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Eco Friendly Rakhi: इस बार भाइयों की कलाई पर बांधे ईको फ्रेंडली राखी, गमले में डालने पर निकल आएगा पौधा

इस बार रक्षाबंधन पर अपने भाइयों को ईको फ्रेंडली राखी बांधिए. क्योंकि यह राखी गोबर, पाइन और प्राकृतिक चीजों से बनाई गई है. वहीं, रक्षाबंधन के बाद राखियां टूटने पर भी वेस्ट नहीं होगी. क्योंकि इन राखियों में तुलसी, सूरजमुखी सहित कई फूलों के बीज हैं, जिसे मिट्टी या गमले में डालने पर उसमें पौधे निकल आएंगे. (Raksha Bandhan) (Eco Friendly Rakhi) (Himachal Women made Eco Friendly Rakhi).

Eco Friendly Rakhi
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 3:46 PM IST

Updated : Aug 31, 2023, 6:15 AM IST

ईको फ्रेंडली राखी

शिमला: भाई-बहनों के पावन रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन पूरे हर्षोल्लास से देश भर में मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर फैंसी और सुंदर राखी बांधती है. पिछले कुछ सालों से फैंसी, चांदी और सोने की राखियों का ट्रेंड चला हुआ है, लेकिन हिमाचल की महिलाओं ने इस बार ऐसी ईको फ्रेंडली राखियां बनाई है, जो न सिर्फ आपके भाइयों को संकट से बचाएगी, बल्कि टूटने पर इसे गमले या मिट्टी में डालेंगे तो उसमें से पौधा निकल आएगा.

Eco Friendly Rakhi
हिमाचल की महिलाओं ने बनाई ईको फ्रेंडली राखियां

रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों के कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में राखी बांधती है, ताकि उनके भाई हमेशा सलामत रहें. वहीं, भाई भी बहनों की आजीवन रक्षा करने का वचन देते हैं. भाई-बहनों के रिश्ते को यह अटूट धागा उन्हें प्रेम की डोर में बांधता है. वहीं, इस बार हिमाचल की स्वयं समूह महिलाओं ने फैंसी और महंगी राखियों की जगह ईको फ्रेंडली राखी बनाई है. ये राखी कई मायनों में खास है. इन राखियों को गोबर, पाइन सहित प्राकृतिक चीजों से बनाया गया है.

Eco Friendly Rakhi
प्राकृतिक चीजों से बनी राखियां
Eco Friendly Rakhi
गोबर और पाइन से बनी रखी

हर बार रक्षाबंधन के बाद राखियां टूटने पर उसे वेस्ट समझकर फेंक दिया जाता है, लेकिन हिमाचल में बनी ये ईको फ्रेंडली अब वेस्ट नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इन राखियों में तुलसी, सूरजमुखी सहित अन्य फूलों के बीज हैं. जिससे रक्षाबंधन के बाद आप इन राखियों को गमले या मिट्टी में डालेंगे तो उसमें से एक पौधा निकल कर आएगा. जो भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भी होगा और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.

ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2023: भाइयों को बुरी नजर से बचाएगी ये राखी, जानिए क्या है इसमें खास?

ईको फ्रेंडली राखी

शिमला: भाई-बहनों के पावन रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन पूरे हर्षोल्लास से देश भर में मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर फैंसी और सुंदर राखी बांधती है. पिछले कुछ सालों से फैंसी, चांदी और सोने की राखियों का ट्रेंड चला हुआ है, लेकिन हिमाचल की महिलाओं ने इस बार ऐसी ईको फ्रेंडली राखियां बनाई है, जो न सिर्फ आपके भाइयों को संकट से बचाएगी, बल्कि टूटने पर इसे गमले या मिट्टी में डालेंगे तो उसमें से पौधा निकल आएगा.

Eco Friendly Rakhi
हिमाचल की महिलाओं ने बनाई ईको फ्रेंडली राखियां

रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों के कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में राखी बांधती है, ताकि उनके भाई हमेशा सलामत रहें. वहीं, भाई भी बहनों की आजीवन रक्षा करने का वचन देते हैं. भाई-बहनों के रिश्ते को यह अटूट धागा उन्हें प्रेम की डोर में बांधता है. वहीं, इस बार हिमाचल की स्वयं समूह महिलाओं ने फैंसी और महंगी राखियों की जगह ईको फ्रेंडली राखी बनाई है. ये राखी कई मायनों में खास है. इन राखियों को गोबर, पाइन सहित प्राकृतिक चीजों से बनाया गया है.

Eco Friendly Rakhi
प्राकृतिक चीजों से बनी राखियां
Eco Friendly Rakhi
गोबर और पाइन से बनी रखी

हर बार रक्षाबंधन के बाद राखियां टूटने पर उसे वेस्ट समझकर फेंक दिया जाता है, लेकिन हिमाचल में बनी ये ईको फ्रेंडली अब वेस्ट नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इन राखियों में तुलसी, सूरजमुखी सहित अन्य फूलों के बीज हैं. जिससे रक्षाबंधन के बाद आप इन राखियों को गमले या मिट्टी में डालेंगे तो उसमें से एक पौधा निकल कर आएगा. जो भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भी होगा और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.

ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2023: भाइयों को बुरी नजर से बचाएगी ये राखी, जानिए क्या है इसमें खास?

Last Updated : Aug 31, 2023, 6:15 AM IST
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