ETV Bharat / state

NSUI ने सरकार से पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने की उठाई मांग

देशव्यापी अभियान प्रमोट स्टूडेंट सेव फ्यूचर मुहिम के तहत छात्र संगठन एनएसयूआई प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है कि पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने के साथ ही फाइनल ईयर के छात्रों को 10 फीसदी ग्रेस मास्क दिए जाए.

NSUI
एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर
author img

By

Published : Jun 13, 2020, 11:03 PM IST

शिमला: कोविड 19 संकट की स्थिति में जब शैक्षणिक संस्थान बंद है तो ऐसे में छात्रों की परीक्षाएं ना करवा कर उन्हें अगली कक्षाओं में प्रमोट करने की मांग एनएसयूआई ने उठाई है. एनएसयूआई की मांग है कि इस संकट के समय में छात्रों पर परीक्षाओं का दवाब ना बना कर पहले और दूसरे साल के छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाना चाहिए.

इसके साथ ही फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं अगर करवाई जाती है तो उन्हें 10 फीसदी ग्रेस मार्क्स देने का प्रवाधान किया जाना चाहिए. एनएसयूआई ने यह मांग बाहरी राज्यों की सरकारों की ओर से लिए गए इस तरह के फैसलों के बाद ही प्रदेश सरकार से की है.

एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ने कहा कि एनएसयूआई के देशव्यापी अभियान प्रमोट स्टूडेंट सेव फ्यूचर मुहिम के तहत छात्र संगठन एनएसयूआई प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने के साथ ही फाइनल ईयर के छात्रों को 10 फीसदी ग्रेस मार्क्स दिए जाए.

assigned

एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा में 18 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने और भविष्य में भी शिक्षा पर कोई अतिरिक्त टैक्स ना लगाने की मांग की है. छत्तर ठाकुर ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय कॉलेज से ली जाने वाली एफिलेशन, इंस्पेक्शन और कंटिन्यूएशन फीस के साथ अतिरिक्त 18 फीसदी लेने जा रहा है जो इस कोरोना काल में कॉलेजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेगा और यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से छात्रों की फीस बढ़ोतरी कर उन पर डाला जाएगा.

एनएसयूआई ने यह भी मांग की है कि प्रदेश के निजी स्कूल इस सकंट की घड़ी में भी अभिभावकों से फीस वसूल रहे है. अभिभावकों से यह लिख कर लिया जा रहा है कि वह अपनी मर्जी से फीस दे रहे है जो सरासर गलत है.

एनएसयूआई इस मामले का विरोध कर रही है. सरकार और मुख्यमंत्री से एनएसयूआई ने आग्रह किया है कि इन निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए. एनएसयूआई ने मांग की है कि नॉन सब्सिडाइजड वाली सीटों में कम से कम तीन महीनों की 50 फीसदी फीस माफ की जाए.

शिमला: कोविड 19 संकट की स्थिति में जब शैक्षणिक संस्थान बंद है तो ऐसे में छात्रों की परीक्षाएं ना करवा कर उन्हें अगली कक्षाओं में प्रमोट करने की मांग एनएसयूआई ने उठाई है. एनएसयूआई की मांग है कि इस संकट के समय में छात्रों पर परीक्षाओं का दवाब ना बना कर पहले और दूसरे साल के छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाना चाहिए.

इसके साथ ही फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं अगर करवाई जाती है तो उन्हें 10 फीसदी ग्रेस मार्क्स देने का प्रवाधान किया जाना चाहिए. एनएसयूआई ने यह मांग बाहरी राज्यों की सरकारों की ओर से लिए गए इस तरह के फैसलों के बाद ही प्रदेश सरकार से की है.

एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ने कहा कि एनएसयूआई के देशव्यापी अभियान प्रमोट स्टूडेंट सेव फ्यूचर मुहिम के तहत छात्र संगठन एनएसयूआई प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने के साथ ही फाइनल ईयर के छात्रों को 10 फीसदी ग्रेस मार्क्स दिए जाए.

assigned

एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा में 18 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने और भविष्य में भी शिक्षा पर कोई अतिरिक्त टैक्स ना लगाने की मांग की है. छत्तर ठाकुर ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय कॉलेज से ली जाने वाली एफिलेशन, इंस्पेक्शन और कंटिन्यूएशन फीस के साथ अतिरिक्त 18 फीसदी लेने जा रहा है जो इस कोरोना काल में कॉलेजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेगा और यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से छात्रों की फीस बढ़ोतरी कर उन पर डाला जाएगा.

एनएसयूआई ने यह भी मांग की है कि प्रदेश के निजी स्कूल इस सकंट की घड़ी में भी अभिभावकों से फीस वसूल रहे है. अभिभावकों से यह लिख कर लिया जा रहा है कि वह अपनी मर्जी से फीस दे रहे है जो सरासर गलत है.

एनएसयूआई इस मामले का विरोध कर रही है. सरकार और मुख्यमंत्री से एनएसयूआई ने आग्रह किया है कि इन निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए. एनएसयूआई ने मांग की है कि नॉन सब्सिडाइजड वाली सीटों में कम से कम तीन महीनों की 50 फीसदी फीस माफ की जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.