शिमला: प्रदेश में पूर्व कांग्रेस सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए जयराम सरकार ने भी रिटायर्ड अधिकारियों की भर्ती शुरु कर दी है. प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी को पांच साल के लिए रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) का अध्यक्ष बनाया है.
बता दें कि विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने टायर्ड और रिटायर्ड अधिकारियों की फिर से नियुक्तियों का विरोध किया था और चुनाव प्रचार में मुख्य मुद्दा बनाया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी को बड़ा तोहफा दिया है. अधिसूचना के अनुसार बाल्दी को पांच साल के लिए रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) का अध्यक्ष बनाया है.
मिली जानकारी के अनुसार बाल्दी 31 दिसम्बर को मुख्य सचिव के पद से रिटायर होंगे और नए साल में वह रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे. पूर्व आईएएस अधिकारी बीसी बडालिया और वास्तुकार राजीव वर्मा को भी इसका सदस्य बनाया गया है, रेरा मजीठा हाउस स्थित ट्रिब्यूनल भवन से चलेगा.
ये भी पढ़ें: चंबा में दो मंजिला मकान में लगी आग, लाखों का नुकसान
गौर रहे कि अधिसूचना के मुताबिक अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन-भत्तों का अलग से निर्धारण होगा. उल्लेखनीय है कि डॉ. बाल्दी का चयन राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के लिए हुआ था, लेकिन सरकार ने ट्रिब्यूनल बर्खास्त कर दिया था. अब रेरा में अध्यक्ष पद पर इनकी ताजपोशी की गई है. हिमाचल में रेरा शुरू करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को बिल्डरों और प्रमोटर्स की ओर से लगाई जाने वाली वित्तीय चपत से बचाना है.