रामपुर बुशहर: राजधानी शिमला के रामपुर बुशहर के भद्राश में मुर्गियों में न्यू कैसल नामक बीमारी की पुष्टि हुई है. जानकारी देते हुए पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि यह बीमारी पोल्ट्री में 100 प्रतिशत संक्रामक है और 90-100 प्रतिशत घातक है. उन्होंने बताया कि किसान मुर्गी पालन करते हैं उन्हें भी अपने फार्म की साफ सफाई का ध्यान रखने की आवश्यकता है. इसके साथ फार्म में जैव सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता है.
डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि यदि कोई भी मुर्गी पालक किसान अपनी मुर्गियों में अचानक मृत्यु या सांस लेने में दिक्कत या दस्त इत्यादि के लक्षण देखता है, तो अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क कर सकता है. डॉक्टर अनिल ने बताया कि यदि किसी के फार्म में इस बीमारी की पुष्टि हो जाती है तो वो सभी बची हुई मुर्गियों को नष्ट कर दें और दोबारा एक महीने तक उस शेड में मुर्गियों को न लायें. बता दें कि यह बीमारी संक्रमित पक्षियों के शारीरिक तरल पदार्थ, विशेषकर उनके मल के सीधे संपर्क में आने से फैलती है. यह अप्रत्यक्ष रूप से उन लोगों और वस्तुओं के माध्यम से भी फैल सकता है जो संक्रमित पक्षियों, या उनके उत्सर्जन (जैसे मल) के संपर्क में रहे हों.
ये हैं इसके लक्षण: भूख में कमी, खांसी, हांफना, नाक से पानी आना, आंखों से पानी आना, चमकीले हरे रंग का दस्त और पक्षाघात और ऐंठन जैसे तंत्रिका संबंधी लक्षण हैं. कंघी और बाल सूजे हुए, बढ़े हुए और बदरंग (बैंगनी या नीले) दिख सकते हैं, अंडे का उत्पादन कम हो सकता है और जो कुछ अंडे पैदा होते हैं वे नरम छिलके वाले और विकृत हो सकते हैं.
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