शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला को बरसात ने इस बार गहरे जख्म दिए हैं. राजधानी में सबसे ज्यादा नुकसान लैंडस्लाइड से हुआ है. वहीं, जगह-जगह बेशकीमती देवदार के पेड़ भी गिरे हैं. जानकारी के अनुसार शहर में करीब 1 हजार से ज्यादा पेड़ इस बार बरसात में गिर गए हैं और सैकड़ों खतरनाक पेड़ों को काटा जा रहा है. अब इन गिरे और काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए नगर निगम ने विशेष अभियान शुरू कर दिया है.
5 हजार नए पौधों का पौधारोपण: प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम शिमला शहर में 5 हजार नए पौधे लगाने जा रहा है. शिमला में पौधारोपण अभियान की शुरुआत की गई है. वीरवार को मशोबरा वार्ड में नगर निगम शिमला द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पर नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान, डिप्टी मेयर उमा कौशल, नगर निगम के आयुक्त समेत पार्षदों और सेंट बीएड कॉलेज की छात्राओं ने पौधारोपण अभियान में भाग लिया और पौधारोपण किया. नगर निगम मेयर शिमला सुरेंद्र चौहान ने इन पेड़ों की देखरेख करने के भी निर्देश जारी किए.
लैंडस्लाइड की चपेट में आए देवदार के पेड़: नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बरसात में इस बार शिमला शहर में काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. खासकर देवदार के 1 हजार से ज्यादा पेड़ गिरे हैं और शहर में असुरक्षित पेड़ों को भी काटा गया है. ऐसे में इनकी भरपाई के लिए शिमला शहर में पौधारोपण शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत शहर में 5 हजार से ज्यादा पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि जो पेड़ गिरे हैं उसकी भरपाई की जा सके.
मशोबरा में लगाए 150 पौधे: वहीं, मशोबरा वार्ड की पार्षद विशाखा मोदी ने कहा कि मशोबरा में काफी जगह खाली पड़ी है. यहां पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सेंट बीएड कॉलेज की छात्राओं के अलावा नगर निगम के मेयर व आयुक्त समेत पार्षदों ने यहां पर करीब 150 पौधे लगाए हैं. उन्होंने कहा कि इन पौधों की देखरेख भी की जाएगी.
देवदार के पेड़ों की कटाई पर लगी रोक: हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में देवदार के पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है. सीएम ने कहा है कि जो पेड़ असुरक्षित हैं, उन्हें सर्वे के बाद ही काटा जाएगा. इसलिए फिलहाल शिमला शहर में देवदार के पेड़ नहीं काटे जाएंगे.
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