शिमला: हिमाचल प्रदेश में ग्राम संसद यानी पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. राज्य में अगले साल दिसंबर में पंचायती राज चुनाव होने हैं. हिमाचल में इस समय 3226 पंचायतें हैं. हालिया कैबिनेट मीटिंग में जयराम सरकार ने पंचायतों के परिसीमन को मंजूरी दी है.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभाग परिसीमन को लेकर प्रक्रिया का खाका तैयार करने में जुट गया है. हिमाचल प्रदेश में पहले 3243 पंचायतें थीं. धर्मशाला नगर निगम और शहरी निकायों के विस्तार के बाद से पंचायतों की संख्या कम हुई है.
नियमों के अनुसार जिन पंचायतों की आबादी पांच हजार से इतनी अधिक हो जाए कि नई पंचायत गठित हो सके, वो परिसीमन के दायरे में आती है. यानी वहां दो पंचायतें बन सकती हैं. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 40 के करीब पंचायतें ऐसी हैं, जो दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटी हुई हैं. ऐसे में परिसीमन से इस विवाद का हल भी संभव हो सकेगा. ग्रामीण इलाकों से पंचायती राज विभाग के पास पिछले पंचायती राज चुनाव के बाद से नई पंचायतों के गठन के प्रस्ताव आए हैं.
राज्य सरकार के पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. आरएन बत्ता के अनुसार 22 पंचायतें ऐसी हैं, जिनकी आबादी 5 हजार से अधिक है. पंचायती राज एक्ट के प्रावधानों के अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी. एक्ट में ये प्रावधान है कि एक ग्राम सभा के लिए एक हजार से पांच हजार तक की आबादी होनी चाहिए.
जहां तक परिसीमन का आधार है, तो जिन पंचायतों की आबादी 5 हजार से अधिक हो, जो पंचायतें दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटी हों या फिर स्थानीय स्तर पर भौगोलिक परिस्थितियों अथवा सड़क सुविधा के फैक्टर हों, उनका परिसीमन किया जाता है. ऐसे में आसार हैं कि आगामी पंचायती राज चुनाव, जो दिसंबर 2020 में होने हैं, उससे पहले हिमाचल में पंचायतों की संख्या बढ़ेगी.
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