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नए शैक्षणिक सत्र से लागू हो सकती है नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, तैयारी में जुटा विभाग

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया जाएगा. इसी के आधार पर पढ़ाई स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में करवाई जाएगी. शिक्षा सचिव की ओर से विभागीय अधिकारियों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.

फाइल फोटो
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Published : Mar 13, 2021, 10:17 AM IST

Updated : Mar 13, 2021, 12:04 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा. इसे लेकर तैयारी भी शिक्षा विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है. शिक्षा विभाग यह प्रयास कर रहा है कि नए शैक्षणिक सत्र के आरंभ होते ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू कर दिया जाए. शिक्षा विभाग अपनी पूरी योजना को तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजेगा, जिसके बाद कैबिनेट की बैठक में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत किए गए बदलावों के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी.

स्कूलों में लागू होगा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया जाएगा. इसी के आधार पर पढ़ाई स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में करवाई जाएगी. शिक्षा सचिव की ओर से विभागीय अधिकारियों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बहुत से बदलाव शिक्षा प्रणाली में होने हैं. इसके तहत सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी के कक्षाएं शुरू होंगी. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राइमरी स्कूलों के लिए शिक्षक अलग से भर्ती किए जाएंगे.

साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षाएं

11वीं कक्षा से कॉलेजों तक संकाय सिस्टम समाप्त कर दिया जाएगा. 10वीं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी. छात्रों को विज्ञान, गणित, आईटी और वोकेशनल विषय को पढ़ना अनिवार्य किया जाएगा. 9वीं से 12वीं कक्षा तक एक ही सब्जेक्ट ग्रुप भी बनाया जाएगा. आईटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे. वहीं, संस्कृत विषय को भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में प्राथमिकता दी गई है. यह तय किया गया है की संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से ही पढ़ाया जाएगा.

कॉलेजों में क्रेडिट कोर सिस्टम की शुरूआत

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में एमफिल को खत्म करने के साथ ही पीएचडी प्रवेश के लिए पूरे देश में एक ही टेस्ट करवाया जाएगा, जिसके आधार पर छात्रों को पीएचडी सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएससी को समाप्त कर इसकी जगह क्रेडिट कोर सिस्टम की शुरूआत की जाएगी. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा पद्धति में बहुत से बदलाव किए गए हैं. शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षा पद्धति में आवश्यक बदलाव लाए जाएंगे.

ये भी पढ़े:- हिमाचल में निजी स्कूलों पर नकेल कसेगी सरकार, कैबिनेट में चर्चा के बाद आएगा विधेयक

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा. इसे लेकर तैयारी भी शिक्षा विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है. शिक्षा विभाग यह प्रयास कर रहा है कि नए शैक्षणिक सत्र के आरंभ होते ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू कर दिया जाए. शिक्षा विभाग अपनी पूरी योजना को तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजेगा, जिसके बाद कैबिनेट की बैठक में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत किए गए बदलावों के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी.

स्कूलों में लागू होगा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया जाएगा. इसी के आधार पर पढ़ाई स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में करवाई जाएगी. शिक्षा सचिव की ओर से विभागीय अधिकारियों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बहुत से बदलाव शिक्षा प्रणाली में होने हैं. इसके तहत सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी के कक्षाएं शुरू होंगी. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राइमरी स्कूलों के लिए शिक्षक अलग से भर्ती किए जाएंगे.

साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षाएं

11वीं कक्षा से कॉलेजों तक संकाय सिस्टम समाप्त कर दिया जाएगा. 10वीं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी. छात्रों को विज्ञान, गणित, आईटी और वोकेशनल विषय को पढ़ना अनिवार्य किया जाएगा. 9वीं से 12वीं कक्षा तक एक ही सब्जेक्ट ग्रुप भी बनाया जाएगा. आईटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे. वहीं, संस्कृत विषय को भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में प्राथमिकता दी गई है. यह तय किया गया है की संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से ही पढ़ाया जाएगा.

कॉलेजों में क्रेडिट कोर सिस्टम की शुरूआत

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में एमफिल को खत्म करने के साथ ही पीएचडी प्रवेश के लिए पूरे देश में एक ही टेस्ट करवाया जाएगा, जिसके आधार पर छात्रों को पीएचडी सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएससी को समाप्त कर इसकी जगह क्रेडिट कोर सिस्टम की शुरूआत की जाएगी. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा पद्धति में बहुत से बदलाव किए गए हैं. शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षा पद्धति में आवश्यक बदलाव लाए जाएंगे.

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Last Updated : Mar 13, 2021, 12:04 PM IST
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