शिमला: राजधानी शिमला में आज दो महीने के बाद ब्यूटी पार्लर, सैलून और हेयर ड्रेसर की दुकानें खोल दी गई हैं. शिमला में हेयर ड्रेसर की दुकानों के बाहर लोग कतारों में खड़े नजर आए. वहीं सैलून, ब्यूटी पार्लर और हेयर ड्रेसर भी जिला प्रशासन के नियमों का पtरी तरह से पालन करते हुए दिखे.
सभी सैलून में कटिंग के लिए डिस्पोजिबल किट का इस्तेमाल किया जा रहा है. बड़े सैलून और ब्यूटी पार्लर ने कोरोना से बचाव के लिए थर्मल स्कैनिंग का भी प्रावधान किया है. कस्टमर्स का तापमान चेक करने के साथ ही उनमें फ्लू के सिस्टम को भी चेक किया जा रहा है.
हेयर ड्रेसर पीपीई किट साथ ही मास्क, गलव्ज और फेसशील्ड पहनकर कटिंग कर रहे हैं. वहीं सैलून में आने वाले सभी लोगों का रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जा रहा है. हर एक जगह पर रजिस्टर रखा गया है. रजिस्टर में हर ग्राहक की डिटेल नोट की जा रही है. वहीं, जिन हेयर ड्रेसर की दुकानों पर थर्मल स्कैनिंग के प्रावधान नहीं है. वह अपने कस्टमर्स से आरोग्य सेतु एप के बारे में जानकारी ले रहे है.
वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा सके इसके लिए छोटी दुकानों पर एक ही और बड़ी दुकानों पर एक साथ दो लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए अपॉइंटमेंट के आधार पर भी काम किया जा रहा है. इस्तेमाल किए जाने वाले कैंची कंघी को भी पूरी तरह से सेनिटाइज कर दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है.
भले ही सैलून, ब्यूटी पार्लर और हेयर ड्रेसर की दुकानें खुल चुकी हैं, बार्बर्स को पीपीई के साथ ही कस्टमर्स के लिए डिस्पोजिबल शीट्स का इस्तेमाल करना पड़ा रहा है. टूल्स को सेनिटाइज किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में उनका उनका ज्यादा खर्च हो रहा है. ऐसे में वह जिला प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें यह पीपीई किट और अन्य सामान मुहैया करवाया जाए.
वहीं ब्यूटीपार्लर चलाने वालों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से उन्हें सिर्फ हेयर कटिंग करने की ही परमिशन दी गई है, लेकिन इसकी वजह से जो स्टॉफ पार्लर में रखा गया है वह खाली बैठने को मजबूर है. पहले ही दो महीने से काम बंद था और अब जब पार्लर खुला तो उससे उम्मीद थी कि काम होगा, लेकिन अभी भी काम नहीं है. ऐसे में उनके घर का गुजारा चलाने में उन्हें दिक्कत आएगी.