शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक निजी विश्वविद्यालय पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. विद्यार्थियों से तय से अधिक फीस वसूली करने के मामले की सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने यह फैसला सुनाया है. जुर्माना लगाने के साथ ही आयोग के कोर्ट ने जुर्माने की राशि आदेश जारी होने के 3 महीने में जमा कराने के आदेश दिए हैं. आयोग ने शिकायतकर्ता से निजी विश्वविद्यालय द्वारा वसूली गई अतिरिक्त फीस रिफंड करने के आदेश भी दिए हैं.
आयोग ने संबंधित निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन को एक शिकायतकर्ता के 14,45,500 रुपय रिफंड करने को कहा है. जबकि दूसरी शिकायतकर्ता के 22,45,500 रुपय रिफंड करने के आदेश दिए हैं. कुल मिलाकर 36 लाख एक हजार अतिरिक्त वसूली गई फीस रिफंड करनी होगी. इस मामले की सुनवाई के दौरान आयोग की कोर्ट के सामने आया कि निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने अन्य विद्यार्थियों से अतिरिक्त फीस वसूली है. ऐसे में आयोग के आदेशों के तहत वर्ष 2013-14 से 2020 -21 के बैच तक के अन्य विद्यार्थी उक्त शिक्षण संस्थान में जाकर वसूली गई अतिरिक्त फीस को रिफंड करने के लिए बोल सकते हैं.
आयोग ने शिक्षण संस्थान संबंधित राशि तुरंत रिफंड करने के आदेश दिए हैं. आयोग के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया कि 9 वर्ष से आठ बेच के विद्यार्थियों से निजी विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों से सालों तक तय से अधिक फीस वसूलते हुए 103 करोड़ रुपय से अधिक राशि अर्जित की है. आयोग के समक्ष यह शिकायत 2021 में आई थी 2 छात्रों ने मामले को लेकर आयोग के समक्ष शिकायत की थी.
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष अतुल कौशिक ने बताया कि आयोग के पास शिकायत आयी थी, उसी पर कार्रवाई करते हुए यह निर्णय लिया गया है.