शिमला: कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुखू ने हिम केयर योजना में बीमा कम्पनी और निजी अस्पतालों में सांठ गांठ का संदेह जताया है. विधानसभा सत्र के 7वें दिन सदन में नियम 130 के तहत चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही. सुखविंद्र सिंह ने कहा कि एक कार्ड बनाने के लिए 1100 रुपए लिए जाते हैं, लेकिन ये पैसे कहां जाते है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.
सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमकार्ड बनाने से जो पैसा आता है उसे एक सोसायटी की निगरानी में इक्ट्ठा किया जाता है. सारी पेमेंट आनलाइन होती है. हिमकेयर के माध्यम से पिछले दिनों में निशुल्क इलाज करवाने वालों में कुल 1800 बीमारियों का इलाज हिम केयर के तहत किया जाता है. इसकी प्रदेश में उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि हिमाचल में फिर से हिमकार्ड बनेंगे.
बता दें कि 22 लाख लोग आयुष्मान योजना के तहत आते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्ड को बनाने कि विधि सरल है. उन्होंने बताया कि लोक मित्र केंद्रों में यह कार्ड बनाया जा सकता है. यह योजना जनवरी में शुरू हुई थी और तब से लेकर हिमाचल सरकार ने इन सभी परिवारों के स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठाया था.
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वहीं, सहारा योजना पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ ही दिनों में सहारा योजना का शुभारंभ करने वाले हैं. इस योजना का पैसा जनधन खातों में सीधा एक साल का 24000 रूपए भेजा जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को एक सहारा देने कि कोशिश के लिए ही यह योजना शुरू की है.