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प्याज के रेट ने निकाले आंसू, अभी और बढ़ सकती हैं कीमतें

सब्जियों के दाम पहले से ही बड़े हुए हैं और दालें भी महंगी हैं. वहीं, अब प्याज भी गृहणियों को रुलाने लगा है. बरसात से पहले यहां सब्जी मंडी मे प्याज 20 से 25 रुपए किलो बिक रहा था. अब वर्तमान समय में सब्जी मंडी शिमला में प्याज की कीमतें 40 रुपए हैं, जबकि अन्य जगहों पर प्याज के 50 से 60 रुपए किलो तक बिक रहा है.

प्याज के दाम
प्याज के दाम
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Published : Sep 23, 2020, 10:53 PM IST

Updated : Sep 26, 2020, 8:05 PM IST

शिमला: महंगाई के इस दौर में खाने का जायका बढ़ाने वाला प्याज भी अब अपने तेवर दिखाने लगा है. प्याज की कीमतें कुछ दिनों में ₹20 से बढ़कर 40 रुपए तक हो गई हैं. अभी इन दामों में और बढ़ोतरी होने की संभावना बनी हुई है.

सब्जियों के दाम पहले से ही बड़े हुए हैं और दालें भी महंगी हैं. वहीं, अब प्याज भी गृहणियों को रुलाने लगा है. बरसात से पहले यहां सब्जी मंडी मे प्याज 20 से 25 रुपए किलो बिक रहा था. अब वर्तमान समय में सब्जी मंडी शिमला में प्याज की कीमतें 40 रुपए हैं, जबकि अन्य जगहों पर प्याज के 50 से 60 रुपए किलो तक बिक रहा है. यही वजह है कि अब लोगों को प्याज खरीदने में तौबा करने लगे हैं.

वीडियो

प्याज के बढ़े हुए दामों के पीछे की वजह बरसात का मौसम है. बरसात में प्याज के खेतों में पानी जमा हो जाता है. पानी जमा होने से अच्छी फसल नहीं होती है. इसी वजह से हर वर्ष प्याज के दाम बरसात में बढ़ जाते हैं. मंडी तक प्याज की नई पैदावार पहुंचने में समय लगता है. ऐसे में गोदाम में स्टोर किए गए प्याज को अधिक कीमत पर बेचा जाता है. बरसात में हर वर्ष प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होती है. बीते वर्ष जहां यह बढ़ोतरी काफी अधिक थी. मंडी में प्याज 60 से 70 रुपए किलो तक बिक रहा था. वहीं इस वर्ष प्याज की कीमतों में कम बढ़ोतरी हुई है.

बिजेश्वर नाथ अध्यक्ष रिटेलर एसोसिएशन शिमला ने कहा कि सब्जी मंडी में अभी प्याज 40 रुपए किलो बिक रहा है, लेकिन रिटेल के दामों में 2 से 3 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. अभी कुछ दिनों में प्याज के दामों में और बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि प्याज की सप्लाई सही तरीके से मंडियों में पहुंच रही है और इसमें परिवहन की दिक्कतें भी आड़े नहीं आ रही हैं, लेकिन हर बार बरसात के दिनों में जब खेतों में पानी भर जाता है और नई पैदावार नहीं होती है तो इसकी वजह से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होती है.

उन्होंने यह भी बताया कि बीते वर्ष प्याज की कीमतें इस समय में 70 रुपए तक थी. इस बार प्याज की कीमतें कम बढ़ी हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र से भी प्याज की सप्लाई सही तरीके से पहुंच रही है. वहीं सब्जी मंडी में प्याज की दुकानें लगाने वाले व्यापारियों ने कहा कि हर बार बरसात में प्याज के दाम बढ़ जाते हैं.

