शिमला: हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर के अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगों लेकर हड़ताल पर हैं. बीते मंगलवार को सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया था, इससे प्रदेश की पंचायतों में कामकाज प्रभावित हो रहा है. इस बीच पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी ऐसा नहीं करते तो सरकार कड़े कदम उठाएगी. पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस आपदा की घड़ी में जिला परिषद काडर से हड़ताल समाप्त करने की अपील करते हुए कहा है कि वह सरकार को कठोर कदम उठाने पर मजबूर न करें.
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार जानती है कि जिला परिषद कैडर कर्मचारी व अधिकारी का पंचायती राज में विलय व वेतन का मुद्दा है, जिसको लेकर पिछले कल एक बैठक भी की गई. उन्होंने कहा कि विभाग अगले 15 दिनों के भीतर उनके साथ एक बार फिर बैठक करेगा जिससे इनका मुद्दा हल हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार उनके मुद्दे के प्रति गंभीर है. मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला है और जल्द ही इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन भी किया जाएगा.
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि विभाग में उनके विलय के मामले का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है. इस मामले में काफी कानूनी औपचारिकताएं हैं, इसलिए इस मामले में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि विभाग में नो वर्क नो पे पहले से लागू है. वहीं कुछ कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर भी है. इसलिए हड़ताली कर्मियों से अपील है कि वे हड़ताल खत्म कर दें. इस आपदा की घड़ी में जो भी कार्य होने है, वह पंचायतों के माध्यम से होने है. इसलिए हड़ताल छोड़कर कार्य पर वापिस आ जाएं, अगर उनका इसी तरह अड़ियल रवैया रहा तो सरकार को मजबूरन कठोर कदम उठाने पड़ेंगे.
पंचायती राज मंत्री ने आपदा से क्षतिग्रस्त घरों को लेकर कहा कि वह स्वयं 12 अगस्त को दिल्ली गए थे और केंद्र को आपदा से उस समय 6500 क्षतिग्रस्त घरों की स्थिति से अवगत करवाया था. केंद्र ने 6551 घर की ग्रांट मंजूर कर दी थी, जिसमें से 4234 घर आवंटित कर दिए गए थे और 18लोग पात्र नहीं थे. वहीं कुछ ने इसे लेने से मना किया और कुछ लोग अपात्र थे. इसके बाद अब जो स्थिति है उसके मुताबिक 9500 घरों की ग्रांट मिलनी है और उम्मीद है कि जल्द ही वह ग्रांट केंद्र से आ जायेगी.
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