शिमलाः भारतीय किसान संघ ने शिमला में जिलास्तरीय धरना-प्रदर्शन किया. किसान संघ ने कालीबाड़ी मंदिर से जिलाधीश कार्यालय तक आक्रोश मार्च किया. इस मार्च में जिला के सभी खण्डों के महिला व पुरुष कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. संघ ने जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को ज्ञापन दिया.
इस दौरान किसान संघ के प्रदेश महामंत्री सुरेश ठाकुर ने कहा कि किसान को उसकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए. कृषि उत्पादों के मूल्यों को हमेशा नियंत्रित रखा गया है, जिससे स्वतन्त्र बाजार व्यवस्था विकसित नहीं हो सकी है.
महामंत्री ने कहा कि कृषि आदान तो महंगे होते जा रहे हैं, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पीछे छूट गया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होने पर भी मंडियों में किसानों की उपज उससे कम मूल्य में बिकती है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अलग-अलग प्रकार की कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन किसानों को उनकी उपज का लागत आधारित मूल्य नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि बाजार भाव एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी सैकड़ों रूपये का अंतर है.
फिर एक-दो प्रांतों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ और शेष देशभर का किसान वंचित रहे, तो कोई तो समाधान जरूरी हो ही जाता है. उन्होंने कहा कि किसान की मांगों को सुना जाना चाहिए और खेती से हटाकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी, यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सह-प्रभारी नियुक्त