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लोकसभा चुनाव 2024: मोदी सरकार के खिलाफ शिमला में बनेगी विपक्ष की रणनीति, हिल्स क्वीन में 2003 में हो चुका है कांग्रेस का चिंतन शिविर - शिमला में विपक्षी एकता की अगली बैठक

आज बिहार में घंटों तक चली विपक्षी दलों की महाबैठक खत्म हो गई है. इसमें शामिल हुए तमाम नेताओं ने अगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने पर मंथन किया. बैठक में विपक्षी दलों की सहमति बनी है और अब अगली मीटिंग 12 जुलाई को शिमला में होगी. शिमला में प्रस्तावित बैठक में केंद्र की मोदी सरकार को हराने का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

लोकसभा चुनाव 2024
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Published : Jun 23, 2023, 10:54 PM IST

शिमला: कई ऐतिहासिक बैठकों की गवाह रही पहाड़ों की रानी शिमला एक बड़ी राजनीतिक बैठक का आयोजन करेगी. यह बैठक देश के विभिन्न राजनीतिक दलों की होगी जो मौजूदा समय में केंद्र में विपक्ष में हैं. सभी दल शिमला में होने वाली इस महाबैठक में केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ने के लिए रणनीति बनाएंगे. बिहार के पटना में विपक्षी दलों की हुई बैठक में इसका ऐलान किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका ऐलान किया. सभवतः यह बैठक 10 से 12 जुलाई के बीच शिमला में होगी.

केंद्र की मोदी सरकार से सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं: अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सभी दलों ने मिलकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में आज एक बैठक विपक्ष दलों की बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बैठक की. इसमें करीब 15 दलों के बड़े नेता शामिल हुए. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सभी मिले. एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए कॉमन एजेंडा तैयार करने पर चर्चा हो रही है. अगली बैठक शिमला में होगी. 12 जुलाई या किसी और दिन बैठक होगी, अगले कुछ दिनों में यह तक कर लेंगे. हर राज्य में अलग-अलग तरीके से चलना होगा. हर स्ट्रेटजी हर राज्य में नहीं चलेगी. एक होकर 2024 की लड़ाई हम लोगों को लड़ना है. हम जरूर कामयाब होंगे.

हिमाचल में बनेगा मोदी सरकार को हराने का ब्लू प्रिंट: शिमला में प्रस्तावित बैठक में केंद्र की मोदी सरकार को हराने का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा. इस बैठक में विपक्षी दलों का संयोजक भी चुना जाना है. इसके अलावा सभी विपक्षी दल एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर भी इसमें मंथन कर सकते हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी को हिमाचल में किया बाहर: कांग्रेस ने हिमाचल में बीजेपी को सत्ता से बाहर किया है, जिसका अन्य राज्यों को भी एक संदेश गया है. इसके बाद कर्नाटक में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की. शायद यही वजह है कि सभी विपक्षी दल शिमला में बैठक कर केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति तैयार करेंगे. अब सभी विपक्ष पहाड़ों की रानी में अगले लोकसभा चुनावों को लेकर बड़ी रणनीति बनाएंगे.

शिमला चिंतन शिविर के बाद केंद्र में आई थी मनमोहन सरकार: राजधानी शिमला में इससे पहले 2003 में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था. दरअसल 2003 में उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद कांग्रेस ने चिंतन शिविर आयोजित करने का फैसला किया था. पार्टी ने 2003 में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चिंतन शिविर आयोजित किया. इस शिविर में कांग्रेस ने पचमढ़ी के चिंतन शिविर में तय नीति को पलटकर सामान्य विचारधारा के दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किय. यह फैसला कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि 2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए की सरकार केंद्र में बनी, जिसका नेतृत्व कांग्रेस के मनमोहन सिंह ने किया. ऐसे में अबकी बार शिमला में होने वाली विपक्षी दलों की यह बैठक अहम है क्योंकि सभी विपक्षी दल संयुक्त तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर फैसला कर सकते हैं.

कांग्रेस ने कहा सभी दलों का करेंगे स्वागत: शिमला में सभी दलों की महाबैठक करने पर कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने कहा है कि सभी विपक्षी दलों की शिमला में बैठक करना का फैसला हिमाचल के लिए बहुत बडी बात है. हिमाचल कांग्रेस इसका बेहतर तरीके से आयोजन करेगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल की राजधानी शिमला से केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ने की रणनीति सभी दल इस बैठक में बनाएंगे और इसमें कामयाब होंगे.

