शिमला: निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग निजी शिक्षण संस्थानों में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर अब और अधिक सख्ती बरत रहा है. आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालयों के 10 कुलपतियों को जांच के बाद अयोग्य घोषित किया गया, जिसमें 8 ने इस्तीफा दे दिया है.
आयोग कार्यालय में जमा करवाने होंगे कुलपतियों के दस्तावेज
वहीं, अब आयोग ने इन विश्वविद्यालयों को चेता दिया है कि इन विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के समय पद पर नियुक्त किए जा रहे कुलपतियों के सभी दस्तावेज आयोग के कार्यालय में जमा करवाने होंगे. यह आदेश सभी निजी विश्वविद्यालयों को आयोग की ओर से जारी किए गए हैं. यह भी तय कर दिया गया है कि जो विश्वविद्यालय इन आदेशों के पालन नहीं करेंगे, उन पर आयोग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नियमों को पूरा करने वाले कुलपतियों की हो नियुक्ति
आयोग के अध्यक्ष की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को यह कहा गया है कि कुलपति के पद पर अब यूजीसी के नियमों को पूरा करने वाले योग्य और पात्र कुलपतियों की नियुक्ति की जाए. आयोग अगर कुलपति के पदों पर अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की जाती है, तो आयोग उन विश्वविद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा. किसी की तरह की छूट अब उन्हें नहीं दी जाएगी. निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष सेवानिवृत्त अतुल कौशिक निजी विश्वविद्यालयों को यह आदेश दिए है. आयोग की ओर से पहले ही निजी विश्वविद्यालयों पर सख्ती बरती जा रही है, जिससे वह दोबारा कुलपति के पद पर अयोग्य और अपात्र व्यक्ति की नियुक्ति न करें.
आयोग की जांच में हुआ खुलासा
बता दें कि निजी विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्था होती है और ऐसे में वे कुलपति के पद पर नियुक्ति करने के लिए स्वतंत्र है. यही वजह है कि निजी विश्वविद्यालयों ने नियमों को ताक पर रखकर यूजीसी के नियमों को पूरा न करने वाले व्यक्तियों की भी नियुक्ति कुलपति पद पर कर दी थी, जिसका खुलासा आयोग की जांच में हुआ है.
पद पर न करें अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति
जांच के बाद इन कुलपतियों को पद से हटाया गया है और अब आयोग कुलपतियों की नियुक्ति से पहले ही निजी विश्वविद्यालयों को लेकर सख्त लहजा अपना रहा है. निजी विश्वविद्यालयों को यह सपष्ट कर दिया गया है कि अब अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति कुलपति के पद पर न करें और जिस कुलपति की नियुक्ति की जा रही है, उसके सभी दस्तावेज आयोग के समक्ष रखें जाएं.