शिमला: मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा के अचानक देहांत से हिमाचल में शोक की लहर है. मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित आम जनता उनकी सरलता को याद कर रही है. यदि अतीत की स्मृतियों के पन्ने पलटे जाएं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी सादगी के कायल थे. लोकसभा चुनाव से पहले 23 मार्च को मंडी में भाजपा की रैली थी. उस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामस्वरूप शर्मा की खूब तारीफ की.
पीएम मोदी ने उनकी सादगी की तारीफ की और कहा था कि यदि सार्वजनिक जीवन में सरलता कैसी होती है और जीवन में कैसे सरल होना है तो आंख बंदकर एक ही नाम लूंगा और वो है रामस्वरूप शर्मा. मोदी ने कहा था कि उन्होंने कई साल तक रामस्वरूप शर्मा के साथ काम किया है. ऐसा सरल व्यक्ति मिलना दुर्लभ होता है. इस समय देश को नम्र सेवकों की जरूरत है.
मोदी ने कहा था कि रामस्वरूप को तलाशने के लिए जाने की जरूरत नहीं है. मतदाताओं को वे यहीं मंडी में किसी भी गली में मिल जाएंगे. रामस्वरूप शर्मा भी खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का सुदामा कहते थे.
सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय थे रामस्वरूप, नैनो कार व बंदूक के हुए थे चर्चे
संगठन में काम करते समय बेशक रामस्वरूप शर्मा भाषणों से दूर रहकर पिछली पंक्ति में ही खुद को छिपाते रहे, लेकिन चुनावी राजनीति में आने के बाद सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहे. वे अपने हर कार्यक्रम की जानकारी फेसबुक पन्ने पर डालते थे. उनकी आखिरी पोस्ट 13 मार्च की है, जब उन्होंने कोविड वैक्सीन लगवाई थी और सभी से वैक्सीन लगाने का आग्रह किया था.
संसद के सत्र में भाग लेने के लिए नैनो कार से जाते रहे
सोशल मीडिया पर उनकी चर्चा नैनो कार को लेकर भी थी. वे संसद के सत्र में भाग लेने के लिए नैनो कार से जाते रहे. ये अलग बात है कि सोशल मीडिया यूजर ने उनके इस कदम को चर्चा में रहने वाला बताया, परंतु उनके व्यक्तित्व से झलकती सादगी ट्रोल्स को जवाब देती रही.
लोकसभा चुनाव में जब संपत्तियों का ब्यौरा आदि देना होता है तो दिलचस्प तौर पर रामस्वरूप शर्मा के खाते में बंदूक का भी जिक्र होता था. उनकी बंदूक वाली पोस्ट भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. ये बात अलग है कि उसे लेकर कुछ विवाद भी हुआ था.
सार्वजनिक जीवन सरल ही बना रहा
दरअसल कोरोना काल में जब बंदिशों का दौर था, सांसद दिल्ली से मंडी आ गए और फिर घर के सामने बंदूक साफ करने के बाद निशाना साधते हुए उनकी एक फोटो वायरल हुई. ये सही है कि राजनीति में आने के बाद सभी नेताओं के साथ कुछ विवाद और अप्रिय घटनाक्रम भी जुड़ जाते हैं, लेकिन रामस्वरूप शर्मा का सार्वजनिक जीवन सरल ही बना रहा.
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