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लॉकडाउन के दौरान लोगों में मोटापे की समस्या, डॉक्टरों ने दी ये सलाह - shimla obesity news

हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन खुलने के बाद जब लोग अपनी जांच के लिए आईजीएमसी पहुंचे तो उनका वजन भी बढ़ा था और मोटापा भी होने लगा. लोगों का कहना है कि लॉकडाउन में घर पर ही रहे जिससे न कोई सोने का टाइम था और ना ही खाने का और वॉक तो बिल्कुल बंद थी जिससे उनका वजन बढ़ा है. जिससे उन्हें मोटापा आने लगा है.

Problem of obesity during lockdown in shimla
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Published : Oct 22, 2020, 5:43 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान लोग घर पर ही रहे. ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक घर पर ही रहे. ऐसे में उनका व्यायाम व अन्य शारीरिक गतिविधियां कम रहीं, जिसके कारण अधिकतर लोग मोटापे का शिकार हो गए. लॉकडाउन खुलने के बाद जब लोग अपनी जांच के लिए आईजीएमसी पहुंचे तो उनका वजन भी बढ़ा था और मोटापा भी होने लगा. वरिष्ठ नागरिक सुभाष वर्मा का कहना है कि कोरोना का इतना खौफ है कि लोग घर में ही कैद होने को मजबूर हैं.

उन्होंने कहा कि अभी सब कुछ खुल गया है, लेकिन कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है. इसलिए जब तक बहुत जरूरी नहीं होता बाहर नहीं जाते हैं और लॉकडाउन के दौरान घर में ही रहने से मोटापा आना शुरू हो गया है. उनका वजन काफी बढ़ गया है. वहीं, एक अन्य युवक का कहना था कि लॉकडाउन में घर पर ही रहे जिससे न कोई सोने का टाइम था और ना ही खाने का और वॉक तो बिल्कुल बंद थी जिससे उनका वजन बढ़ा है. जिससे उन्हें मोटापा आने लगा है.

वीडियो.

वहीं, स्थानीय व्यक्ति जसप्रीत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उन्हें घर पर ही रहना पड़ता था. कोई काम धंधा नही था. जिसके कारण सबसे बड़ी समस्या यह रही कि उनका वेट बढ़ गया और मोटापा आने लगा है. वहीं, स्थानीय व्यक्ति चिंकराम ने बताया कि लॉकडाउन में उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ा. घर में ही रहने से उनका वेट 80 किलो हो गया जो पहले 55 से 60 के बीच होता था.

इस संबंध में आईजीएमसी में विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. कुश देव सिंह जरियाल से ईटीवी भारत ने बात की. डॉ. कुश देव सिंह जरियाल ने बताया कि लॉकडाउन के समय लोग घर पर ही रहे. ऐसे में उनका बाहर जाना चलना फिरना व व्यायाम प्रभावित हुआ है. ऐसे में उनके शरीर मे कई बदलाव हुए जिसमे एक मोटापा भी है. उनका कहना था कि मधुमेह का सीधा संबंध मोटापे से है. इस दौरान लोग शुगर से भी ग्रस्ति हुए हैं.

उनका कहना था कि इसमें दो तरह के मरीज हैं जो शुगर से ग्रस्त हो चुके हैं और जो शुगर की ओर अग्रसर हैं. मतलब प्री डायबटिक. उनका कहना था कि संतुलित खान-पान नियमित व्यायाम से मोटापा व शुगर कंट्रोल हो सकता है. उनका कहना था कि लोग अब जब लॉकडाउन खुल गया है और घर से बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नियमित व्यायाम करें.

डॉ. कुश देव सिंह जरियाल ने बताया कि वजन बढ़ता है तो मोटापा होने से कई बीमारियां व्यक्ति को जकड़ लेती हैं जिसमें एक शुगर की बीमारी भी है. उन्होंने कहा कि लोग खान-पान का विशेष ध्यान रखें. हरी सब्जियां ज्यादा खाएं. अनाज ज्यादा ना खाए तो मोटापे को कम किया जा सकता है. जब आईजीएसमी में डाइटीशियन याचना शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बेलेंस डाइट लेना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है. उन्होंने कहा कि सुबह उठते ही नींबू पानी पीना चाहिए. ब्रेकफास्ट 7 से 8 के बीच में करना चाहिए और हो सके तो दलिया जरूर लें. उन्होंने कहा कि 11 बजे हल्का खाना पीना कर सकते हैं.