कुल मिलाकर आईपीएल के इस सीजन में प्याज की फिफ्टी तो पक्की है. इंतजार प्याज की नई फसल का है. जिसमें देर हुई तो प्याज के दाम जायका भी बिगाड़ेंगे और आंसू भी निकालेंगे. वैसे कीमत के लिहाज से कई बार सेंचुरी जमा चुका ये प्याज जमी जमाई सरकारों को भी उखाड़ चुका है. इसलिये प्याज की कीमतें हर आम और खास के माथे पर शिकन ले आती हैं.

शिमला: महंगाई के इस दौर में खाने का जायका बढ़ाने वाला प्याज भी अब अपने तेवर दिखाने लगा है. प्याज की कीमतें कुछ दिनों में ₹20 से बढ़कर 40 रुपए तक हो गई हैं. अभी इन दामों में और बढ़ोतरी होने की संभावना बनी हुई है.

सब्जियों के दाम पहले से ही बड़े हुए हैं और दालें भी महंगी हैं. वहीं, अब प्याज भी गृहणियों को रुलाने लगा है. बरसात से पहले यहां सब्जी मंडी मे प्याज 20 से 25 रुपए किलो बिक रहा था. अब वर्तमान समय में सब्जी मंडी शिमला में प्याज की कीमतें 40 रुपए हैं, जबकि अन्य जगहों पर प्याज के 50 से 60 रुपए किलो तक बिक रहा है. यही वजह है कि अब लोगों को प्याज खरीदने में तौबा करने लगे हैं.

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प्याज के बढ़े हुए दामों के पीछे की वजह बरसात का मौसम है. बरसात में प्याज के खेतों में पानी जमा हो जाता है. पानी जमा होने से अच्छी फसल नहीं होती है. इसी वजह से हर वर्ष प्याज के दाम बरसात में बढ़ जाते हैं. मंडी तक प्याज की नई पैदावार पहुंचने में समय लगता है. ऐसे में गोदाम में स्टोर किए गए प्याज को अधिक कीमत पर बेचा जाता है. बरसात में हर वर्ष प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होती है. बीते वर्ष जहां यह बढ़ोतरी काफी अधिक थी. मंडी में प्याज 60 से 70 रुपए किलो तक बिक रहा था. वहीं इस वर्ष प्याज की कीमतों में कम बढ़ोतरी हुई है.

बिजेश्वर नाथ अध्यक्ष रिटेलर एसोसिएशन शिमला ने कहा कि सब्जी मंडी में अभी प्याज 40 रुपए किलो बिक रहा है, लेकिन रिटेल के दामों में 2 से 3 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. अभी कुछ दिनों में प्याज के दामों में और बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि प्याज की सप्लाई सही तरीके से मंडियों में पहुंच रही है और इसमें परिवहन की दिक्कतें भी आड़े नहीं आ रही हैं, लेकिन हर बार बरसात के दिनों में जब खेतों में पानी भर जाता है और नई पैदावार नहीं होती है तो इसकी वजह से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होती है.

उन्होंने यह भी बताया कि बीते वर्ष प्याज की कीमतें इस समय में 70 रुपए तक थी. इस बार प्याज की कीमतें कम बढ़ी हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र से भी प्याज की सप्लाई सही तरीके से पहुंच रही है. वहीं सब्जी मंडी में प्याज की दुकानें लगाने वाले व्यापारियों ने कहा कि हर बार बरसात में प्याज के दाम बढ़ जाते हैं.

कुल मिलाकर आईपीएल के इस सीजन में प्याज की फिफ्टी तो पक्की है. इंतजार प्याज की नई फसल का है. जिसमें देर हुई तो प्याज के दाम जायका भी बिगाड़ेंगे और आंसू भी निकालेंगे. वैसे कीमत के लिहाज से कई बार सेंचुरी जमा चुका ये प्याज जमी जमाई सरकारों को भी उखाड़ चुका है. इसलिये प्याज की कीमतें हर आम और खास के माथे पर शिकन ले आती हैं.

Last Updated : Sep 26, 2020, 8:05 PM IST
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