शिमला: आबादी आधी, लेकिन अवसर सीमित. हिमाचल में अभी भी महिला मुख्यमंत्री का इंतजार है. विद्या स्टोक्स मुख्यमंत्री बनने की दहलीज पर जरूर पहुंची थीं, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. अलबत्ता कैबिनेट मंत्री का पद अवश्य कई महिलाओं ने संभाला. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो अभी तक 38 महिला विधायक ही चुनी (Female MLAs in Himachal) गई हैं. इनमें से भी विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी, सरवीण चौधरी को अधिक अवसर मिला है.
6 महिला विधायक रह चुकी हैं मंत्री: वर्ष 1972 में हिमाचल विधानसभा में पदमा, सरला शर्मा, चंद्रेश कुमारी, लता ठाकुर और फिर बाद में उपचुनाव में जीत हासिल कर विद्या स्टोक्स विधानसभा पहुंची थीं. हिमाचल में अब तक छह महिला विधायक मंत्री रह चुकी हैं. इनमें विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी, विप्लव ठाकुर, चंद्रेश कुमारी, सरला शर्मा कांग्रेस की तरफ से जीत कर तत्कालीन सरकारों में मंत्री रहीं. वहीं, भाजपा में ये मौका सरवीण चौधरी को मिला है. (Female MPs in Himachal).
लोकसभा-राज्यसभा में भी महिलाएं कर रहीं प्रतिनिधित्व: हिमाचल से लोकसभा में राजकुमारी अमृत कौर, चंद्रेश कुमारी व प्रतिभा सिंह ने प्रतिनिधित्व किया है. इसके अलावा राज्यसभा में वर्तमान में इंदु गोस्वामी हिमाचल से राज्यसभा में हैं. इससे पहले बिमला कश्यप सूद व विप्लव ठाकुर रहीं. हिमाचल से राज्यसभा में जाने वाली महिला राजनेताओं में लीला देवी के अलावा सत्यावती डांग, मोहिंद्र कौर, उषा मल्होत्रा, चंद्रेश कुमारी, विपल्व ठाकुर, बिमला कश्यप सूद व इंदू गोस्वामी का नाम शामिल है.
आज तक 38 महिलाएं पहुंची विधानसभा: वर्ष 1977 में हिमाचल विधानसभा के लिए केवल एक महिला चुनाव में विजयी रही. फिर वर्ष 1982 व 1985 में तीन-तीन महिला प्रत्याशी विजयी रही. वर्ष 1990 के चुनाव में 4, 1993 में 3, 1998 में 6, वर्ष 2003 में 4, वर्ष 2007 में 5, वर्ष 2012 में 3, वर्ष 2017 में पांच महिला विधायक सदन में आईं. (Female MLAs in Himachal). कांग्रेस की बात करें तो विद्या स्टोक्स यहां काफी प्रभावी महिला नेता रही हैं. वे वीरभद्र सिंह सरकार में नंबर दो की पावरफुल कैबिनेट मंत्री रही हैं. विद्या स्टोक्स ने आठ बार विधानसभा चुनाव जीता.
पिछले चुनाव में यानी वर्ष 2017 में उन्हें टिकट नहीं मिल पाया और 47 साल के सुदीर्घ राजनीतिक जीवन के बाद वे सियासत से विदा हो गई. पिछली बार कांग्रेस से केवल एक ही महिला नेत्री चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थी. आशा कुमारी ने डलहौजी से चुनाव में जीत हासिल की थी. भाजपा की तरफ से सरवीण चौधरी, रीता धीमान, कमलेश कुमारी, रीना कश्यप ने चुनाव में सफलता हासिल की. रीना कश्यप विधानसभा उपचुनाव में जीतकर आई थी. इस बार कांग्रेस के चंपा ठाकुर, आशा कुमारी व दयाल प्यारी महिला प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने सरवीण चौधरी, रीता धीमान, माया शर्मा, रीना कश्यप, शशि बाला व नीलम नैयर को टिकट दिया है.
सेबसे अधिक बार विधायक बनी विद्या स्टोक्स: इतिहास की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक चुनाव जीतने का रिकॉर्ड विद्या स्टोक्स के नाम ही है. विद्या स्टोक्स ने आठ चुनाव जीते और कई बार मंत्री रहीं. आशा कुमारी ने पहला चुनाव 1985 में जीता था. फिर 1990 में हार के बाद वे 1993 में फिर से चुनाव में विजयी हुई. वे शिक्षा मंत्री भी बनीं. वे छह बार चुनाव जीत चुकी हैं. इसी तरह भाजपा से श्यामा शर्मा व सरवीण चौधरी ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. सरवीण चौधरी दूसरी दफा कैबिनेट मंत्री बनी हैं.
हिमाचल विधानसभा में विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी, विप्लव ठाकुर, श्यामा शर्मा, अनिता वर्मा, सरवीण चौधरी व उर्मिल ठाकुर ने एक से अधिक बार चुनाव जीता है. दून विधानसभा से विनोद चंदेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर एक बार विधायक बनी हैं. इसी तरह रेणु चड्ढा का भी नाम एक बार विधायक बनने वाली महिला नेत्रियों में शामिल है. (Female Ministers in Himachal).
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