ETV Bharat / state

पोलन से दूषित हुई राजधानी की आब-ओ-हवा, लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत

पहाड़ों की रानी शिमला यूं तो अपनी स्वच्छ हवा के लिए दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन बरसात के मौसम के बाद राजधानी के देवदार ही लोगों की समस्या का कारण बन जाते हैं. देवदार के पेड़ों से गिरने वाला पोलन इन दिनों शहरवासियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं हैं.

पोलन से दूषित हुई राजधानी
author img

By

Published : Oct 8, 2019, 11:55 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 11:24 PM IST

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला जहां की स्वच्छ हवा के लिए लोग बाहर से घूमने आते हैं, लेकिन मौसम के बदले मिजाज के कारण राजधानी की आबो-हवा दूषित हो गई है. बदले मौसम की वजह से ही देवदार के पेड़ों से पोलन गिरना शुरू हो गया है. जिससे वातावरण दूषित हो गया है.

पोलन की वजह से क्षेत्र के कई लोग बीमारियों की जकड़ में आ रहे हैं. लोगों को सांस लेने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शहर में पोलन का गुबार चारों तरफ फैल रहा है. शहर के तकरीबन सभी क्षेत्रों में देवदार के पेड़ हैं जहां इन पेड़ों से पोलन गिर रहा है. पोलन सांस के माध्यम से शरीर मे प्रवेश करता है. बता दें कि पोलन फेफड़ों को भी काफी नुकसान करता है.

वीडियो.

बता दें कि बरसात का मौसम खत्म होने के बाद देवदार के पेड़ों से पीले रंग का पाउडर (पोलन) जैसा कण गिरता है और हवा में उड़ता रहता है. अभी दो महीने तक देवदार के पेड़ों से पोलन गिरने का सिलसिला चलता रहेगा. बारिश होने पर ही इसका असर कम होने की संभावना रहती है. पोलन को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन मास्क लगाकर इससे बचाव किया जा सकता है.

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला जहां की स्वच्छ हवा के लिए लोग बाहर से घूमने आते हैं, लेकिन मौसम के बदले मिजाज के कारण राजधानी की आबो-हवा दूषित हो गई है. बदले मौसम की वजह से ही देवदार के पेड़ों से पोलन गिरना शुरू हो गया है. जिससे वातावरण दूषित हो गया है.

पोलन की वजह से क्षेत्र के कई लोग बीमारियों की जकड़ में आ रहे हैं. लोगों को सांस लेने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शहर में पोलन का गुबार चारों तरफ फैल रहा है. शहर के तकरीबन सभी क्षेत्रों में देवदार के पेड़ हैं जहां इन पेड़ों से पोलन गिर रहा है. पोलन सांस के माध्यम से शरीर मे प्रवेश करता है. बता दें कि पोलन फेफड़ों को भी काफी नुकसान करता है.

वीडियो.

बता दें कि बरसात का मौसम खत्म होने के बाद देवदार के पेड़ों से पीले रंग का पाउडर (पोलन) जैसा कण गिरता है और हवा में उड़ता रहता है. अभी दो महीने तक देवदार के पेड़ों से पोलन गिरने का सिलसिला चलता रहेगा. बारिश होने पर ही इसका असर कम होने की संभावना रहती है. पोलन को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन मास्क लगाकर इससे बचाव किया जा सकता है.

Intro:पहाड़ो की रानी शिमला जहा लोग स्वच्छ हवा के लिए बाहर से लोग घूमने आते है लेकिन आजकल राजधानी की आबोहवा दूषित हो गई है। मौसम के बदलते ही देवदार के पेड़ों से पोलन गिरना शुरू हो गया है जिससे वातावरण दूषित हो गया है। पोलन से कई बीमारियों की जकड़ में लोग आ रहे है। पोलन से लोगो को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। शहर में पोलन का गुबार चारो तरफ फेल रहा है। शहर के तकरीबन सभी क्षेत्रों में देवदार के पेड़ है जहां इन पेड़ों से पोलन गिर रहा है। पोलन गिरने से सीधा सांस के माध्यम से शरीर मे प्रवेश करता है ओर ये फेफड़ों को भी काफी नुकसान करता है। खास कर उन लोगो को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है जिन्हें सांस की बीमारी है।


Body:शिमला शहर में चारो तरफ पोलन गिरा हुआ नजर आ रहा है। ये बरसात का मौसम खत्म होने के बाद देवदार के पेड़ों से पीले रंग का पाउडर जैसा कण गिरता है और हवा में उड़ता रहता है। अभी दो माह तक देवदार के पेड़ों से पोलन गिरने का सिलसिला चलता रहेगा और बारिश होने पर इसका असर कम होगा। इसे रोका तो नही जा सकता है लेकिन मास्क लगा इससे बचा जा सकता है।


Conclusion:बता दे देवदार के हरे भरे जंगल के बीच शिमला शहर बसा हुआ है जहां हर साल ताजा हवा के लिए हजारो पर्यटक घूमने आते है । लेकिन बरसात खत्म होते ही यहां की हवा में पोलन ने दूषित कर दिया है। जिससे शहरवासियों की परेशानी भी बढ़ गई है। हरड़ तरफ पोलन से लोगो को बाहर कपड़े सूखने भी मुश्किल हो गया है कपड़ो पर ये पोलन के पीले कण जमा हो रहे है।
Last Updated : Oct 9, 2019, 11:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.