शिमला: राजधानी शिमला के मिडिल बाजार में हिमाचली रसोई रेस्टोरेंट में हुए धमाके की जांच के लिए NSG की टीम डॉग स्क्वायड के साथ रविवार सुबह शिमला पहुंची. टीम ने मौके पर जाकर साक्ष्य जुटाए. धमाके की जद में आए क्षेत्र को सील किया गया. एनएसजी की करीब 20 कमांडो मॉल रोड पर तैनात थे, जबकि एक अन्य टीम उस बिल्डिंग में गई जिस में यह धमाका हुआ था. वहां पर जाकर कुछ साक्ष्यों को पैकेट में सील कर टीम जांच के लिए अपने साथ ले गई.
एसआईटी भी कर रही जांच: शिमला पुलिस की विशेष जांच टीम भी इस मामले की जांच कर रही है. शिमला पुलिस की एसआईटी की प्रारंभिक जांच में गैस रिसाव ब्लास्ट का कारण बताया गया था. पुलिस ने कहा था कि फॉरेंसिक जांच की अंतिम रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि धमाके की असली वजह क्या थी. यह धमाका 18 जुलाई को की शाम 7 बजकर 12 मिनट पर हुआ था. इस घटना में 1 की मौत हुई थी, जबकि 13 लोग घायल हुए थे.
लोगों ने उठाए थे सवाल: मिडिल बाजार में हुए गैस रिसाव अब चर्चा का विषय बन चुका है. लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि अब गैस रिसाव होता तो इतना बड़ा धमाका कैसे होना था. शिमला में इससे पहले जब सिलेंडर भी फटे हैं तो इतनी आवाज तो उस दौरान भी नहीं आई. बताया जा रहा है कि जो रेस्टोरेंट के अंदर दो सिलेंडर रखे गए थे वह भी सुरक्षित निकले हैं, जबकि धमाका इतना हुआ कि आसपास की 7 से 8 दुकानों को क्षति पहुंची है.
वहीं, सूत्रों के मुताबिक जब हेल्पर ने रेस्टोरेंट का शटर खोला तो उसके एक मिनट बाद धमाका हुआ है. जो इसमें दो हेल्पर घायल हुए हैं. उन्होंने भी यह बताया है कि गैस रिसाव से ही यह धमाका लग रहा है. बाजार में लोगों के बीच इसी मामले को लेकर चर्चा है और अभी भी डर का माहौल है. लोग इस धमाके को नहीं भूल पा रहे हैं. गैस रिसाव से कुछ लोग संतुष्ट नहीं है. हालांकि लोग यह मांग कर रहे हैं कि दोबारा ऐसी घटना ना हो. इसलिए इसको लेकर गंभीरता से जांच करनी चाहिए.
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