शिमलाः कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा बसों में 50 प्रतिशत सवारियां बैठाए जाने का फैसला प्राइवेट बस ऑपरेटरों को रास नहीं आ रहा है. बस ऑपरेटर महासचिव कमल का कहना है कि ऐसे समय में पहले ही घाटे में बसें चली हैं, ऊपर से लोगों को ना बिठाया जाए तो लड़ाई पर उतारू हो जाते हैं.
प्राइवेट बसों की तरफ सरकार ने नहीं दिया कोई ध्यान
सरकार द्वारा हर वर्ग को सहायता की जा रही है. प्राइवेट बसों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, आश्वासन दिया जाता है. लेकिन किसी भी बैठक में बस ऑपरेटर के बारे में चर्चा नहीं की जाती. सरकार के इस रवैये को देखते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर पूरी तरह से 3 मई को बसें बंद कर देंगे और तब तक बसें बंद रहेंगी जब तक परिवहन मंत्री आश्वासन नहीं देते की उनके विषय में चर्चा किया जाएगा और टैक्स माफ किया जाएगा.
आंदोलन की दी चेतावनी
यदि मांगें नहीं मानी जाती तो आने वाले समय में आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा, भूख हड़ताल, धरने आदि पूरे हिमाचल में किए जाएंगे. ऐसी विपरीत परिस्थिति में हमने हमेशा सरकार के फैसलों को अमलीजामा पहनाया है. लेकिन सरकार द्वारा हमें कोई सहायता नहीं मिली.
पेट्रोल, डीजल के दाम कम हुए तो किराया भी करेंगे कम
हालांकि सरकार द्वारा 2 बार किराया बढ़ाया गया. लेकिन किराये को कहीं भी टैक्स के साथ नहीं जोड़ा जा सकता. किराया इसलिए बढ़ाया गया था, क्योंकि पेट्रोल, डीजल के दामों में सरकार ने भारी वृद्धि की थी. जिसके चलते ये कदम उठाये गए थे.
यदि पेट्रोल, डीजल के दाम कम कर दिए जाते हैं तो बढ़े हुए किराये को कम करने के लिए प्राइवेट बस ऑपरेटर पूरी तरह से तैयार हैं. प्राइवेट बस ऑपरेटर का कहना है कि उनका टैक्स माफ किया जाए.
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