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ऑनलाइन कक्षा में विद्यार्थियों पर फीस जमा कराने पर दबाव बना रहे निजी स्कूल, कार्रवाई की मांग

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूल पर आरोप लगाया है कि ऑनलाइन क्लास के दौरान शिमला शहर के कुछ निजी स्कूल विद्यार्थियों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. विद्यार्थियों से ऑनलाइन कक्षा के समय सभी विद्यार्थियों के सामने फीस मांगी जाती है. ऐसे में फीस जमा कर पाने वाले विद्यार्थियों को मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की मांग की है.

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Published : Jun 4, 2021, 5:18 PM IST

शिमलाः कोरोना की वजह से प्रदेश भर के शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में सभी स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है. कोरोना की पहली लहर के समय से हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूल की ओर से जबरन फीस वसूली के मामले सामने आ रहे हैं.

निजी स्कूल द्वारा फीस वसूली के मामले पर छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि शुरुआत में ही निजी स्कूल की ओर से मैसेज के जरिए छात्र के अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन शिक्षा निदेशालय के हस्तक्षेप के बाद निजी स्कूल ने फीस वसूलने का तरीका बदल लिया है.

विद्यार्थियों को फीस जमा कराने के लिए किया जा रहा है मजबूर

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूल पर आरोप लगाया है कि ऑनलाइन क्लास के दौरान शिमला शहर के कुछ निजी स्कूल विद्यार्थियों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. चूंकि मैसेज से दबाव बनाने पर छात्र और उनके अभिभावकों के पास सबूत आ जाता है. ऐसे में निजी स्कूल द्वारा अब विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास के समय फीस जमा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने का आरोप

छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूल पर विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. विद्यार्थियों से ऑनलाइन कक्षा के समय सभी विद्यार्थियों के सामने फीस मांगी जाती है. ऐसे में फीस जमा कर पाने वाले विद्यार्थियों को मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि इस तरह नाबालिग विद्यार्थियों पर फीस जमा कराने के लिए मानसिक दबाव बनाना न केवल अमानवीय है बल्कि गैर कानूनी भी है. निजी स्कूल की ओर से विद्यार्थियों की प्रताड़ना नैतिक और भौतिक अधिकारों का भी उल्लंघन है.

शिक्षा निदेशालय से कार्रवाई की मांग

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा निदेशालय से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की मांग की है. मेहरा ने कहा कि संकट के इस समय में फीस वसूली सरासर गलत है. इस मामले में शिक्षा विभाग और सरकार की खामोशी भी सवाल खड़े कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल में भारी फीस वृद्धि करना पूर्णत: छात्र और अभिभावक विरोधी कदम है.

मेहरा ने कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से ऑनलाइन क्लास के दौरान विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, संवेदनहीनता को दर्शाता है. उन्होंने प्रदेश सरकार और शिक्षा निदेशक को इस पर तुरंत रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: HPPSC ऑनलाइन करेगा डॉक्यूमेंट्र वेरिफिकेशन, प्रवक्ता न्यू की भर्ती से नियम होगा लागू

शिमलाः कोरोना की वजह से प्रदेश भर के शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में सभी स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है. कोरोना की पहली लहर के समय से हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूल की ओर से जबरन फीस वसूली के मामले सामने आ रहे हैं.

निजी स्कूल द्वारा फीस वसूली के मामले पर छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि शुरुआत में ही निजी स्कूल की ओर से मैसेज के जरिए छात्र के अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन शिक्षा निदेशालय के हस्तक्षेप के बाद निजी स्कूल ने फीस वसूलने का तरीका बदल लिया है.

विद्यार्थियों को फीस जमा कराने के लिए किया जा रहा है मजबूर

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूल पर आरोप लगाया है कि ऑनलाइन क्लास के दौरान शिमला शहर के कुछ निजी स्कूल विद्यार्थियों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. चूंकि मैसेज से दबाव बनाने पर छात्र और उनके अभिभावकों के पास सबूत आ जाता है. ऐसे में निजी स्कूल द्वारा अब विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास के समय फीस जमा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने का आरोप

छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूल पर विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. विद्यार्थियों से ऑनलाइन कक्षा के समय सभी विद्यार्थियों के सामने फीस मांगी जाती है. ऐसे में फीस जमा कर पाने वाले विद्यार्थियों को मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि इस तरह नाबालिग विद्यार्थियों पर फीस जमा कराने के लिए मानसिक दबाव बनाना न केवल अमानवीय है बल्कि गैर कानूनी भी है. निजी स्कूल की ओर से विद्यार्थियों की प्रताड़ना नैतिक और भौतिक अधिकारों का भी उल्लंघन है.

शिक्षा निदेशालय से कार्रवाई की मांग

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा निदेशालय से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की मांग की है. मेहरा ने कहा कि संकट के इस समय में फीस वसूली सरासर गलत है. इस मामले में शिक्षा विभाग और सरकार की खामोशी भी सवाल खड़े कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल में भारी फीस वृद्धि करना पूर्णत: छात्र और अभिभावक विरोधी कदम है.

मेहरा ने कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से ऑनलाइन क्लास के दौरान विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, संवेदनहीनता को दर्शाता है. उन्होंने प्रदेश सरकार और शिक्षा निदेशक को इस पर तुरंत रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है.

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