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कोरोना संकट में बच्चों को घर में रखना चुनौती से कम नहीं, अभिभावक बरतें ये सावधानी - डॉ. प्रवीण भाटिया आईजीएमसी

कोरोना वायरस से हर किसी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अभिभावक भी अपने बच्चों को लेकर पूरी एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन नन्हें बच्चें अपनी मासूमियत के कारण इस महामारी के प्रकोप से अनजान हैं. वह खेलने के लिए बाहर जाने के लिए जिद्द करते हैं, ऐसे में अभिभावकों के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वह अपने बच्चों को इस महामारी के कैसे बचाएं.

parents facing problems to keep their children safe during corona pandemic
कोरोना संकट में बच्चों का कैसे रखें ख्याल.
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Published : Jul 31, 2020, 10:06 PM IST

Updated : Jul 31, 2020, 10:22 PM IST

शिमला: कोरोना महामारी से हर कोई परेशान है, लोग पिछले चार महीनों से डर के साय में जीने को मजबूर हैं, लेकिन बात अगर नन्हें बच्चों की करे तो वह अपनी मासूमियत के कारण इस महामारी के प्रकोप से अनजान हैं. हालांकि अभिभावक अपने बच्चों को लेकर पूरी एहतियात बरत रहे हैं.

सरकार लोगों से इस मुश्किल घड़ी में घर पर रहने की अपील कर रही है, लेकिन बच्चें ज्यादा समय तक घर में कैद नहीं रह सकते. वह खेलने के लिए बाहर जाने के लिए जिद्द करते हैं, ऐसे में अभिभावकों के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वह अपने बच्चों को इस महामारी के कैसे बचाएं.

वीडियो.

अभिभावकों कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में सारी जानकारी दी है. वह बच्चों को मास्क पहनने, सैनिटाइजर यूज करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहते हैं, लेकिन बच्चें किसी की सुनते नहीं हैं.

आईजीएमसी के विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. इस लिए सरकार ने स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है. कोरोना संकट के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चों की ओर खास ध्यान देने की जरुरत है.

डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि बच्चे जब बाहर जाए तो अभिभावक उन्हें बताएं कि किसी भी चीज को ना छुए, भीड़ से दूर रहे, दुकान में भी सामान लेते समय किसी भी सामान को छूने से बचें. उन्होंने बताया कि नौकरी करने वाले अभिभावक घर लौटते समय सीधे बच्चों के संपर्क में ना आएं.

इस बात में कोई दोराह नहीं है कि कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और छोटे बच्चों को है. ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के संबंध में एहतियात बरतने की जरूरत है.

हिमाचल में आए दिन कोरोना के मामलों में इजाफा होते जा रहा है, ऐसे में बच्चों से ज्यादा उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है. अभिभावकों को अपने बच्चों की खास देखभाल करने के साथ-साथ उन्हें इस महामारी की कड़वी सच्चाई से भी बच्चों को अवगत करवाना जरूरी हो गया है.

ये भी पढ़ें: कोटखाई के क्यारी में बनाया गया क्वारंटाइन सेंटर, ग्रामीणों ने की शिफ्ट करने की मांग

शिमला: कोरोना महामारी से हर कोई परेशान है, लोग पिछले चार महीनों से डर के साय में जीने को मजबूर हैं, लेकिन बात अगर नन्हें बच्चों की करे तो वह अपनी मासूमियत के कारण इस महामारी के प्रकोप से अनजान हैं. हालांकि अभिभावक अपने बच्चों को लेकर पूरी एहतियात बरत रहे हैं.

सरकार लोगों से इस मुश्किल घड़ी में घर पर रहने की अपील कर रही है, लेकिन बच्चें ज्यादा समय तक घर में कैद नहीं रह सकते. वह खेलने के लिए बाहर जाने के लिए जिद्द करते हैं, ऐसे में अभिभावकों के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वह अपने बच्चों को इस महामारी के कैसे बचाएं.

वीडियो.

अभिभावकों कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में सारी जानकारी दी है. वह बच्चों को मास्क पहनने, सैनिटाइजर यूज करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहते हैं, लेकिन बच्चें किसी की सुनते नहीं हैं.

आईजीएमसी के विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. इस लिए सरकार ने स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है. कोरोना संकट के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चों की ओर खास ध्यान देने की जरुरत है.

डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि बच्चे जब बाहर जाए तो अभिभावक उन्हें बताएं कि किसी भी चीज को ना छुए, भीड़ से दूर रहे, दुकान में भी सामान लेते समय किसी भी सामान को छूने से बचें. उन्होंने बताया कि नौकरी करने वाले अभिभावक घर लौटते समय सीधे बच्चों के संपर्क में ना आएं.

इस बात में कोई दोराह नहीं है कि कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और छोटे बच्चों को है. ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के संबंध में एहतियात बरतने की जरूरत है.

हिमाचल में आए दिन कोरोना के मामलों में इजाफा होते जा रहा है, ऐसे में बच्चों से ज्यादा उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है. अभिभावकों को अपने बच्चों की खास देखभाल करने के साथ-साथ उन्हें इस महामारी की कड़वी सच्चाई से भी बच्चों को अवगत करवाना जरूरी हो गया है.

ये भी पढ़ें: कोटखाई के क्यारी में बनाया गया क्वारंटाइन सेंटर, ग्रामीणों ने की शिफ्ट करने की मांग

Last Updated : Jul 31, 2020, 10:22 PM IST
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