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उत्तराखंड त्रासदी में खो दिए 5 परिवारों ने खोए अपने लाल, कंपनी ने आज तक नहीं पूछा हाल - हाइड्रो प्रोजेक्ट बंद करने की चेतावनी

उत्तराखंड ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट त्रासदी में रामपुर की किन्नू ग्राम पंचायत के पांच लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से मृतकों के परिवार की कोई सुध नहीं ली गई है. कंपनी के इस रवैये के खिलाफ लोगों में भारी रोष.

no compensation for family who died in Uttarakhand tragedy
उत्तराखंड त्रासदी में मृतकों के परिवार को नहीं मिला मुआवजा
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Published : Apr 12, 2021, 4:55 PM IST

रामपुर: उत्तराखंड ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में कुछ दिन पहले आई बाढ़ में रामपुर की किन्नू ग्राम पंचायत के पांच युवकों की मौत हो गई थी. मृतकों के परिवारों को कंपनी की ओर से अब तक राहत नहीं मिली है. इस मसले को लेकर नाराज लोगों ने पूर्व प्रधान यशपाल की अगुवाई में मृतकों के परिवार के साथ एसडीएम रामपुर से मुलाकात की. पीड़ित परिवारों ने एसडीएम के जरिए डीसी शिमला को ज्ञापन सौंपा.

हाइड्रो प्रोजेक्ट बंद करने की चेतावनी

ज्ञापन में चेताया गया कि यदि परियोजना प्रबंधन ने पीड़ित परिवारों के बारे में शीघ्र कोई फैसला नहीं किया, तो रामपुर तहसील में कंपनी के राजपुरा और कूट हाइड्रो प्रोजेक्ट पर प्रदर्शन कर उन्हें बंद करवाने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा.

वीडियो.

फोन नहीं उठा रहे अधिकारी

कंपनी का एक लाइजिंग अफसर सुनील कुमार 2 अप्रैल को पीड़ित परिवार से मिलने आया था. इन परिवारों के मिलने और चर्चा के बाद कहा कि वह इन मांगों पर फैसला लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं. इन मांगों को परियोजना प्रबंधन के सामने रखेंगे और इस पर फैसला लेने के बाद बताया जाएगा, लेकिन अब इस अधिकारी के अलावा कोई भी अन्य अधिकारी फोन नहीं उठा रहे.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल में रविवार को कोरोना के 570 नए मामले आए सामने, किसी संक्रमित की मौत नहीं

रामपुर: उत्तराखंड ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में कुछ दिन पहले आई बाढ़ में रामपुर की किन्नू ग्राम पंचायत के पांच युवकों की मौत हो गई थी. मृतकों के परिवारों को कंपनी की ओर से अब तक राहत नहीं मिली है. इस मसले को लेकर नाराज लोगों ने पूर्व प्रधान यशपाल की अगुवाई में मृतकों के परिवार के साथ एसडीएम रामपुर से मुलाकात की. पीड़ित परिवारों ने एसडीएम के जरिए डीसी शिमला को ज्ञापन सौंपा.

हाइड्रो प्रोजेक्ट बंद करने की चेतावनी

ज्ञापन में चेताया गया कि यदि परियोजना प्रबंधन ने पीड़ित परिवारों के बारे में शीघ्र कोई फैसला नहीं किया, तो रामपुर तहसील में कंपनी के राजपुरा और कूट हाइड्रो प्रोजेक्ट पर प्रदर्शन कर उन्हें बंद करवाने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा.

वीडियो.

फोन नहीं उठा रहे अधिकारी

कंपनी का एक लाइजिंग अफसर सुनील कुमार 2 अप्रैल को पीड़ित परिवार से मिलने आया था. इन परिवारों के मिलने और चर्चा के बाद कहा कि वह इन मांगों पर फैसला लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं. इन मांगों को परियोजना प्रबंधन के सामने रखेंगे और इस पर फैसला लेने के बाद बताया जाएगा, लेकिन अब इस अधिकारी के अलावा कोई भी अन्य अधिकारी फोन नहीं उठा रहे.

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