शिमला: लॉकडाउन के चलते प्राइवेट बस संचालकों का काम पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में जहां हजारों यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ी है. वहीं, प्राइवेट बस संचालकों, चालकों और परिचालकों और की आमदनी भी नहीं हो पा रही है. दो महीनों से जारी लॉकडाउन में अब चालकों और परिचालकों को घर चलाने में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
इसी को लेकर प्राइवेट बस चालक एवं परिचालक यूनियन के सदस्यों ने सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी के अतिरिक्त निदेशक एवं अतिरिक्त आयुक्त सुनील शर्मा से मुलाकात की. इस दौरान अतिरिक्त आयुक्त सुनील शर्मा को ज्ञापन सौंपकर मांग पत्र पर सकारात्मक कार्रवाई की मांग की गई.
चालक और परिचालकों की मांगों पर अतिरिक्त निदेशक ने भरोसा जताया कि इस मांग पत्र को राज्य सरकार के साथ होने वाली बैठक में रखा जाएगा व निजी बस ड्राइवरों व कंडक्टरों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. उन्होंने अश्वासन दिया कि ड्राइवरों व कंडक्टरों को मार्च व अप्रैल 2020 का वेतन सुनिश्चित किया जाएगा.
ये हैं यूनियन की मांगें
1. निजी बसों के चालकों-परिचालकों के मार्च-अप्रैल 2020 के वेतन का भुगतान नियोक्ताओं अथवा मालिकों से अविलंब करवाया जाए.
2. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दिल्ली सरकार की तर्ज पर आठ घंटे के कार्य दिवस के लिए लगभग 16,500 रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए.
3. चालकों और परिचालकों से केवल आठ घंटे कार्य लिया जाए. आठ घंटे से ऊपर अतिरिक्त कार्य करने पर डबल ओवरटाइम के हिसाब से वेतन का भुगतान किया जाए.
4. कोरोना काल में ड्राइवरों व कंडक्टरों को 7500 रुपये मासिक की आर्थिक मदद दी जाए.
5. यातायात सुविधा शुरू होने पर निजी ट्रांसपोर्ट सेवाओं में लगे सभी कर्मियों की उचित देखभाल व जनता की रक्षा के लिए समुचित सुरक्षा का प्रबंध किया जाए व उचित स्वास्थय किट मुहैया करवाई जाए.
6. यातायात व्यवस्था शुरू होने पर निजी बस चालकों-परिचालकों का 50 लाख रुपये का बीमा किया जाए.