डाइटीशियन याचना शर्मा ने बताया कि लंच में एक भारतीय थाली लेनी चाहिए. जिसमें दाल, सब्जी, रोटी, चावल हो और 3 से 4 के बीच में चाय बिस्किट ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि रात को डिनर हल्का करना चाहिए. जिससे स्वास्थ्य ठीक रहेगा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान लोग घर पर ही रहे. ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक घर पर ही रहे. ऐसे में उनका व्यायाम व अन्य शारीरिक गतिविधियां कम रहीं, जिसके कारण अधिकतर लोग मोटापे का शिकार हो गए. लॉकडाउन खुलने के बाद जब लोग अपनी जांच के लिए आईजीएमसी पहुंचे तो उनका वजन भी बढ़ा था और मोटापा भी होने लगा. वरिष्ठ नागरिक सुभाष वर्मा का कहना है कि कोरोना का इतना खौफ है कि लोग घर में ही कैद होने को मजबूर हैं.

उन्होंने कहा कि अभी सब कुछ खुल गया है, लेकिन कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है. इसलिए जब तक बहुत जरूरी नहीं होता बाहर नहीं जाते हैं और लॉकडाउन के दौरान घर में ही रहने से मोटापा आना शुरू हो गया है. उनका वजन काफी बढ़ गया है. वहीं, एक अन्य युवक का कहना था कि लॉकडाउन में घर पर ही रहे जिससे न कोई सोने का टाइम था और ना ही खाने का और वॉक तो बिल्कुल बंद थी जिससे उनका वजन बढ़ा है. जिससे उन्हें मोटापा आने लगा है.

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वहीं, स्थानीय व्यक्ति जसप्रीत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उन्हें घर पर ही रहना पड़ता था. कोई काम धंधा नही था. जिसके कारण सबसे बड़ी समस्या यह रही कि उनका वेट बढ़ गया और मोटापा आने लगा है. वहीं, स्थानीय व्यक्ति चिंकराम ने बताया कि लॉकडाउन में उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ा. घर में ही रहने से उनका वेट 80 किलो हो गया जो पहले 55 से 60 के बीच होता था.

इस संबंध में आईजीएमसी में विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. कुश देव सिंह जरियाल से ईटीवी भारत ने बात की. डॉ. कुश देव सिंह जरियाल ने बताया कि लॉकडाउन के समय लोग घर पर ही रहे. ऐसे में उनका बाहर जाना चलना फिरना व व्यायाम प्रभावित हुआ है. ऐसे में उनके शरीर मे कई बदलाव हुए जिसमे एक मोटापा भी है. उनका कहना था कि मधुमेह का सीधा संबंध मोटापे से है. इस दौरान लोग शुगर से भी ग्रस्ति हुए हैं.

उनका कहना था कि इसमें दो तरह के मरीज हैं जो शुगर से ग्रस्त हो चुके हैं और जो शुगर की ओर अग्रसर हैं. मतलब प्री डायबटिक. उनका कहना था कि संतुलित खान-पान नियमित व्यायाम से मोटापा व शुगर कंट्रोल हो सकता है. उनका कहना था कि लोग अब जब लॉकडाउन खुल गया है और घर से बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नियमित व्यायाम करें.

डॉ. कुश देव सिंह जरियाल ने बताया कि वजन बढ़ता है तो मोटापा होने से कई बीमारियां व्यक्ति को जकड़ लेती हैं जिसमें एक शुगर की बीमारी भी है. उन्होंने कहा कि लोग खान-पान का विशेष ध्यान रखें. हरी सब्जियां ज्यादा खाएं. अनाज ज्यादा ना खाए तो मोटापे को कम किया जा सकता है. जब आईजीएसमी में डाइटीशियन याचना शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बेलेंस डाइट लेना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है. उन्होंने कहा कि सुबह उठते ही नींबू पानी पीना चाहिए. ब्रेकफास्ट 7 से 8 के बीच में करना चाहिए और हो सके तो दलिया जरूर लें. उन्होंने कहा कि 11 बजे हल्का खाना पीना कर सकते हैं.

डाइटीशियन याचना शर्मा ने बताया कि लंच में एक भारतीय थाली लेनी चाहिए. जिसमें दाल, सब्जी, रोटी, चावल हो और 3 से 4 के बीच में चाय बिस्किट ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि रात को डिनर हल्का करना चाहिए. जिससे स्वास्थ्य ठीक रहेगा.

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