्मचारी लगाए जाएंगे. लेकिन, आउटसोर्स पर भर्तियां नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि पूर्व में जल शक्ति विभाग के साथ काम कर रही क्लीनवेज कंपनी के साथ दोबारा एग्रीमेंट नहीं होगा. क्योंकि इसने विभाग को अपना साम्राज्य बनाया था. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय में हुई भर्तियों में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों का कोई नंबर नहीं दिया जाता था. इसमें बाहर के व्यक्ति को भी तैनात किया जाता था. लेकिन उनकी सरकार इस तरह की पॉलिसी बना रही है, जिससे कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र के व्यक्ति को नंबर मिले.

उन्होंने कहा कि क्लीनवेज कंपनी को 2018 में 517 पानी की स्कीमें ठेके पर दी गईं थी. कंपनी को 2322 लोगों की भर्तियां करने का काम दिया गया था. लेकिन भर्ती का अधिकार विभाग के बग्गी मंडल के एक्सईन को दिया गया था. विभाग में 2322 लोग आउटसोर्स पर भर्ती हुए थे. इनमें 837 पंप ऑपरेटर, 162 फिटर, 735 बेलदार, 538 चौकीदार शामिल हैं. इस कंपनी को कुल 40 करोड़ का ठेका दिया गया था. उन्होंने कहा कि इन भर्तियों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है और ये भर्तियां मात्र पेपर के पन्नों पर की गई.

उन्होंने कहा कि आउटसोर्स में की हुई भर्ती के बाद पूर्व सरकार ने पैरा पॉलिसी लाई. इस पॉलिसी के तहत 8,370 पैरा वर्कर तैनात किए गए, जिसमें पैरा पंप ऑपरेटर और फिटर रखे गए. इस तरह जो पैरा पॉलिसी में आ गए वो किसी तरीके से कर्मचारी बन गए. बाकी कंपनी के ही कर्मचारी रह गए. उन्होंने कहा कि इसी तरह पैरा कूक की भर्ती भी गई और 224 पैरा कुक रेस्ट हाउस में रखे गए.

506 करुणामूलकों को लेकर सरकार लेगी नीतिगत फैसला: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विभाग में करुणामूलक आश्रितों की भर्तियां नहीं की गईं. विभाग में केवल 7 करुणामूलक आश्रित रखे गए, क्योंकि विभाग में पोस्टें डाइंग कैडर की थी. उन्होंने कहा कि 506 लोगों के बारे में सरकार को नीतिगत फैसला करना है.

जल जीवन मिशन के तहत खरीदी गईं 2078 करोड़ की पाइपें: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में 2078 करोड़ की पाइपें खरीदी गईं और अधिकांश पाइपें आखिरी साल में खरीदी गईं. इन पाइपों के बारे में बड़ी शिकायतें आई हैं. कई जगह पाइपों के ट्रक नहीं पहुंचे, तो कई जगह पाइपें कम पहुंती तो कहीं पर ये ठीक ही नहीं करवाई गईं. उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों से पानी की पाइपें खरीदी गई जो कि यह काम करती ही नहीं थी. पाइपें खरीदने की रफ्तार इतनी तेज थी कि इनको जमीन के अंदर डालने का टाइम ही पूर्व सरकार को नहीं मिला.

जलशक्ति विभाग में बंद दफ्तरों का मामला कैबिनेट में ले जाएगा विभाग: डिप्टी सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार के बंद किए गए दफ्तरों के बारे में विभाग ने पूरी रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट को विभाग कैबिनेट में रखेगा. इसके बाद इनके बारे में फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि डिनोटिफाई किए गए कई दफ्तरों को सरकार ने दोबारा से शुरू किया है.

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