ये भी पढ़ें- सुखविंदर सरकार का कैबिनेट विस्तार, मल्लिकार्जुन खड़गे की पसंद पर भी मुहर, CM के करीबी धर्माणी की एंट्री भी पक्की

ये भी पढ़ें- Patna Opposition Meeting : शिमला में फिर बैठेंगे विपक्षी दल, संयोजक के नाम पर वहीं लगेगी मुहर

शिमला: कई ऐतिहासिक बैठकों की गवाह रही पहाड़ों की रानी शिमला एक बड़ी राजनीतिक बैठक का आयोजन करेगी. यह बैठक देश के विभिन्न राजनीतिक दलों की होगी जो मौजूदा समय में केंद्र में विपक्ष में हैं. सभी दल शिमला में होने वाली इस महाबैठक में केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ने के लिए रणनीति बनाएंगे. बिहार के पटना में विपक्षी दलों की हुई बैठक में इसका ऐलान किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका ऐलान किया. सभवतः यह बैठक 10 से 12 जुलाई के बीच शिमला में होगी.

केंद्र की मोदी सरकार से सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं: अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सभी दलों ने मिलकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में आज एक बैठक विपक्ष दलों की बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बैठक की. इसमें करीब 15 दलों के बड़े नेता शामिल हुए. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सभी मिले. एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए कॉमन एजेंडा तैयार करने पर चर्चा हो रही है. अगली बैठक शिमला में होगी. 12 जुलाई या किसी और दिन बैठक होगी, अगले कुछ दिनों में यह तक कर लेंगे. हर राज्य में अलग-अलग तरीके से चलना होगा. हर स्ट्रेटजी हर राज्य में नहीं चलेगी. एक होकर 2024 की लड़ाई हम लोगों को लड़ना है. हम जरूर कामयाब होंगे.

हिमाचल में बनेगा मोदी सरकार को हराने का ब्लू प्रिंट: शिमला में प्रस्तावित बैठक में केंद्र की मोदी सरकार को हराने का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा. इस बैठक में विपक्षी दलों का संयोजक भी चुना जाना है. इसके अलावा सभी विपक्षी दल एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर भी इसमें मंथन कर सकते हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी को हिमाचल में किया बाहर: कांग्रेस ने हिमाचल में बीजेपी को सत्ता से बाहर किया है, जिसका अन्य राज्यों को भी एक संदेश गया है. इसके बाद कर्नाटक में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की. शायद यही वजह है कि सभी विपक्षी दल शिमला में बैठक कर केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति तैयार करेंगे. अब सभी विपक्ष पहाड़ों की रानी में अगले लोकसभा चुनावों को लेकर बड़ी रणनीति बनाएंगे.

शिमला चिंतन शिविर के बाद केंद्र में आई थी मनमोहन सरकार: राजधानी शिमला में इससे पहले 2003 में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था. दरअसल 2003 में उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद कांग्रेस ने चिंतन शिविर आयोजित करने का फैसला किया था. पार्टी ने 2003 में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चिंतन शिविर आयोजित किया. इस शिविर में कांग्रेस ने पचमढ़ी के चिंतन शिविर में तय नीति को पलटकर सामान्य विचारधारा के दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किय. यह फैसला कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि 2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए की सरकार केंद्र में बनी, जिसका नेतृत्व कांग्रेस के मनमोहन सिंह ने किया. ऐसे में अबकी बार शिमला में होने वाली विपक्षी दलों की यह बैठक अहम है क्योंकि सभी विपक्षी दल संयुक्त तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर फैसला कर सकते हैं.

कांग्रेस ने कहा सभी दलों का करेंगे स्वागत: शिमला में सभी दलों की महाबैठक करने पर कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने कहा है कि सभी विपक्षी दलों की शिमला में बैठक करना का फैसला हिमाचल के लिए बहुत बडी बात है. हिमाचल कांग्रेस इसका बेहतर तरीके से आयोजन करेगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल की राजधानी शिमला से केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ने की रणनीति सभी दल इस बैठक में बनाएंगे और इसमें कामयाब होंगे.

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