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निजी स्कूलों को भी हर साल करवाना होगा ऑडिट, शिक्षा विभाग को सौंपनी होगी रिपोर्ट

हिमाचल में शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों पर शिकंजा कसा जा रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को यह आदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्टर 1997 के तहत जारी किए गए हैं. विभाग ने निजी स्कूलों के वित्तीय लेनदेन की रिपोर्ट तलब की है और सभी स्कूलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना अनिवार्य कर दिया है.

Education department himachal pradesh.
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश.
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Published : Feb 10, 2021, 9:18 AM IST

शिमला: प्रदेश की निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आ रही लगातार शिकायतों के बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों पर शिकंजा कसा जा रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों का वित्तीय ऑडिट करवाना जरूरी कर दिया गया है. इस बाबत आदेश भी शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं.

शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों के वित्तीय लेनदेन की रिपोर्ट तलब की है और सभी स्कूलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना अनिवार्य कर दिया है. विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं कि हर एक निजी स्कूल अपना वित्तीय ऑडिट करवाए और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपे.

स्कूलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना अनिवार्य

शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को यह आदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्टर 1997 के तहत जारी किए गए हैं. इन आदेशों के बाद अब निजी स्कूलों को हर साल ऑडिट करवाना होगा और ऑडिट की रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को देनी होगी. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को वितीय ऑडिट करवाने ओर रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय मैं सौंपने के आदेश जारी करने के साथ ही सभी उप निदेशकों को भी यह आदेश दिए गए हैं कि वह साल में एक बार हर एक निजी स्कूल का निरीक्षण करें और वहां की व्यवस्था को जांचे. ऐसे में अब निजी स्कूल पर यह दोहरा शिकंजा कसने की तैयारी विभाग की ओर से की गई है.

ये भी पढ़ें: सोलंगनाला में स्कीइंग का विशेष प्रशिक्षण शिविर, 60 दिव्यांग बच्चे ले रहे हिस्सा

अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ खोला मोर्चा

बता दें कि प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. कोविड-19 के बीच भी जहां निजी स्कूलों ने सरकार और विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली जिसके बाद अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और लगातार अभी भी इस तरह की शिकायतें अभिभावकों की विभाग के पास आ रही है.

निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्ट 1997 में संशोधन की तैयारी

इन शिकायतों पर अब सरकार भी हरकत में आई है और फैसला लिया गया है कि निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्ट 1997 में संशोधन किया जाएगा. बजट सत्र में संशोधन के लिए इस एक्ट को पेश किया जाएगा,ऐसे में सरकार ने भी यह तैयारी पूरी कर ली है कि प्रदेश में निजी स्कूलों पर नियंत्रण किया जा सके और अभिभावकों को राहत दी जा सकें.

ये भी पढ़ें: यहां बिटिया के जन्म पर बर्फ के बीच थिरकता है पूरा गांव, जश्न मनाकर करते हैं बेटी का स्वागत

शिमला: प्रदेश की निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आ रही लगातार शिकायतों के बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों पर शिकंजा कसा जा रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों का वित्तीय ऑडिट करवाना जरूरी कर दिया गया है. इस बाबत आदेश भी शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं.

शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों के वित्तीय लेनदेन की रिपोर्ट तलब की है और सभी स्कूलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना अनिवार्य कर दिया है. विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं कि हर एक निजी स्कूल अपना वित्तीय ऑडिट करवाए और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपे.

स्कूलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना अनिवार्य

शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को यह आदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्टर 1997 के तहत जारी किए गए हैं. इन आदेशों के बाद अब निजी स्कूलों को हर साल ऑडिट करवाना होगा और ऑडिट की रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को देनी होगी. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को वितीय ऑडिट करवाने ओर रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय मैं सौंपने के आदेश जारी करने के साथ ही सभी उप निदेशकों को भी यह आदेश दिए गए हैं कि वह साल में एक बार हर एक निजी स्कूल का निरीक्षण करें और वहां की व्यवस्था को जांचे. ऐसे में अब निजी स्कूल पर यह दोहरा शिकंजा कसने की तैयारी विभाग की ओर से की गई है.

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अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ खोला मोर्चा

बता दें कि प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. कोविड-19 के बीच भी जहां निजी स्कूलों ने सरकार और विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली जिसके बाद अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और लगातार अभी भी इस तरह की शिकायतें अभिभावकों की विभाग के पास आ रही है.

निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्ट 1997 में संशोधन की तैयारी

इन शिकायतों पर अब सरकार भी हरकत में आई है और फैसला लिया गया है कि निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्ट 1997 में संशोधन किया जाएगा. बजट सत्र में संशोधन के लिए इस एक्ट को पेश किया जाएगा,ऐसे में सरकार ने भी यह तैयारी पूरी कर ली है कि प्रदेश में निजी स्कूलों पर नियंत्रण किया जा सके और अभिभावकों को राहत दी जा सकें.

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