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हिमाचल में 44.23 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन सरप्लस: सीएम जयराम ठाकुर - Oxygen plant

हिमाचल में पिछले वर्ष चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 29 मीट्रिक टन तक था जो वर्तमान में बढ़कर 73.81 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कोविड-19 स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में इसकी कोई कमी नहीं है. प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यकतानुसार कोविड मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है.

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Published : May 8, 2021, 6:06 PM IST

शिमला: हिमाचल में चिकित्सा ऑक्सीजन की प्रतिदिन उपलब्धता 73.86 मीट्रिक टन है, जबकि प्रतिदिन खपत 29.63 मीट्रिक टन है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन और खपत के आधार पर प्रदेश में चिकित्सा ऑक्सीजन सरप्लस है जिसकी मात्रा 44.23 मीट्रिक टन प्रतिदिन है.

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ऑक्सीजन

पिछले वर्ष राज्य में चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 29 मीट्रिक टन तक था जो वर्तमान में बढ़कर 73.81 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कोविड-19 स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में इसकी कोई कमी नहीं है. प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यकतानुसार कोविड मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है.

वीडियो.

इन जिलों में इतना उत्पादन

राज्य के विभिन्न जिलों में चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता में कांगड़ा जिला सबसे अग्रणी है और यहां 29.08 मीट्रिक टन चिकित्सा आक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध है. इसके अलावा जिला बिलासपुर में 0.34 मीट्रिक टन, चंबा में 1.02 मीट्रिक टन, हमीरपुर में 3.29 मीट्रिक टन, किन्नौर में 0.59 मीट्रिक टन, कुल्लू में 2.95 मीट्रिक टन, लाहौल स्पिति में 0.83 मीट्रिक टन, मंडी में 10.65 मीट्रिक टन, शिमला में 5.17 मीट्रिक टन, सिरमौर में 5.91 मीट्रिक प्रतिदिन, सोलन में 11.58 मीट्रिक टन, जबकि ऊना में 2.47 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन उपलबध है.

प्रदेश के 6 मेडिकल काॅलेजों में ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं जिनमें निरन्तर ऑक्सीजन उत्पादन हो रहा है. इनमें आईजीएमसी शिमला, मेडिकल काॅलेज टांडा, मेडिकल काॅलेज नेरचैक, जोनल अस्पताल धर्मशाला, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला और निजी क्षेत्र में चल रहा मेडिकल काॅलेज एमएमयू कुमारहट्टी शामिल है. इसके अतिरिक्त मेडिकल काॅलेज हमीरपुर, चंबा और नाहन में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है. इनमें ऑक्सीजन उत्पादन अगामी एक या दो सप्ताह में शुरू हो जाएगा.

6 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू

भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत किए गए 6 नए ऑक्सीजन प्लांटों को स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन्हें डीआरडीओ द्वारा स्थापित किया जाएगा. ये ऑक्सीजन प्लांट नागरिक अस्पताल पालमपुर, जोनल अस्पताल मंडी, जिला शिमला के खनेरी और रोहडू नागरिक अस्पतालों, मेडिकल काॅलेज नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापित होंगे.

यह प्लांट अगामी एक महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे जिनके शुरू होने से प्रति प्लांट 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग और कमी पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक निगरानी समिति गठित की गई है.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल में 3.0 मापी गई तीव्रता

शिमला: हिमाचल में चिकित्सा ऑक्सीजन की प्रतिदिन उपलब्धता 73.86 मीट्रिक टन है, जबकि प्रतिदिन खपत 29.63 मीट्रिक टन है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन और खपत के आधार पर प्रदेश में चिकित्सा ऑक्सीजन सरप्लस है जिसकी मात्रा 44.23 मीट्रिक टन प्रतिदिन है.

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ऑक्सीजन

पिछले वर्ष राज्य में चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 29 मीट्रिक टन तक था जो वर्तमान में बढ़कर 73.81 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कोविड-19 स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में इसकी कोई कमी नहीं है. प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यकतानुसार कोविड मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है.

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इन जिलों में इतना उत्पादन

राज्य के विभिन्न जिलों में चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता में कांगड़ा जिला सबसे अग्रणी है और यहां 29.08 मीट्रिक टन चिकित्सा आक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध है. इसके अलावा जिला बिलासपुर में 0.34 मीट्रिक टन, चंबा में 1.02 मीट्रिक टन, हमीरपुर में 3.29 मीट्रिक टन, किन्नौर में 0.59 मीट्रिक टन, कुल्लू में 2.95 मीट्रिक टन, लाहौल स्पिति में 0.83 मीट्रिक टन, मंडी में 10.65 मीट्रिक टन, शिमला में 5.17 मीट्रिक टन, सिरमौर में 5.91 मीट्रिक प्रतिदिन, सोलन में 11.58 मीट्रिक टन, जबकि ऊना में 2.47 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन उपलबध है.

प्रदेश के 6 मेडिकल काॅलेजों में ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं जिनमें निरन्तर ऑक्सीजन उत्पादन हो रहा है. इनमें आईजीएमसी शिमला, मेडिकल काॅलेज टांडा, मेडिकल काॅलेज नेरचैक, जोनल अस्पताल धर्मशाला, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला और निजी क्षेत्र में चल रहा मेडिकल काॅलेज एमएमयू कुमारहट्टी शामिल है. इसके अतिरिक्त मेडिकल काॅलेज हमीरपुर, चंबा और नाहन में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है. इनमें ऑक्सीजन उत्पादन अगामी एक या दो सप्ताह में शुरू हो जाएगा.

6 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू

भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत किए गए 6 नए ऑक्सीजन प्लांटों को स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन्हें डीआरडीओ द्वारा स्थापित किया जाएगा. ये ऑक्सीजन प्लांट नागरिक अस्पताल पालमपुर, जोनल अस्पताल मंडी, जिला शिमला के खनेरी और रोहडू नागरिक अस्पतालों, मेडिकल काॅलेज नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापित होंगे.

यह प्लांट अगामी एक महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे जिनके शुरू होने से प्रति प्लांट 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग और कमी पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक निगरानी समिति गठित की गई है.

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