शिमला: शराब के अवैध कारोबार के कथित आरोपी नीरज ठाकुर (Poisonous liquor case accused withdraws bail plea) ने प्रदेश हाईकोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है. नीरज ठाकुर के होटल से भारी मात्रा में शराब की अवैध खेप बरामद हुई थी. सुंदरनगर उपमंडल की सलापड़ व कांगू पंचायत में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत के मामले में नीरज ठाकुर तीन माह से न्यायिक हिरासत में है.
उल्लेखनीय है कि जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हो गई थी. शराब माफिया ने हिमाचल प्रदेश में बनने वाली संतरा ब्रांड शराब के लेवल से छेड़छाड़ कर नकली शराब तैयार करके लोगों को परोसी थी.मंडी पुलिस को संतरा ब्रांड के दो लेवल वाली शराब हाथ लगी थी. एक में कंपनी के नाम के साथ फूड्स तो दूसरी में फूल्स लिखा था.
डीआईजी मंडी रेंज मधू सूदन (DIG Mandi Range Madhu Sudan) की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) इस मामले की जांच कर रही है. विशेष जांच टीम ने आरोपी नीरज ठाकुर के ठेके में कई तरह की अनियमितताएं पाई गई थी. बता दें कि जहरीली शराब से मौत (Mandi Poisonous Liquor Case) के मामले में पुलिस ने पूर्व प्रधान सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था.
इसके अलावा जहरीली शराब की खेप के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सलापड़ पंचायत के पूर्व प्रधान जगदीश चंद, वर्तमान पंचायत प्रधान के ससुर अच्छर सिंह पुत्र बहादुर सिंह, मलोह पंचायत के छज्वार गांव के निवासी सोहन लाल उर्फ रवि और प्रदीप कुमार उर्फ दीप निवासी सरोह सलापड़ को (Illegal alcohol sale in Salapad) गिरफ्तार किया था. सोहन लाल के पास से पुलिस ने संतरा ब्रांड की नकली शराब की 12 बोतलें मिली थी. चारों लोग करीब एक साल से देसी व अंग्रेजी शराब अवैध रूप से दुकानों व घरों में सप्लाई करते थे.
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