शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सुक्खू सरकार ने आपदा में डीजल पर वैट बढ़ा दिया है. वैट में बढ़ोतरी करने का तर्क मुख्यमंत्री आपदा बता रहे है. वहीं, इसको लेकर विपक्षी दल भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई है और कांग्रेस सरकार पर आपदा के समय जनता के शोषण करने के आरोप लगा रही है. दरअसल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि सरकार बनते ही कांग्रेस ने डीजल पर वैट का तोहफा जनता को दिया उसके बाद दूसरा तोहफा एक हजार संस्थान बंद करने का था और अब आपदा में भी फिर से डीजल के दाम बढ़ा दिए. पूर्व की भाजपा सरकार ने जनता को महंगाई से राहत देने के लिए डीजल पर वैट कम कर 7 रुपये डीजल के दाम सस्ते किए थे, लेकिन अब सरकार ने जनता को महंगाई के तले दबाने वाला निर्णय लिया है. जिसका असर दूसरी चीजों पर भी पड़ेगा.
'जनता को धोखा दिया है कांग्रेस सरकार': राजीव बिंदल ने कहा कि डीजल के दाम बढ़ने से किसानों की कमर टूट जाएगी. फसलें भारी बारिश के कारण सड़ रही है और जो बची हुई है उन्हें मार्केट तक पहुंचाने के लिए ज्यादा किराया किसान को देना होगा. खाद्य उत्पादों के ढुलाई मंहगी होगी तो दाम बढ़ेंगे जिससे जनता पर 1500 करोड़ का सीधा बोझ डाल दिया है. व्यवस्था परिर्वतन के नाम पर महंगाई को कम करने के बजाय महंगाई बढ़ाई, गारंटी तो गायब ही हो गई है. चुनावों में महंगाई को लेकर जनता से जो वादा किया था उसको लेकर कांग्रेस सरकार ने जनता को धोखा दिया है. गारंटी पूरी करने के लिए सरकार ने एक हजार संस्थान बंद कर दिए, लेकिन गारंटी फिर भी पुरी नहीं कर रहे. सड़कों के किनारे जहां पार रेहड़ी नहीं खुल सकती वहां पर राजस्व बढ़ाने के नाम पर ठेके खोले जा रहे हैं जो प्रदेश के हित में नहीं है.
डॉ. राजीव बिंदल ने शायराना अंदाज में कहा 'बहुत शोर सुनते थे पहलू में जिनका, नया दौर आएगा'. नया दौर तो आया, लेकिन अपने साथ आफत लेकर आया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार कह रहे हैं कि भाजपा ने चुनाव के मद्देनजर डीजल पर सात रुपए वैट घटाया था. अब जनता के दु:ख को देखते हुए कांग्रेस सरकार को भी डीजल पर वैट हटा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को जनता के जख्मों पर मरहम लगाना चाहिए, न कि नमक छिड़कना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्री अलग-अलग बात करते हैं. एक मंत्री कहता है कि प्रदेश में खनन की वजह से आपदाएं और दूसरा कहता है कि बयान बचकाना है. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए.
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