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मानसून सत्र : 'हिम केयर' योजना के तहत होता है 18 सौ बीमारियों का इलाज

विधानसभा सत्र के 7वें दिन सदन में नियम 130 के तहत चर्चा के दौरान फैसला लिया गया कि हिमाचल में फिर से हिमकार्ड बनेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार
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Published : Aug 27, 2019, 8:46 PM IST

शिमला: कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुखू ने हिम केयर योजना में बीमा कम्पनी और निजी अस्पतालों में सांठ गांठ का संदेह जताया है. विधानसभा सत्र के 7वें दिन सदन में नियम 130 के तहत चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही. सुखविंद्र सिंह ने कहा कि एक कार्ड बनाने के लिए 1100 रुपए लिए जाते हैं, लेकिन ये पैसे कहां जाते है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.

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सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमकार्ड बनाने से जो पैसा आता है उसे एक सोसायटी की निगरानी में इक्ट्ठा किया जाता है. सारी पेमेंट आनलाइन होती है. हिमकेयर के माध्यम से पिछले दिनों में निशुल्क इलाज करवाने वालों में कुल 1800 बीमारियों का इलाज हिम केयर के तहत किया जाता है. इसकी प्रदेश में उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि हिमाचल में फिर से हिमकार्ड बनेंगे.

बता दें कि 22 लाख लोग आयुष्मान योजना के तहत आते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्ड को बनाने कि विधि सरल है. उन्होंने बताया कि लोक मित्र केंद्रों में यह कार्ड बनाया जा सकता है. यह योजना जनवरी में शुरू हुई थी और तब से लेकर हिमाचल सरकार ने इन सभी परिवारों के स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठाया था.

ये भी पढ़ेें: प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने छोड़ा पति का घर, गुरूघर में ले रखी थी शरण

वहीं, सहारा योजना पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ ही दिनों में सहारा योजना का शुभारंभ करने वाले हैं. इस योजना का पैसा जनधन खातों में सीधा एक साल का 24000 रूपए भेजा जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को एक सहारा देने कि कोशिश के लिए ही यह योजना शुरू की है.

शिमला: कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुखू ने हिम केयर योजना में बीमा कम्पनी और निजी अस्पतालों में सांठ गांठ का संदेह जताया है. विधानसभा सत्र के 7वें दिन सदन में नियम 130 के तहत चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही. सुखविंद्र सिंह ने कहा कि एक कार्ड बनाने के लिए 1100 रुपए लिए जाते हैं, लेकिन ये पैसे कहां जाते है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.

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सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमकार्ड बनाने से जो पैसा आता है उसे एक सोसायटी की निगरानी में इक्ट्ठा किया जाता है. सारी पेमेंट आनलाइन होती है. हिमकेयर के माध्यम से पिछले दिनों में निशुल्क इलाज करवाने वालों में कुल 1800 बीमारियों का इलाज हिम केयर के तहत किया जाता है. इसकी प्रदेश में उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि हिमाचल में फिर से हिमकार्ड बनेंगे.

बता दें कि 22 लाख लोग आयुष्मान योजना के तहत आते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्ड को बनाने कि विधि सरल है. उन्होंने बताया कि लोक मित्र केंद्रों में यह कार्ड बनाया जा सकता है. यह योजना जनवरी में शुरू हुई थी और तब से लेकर हिमाचल सरकार ने इन सभी परिवारों के स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठाया था.

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वहीं, सहारा योजना पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ ही दिनों में सहारा योजना का शुभारंभ करने वाले हैं. इस योजना का पैसा जनधन खातों में सीधा एक साल का 24000 रूपए भेजा जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को एक सहारा देने कि कोशिश के लिए ही यह योजना शुरू की है.

Intro:शिमला। कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुखू ने हिमकेयर योजना में बीमा कम्पनी और निजी अस्पतालों में सांठ गांठ का संदेह जताया है सदन में नियम 130 के तहत चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही। इसके अलावा सुखविंद्र सिंह ने कहा कि एक कार्ड बनाने के लिए1100 रुपए लिए जाते हैं इस पैसे का क्या किया जा रहा है।

चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमकार्ड बनाने से जो पैसा आता है उसे एक सोसायटी की निगरानी में इक्ट्ठा किया जाता है. उन्होने कहा कि इसकी सारी पेमेंट आनलाइन होती है इसलिए इसमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइस नहीं हैं.

जब व्यक्ति उस कार्ड को लेकर अस्पताल में जाता है तो गलत पेमैंट को रोकने के लिए डाक्टरों की टीम के चैकअप के बाद एक अन्य टीम बनाई गई है जो उस बीमारी पर होने वाले खर्च को तय करती है ऐसे में हिमकेयर के दुरुप्योग की गुंजाइस नहीं रहती है.Body:स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनवरी से मार्च तक फिर से बनेंगे हिम केयर कार्ड. हिमकेयर के माध्यम से पिछले दिनों में निशुल्क इलाज करवाने वालों में कुल 1800 बीमारियों का इलाज हिमकेयर के तहत किया जाता है. इसकी प्रदेश में उपोयगिता को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि हिमकार्ड फिर से हिमाचल में बनेंगे.

22 लाख लोग आयुषमान योजना के तहत कवर हो रहे हैं. इस प्रिमियम के अलावा जितना खर्च होगा 6 लाख 42 हजार परिवारों के लिए जो राशि खर्च होगी उस राशि को हिमाचल प्रदेश सरकार खर्च करेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्ड को बनाने कि विधि सरल है और पास के लोक मित्र केंद्रों में यह कार्ड बनाया जा सकता था.यह योजना जनवरी में शुरू हुई थी और तब से लेकर हिमाचल सरकार ने इन सभी परिवारों के स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठाया था.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चुनावों के समय आचार सहिंता के दौरान चुनाव आयोग के साथ किसी ने शिकायत की थी कि भाजपा इस योजना का श्रेय ले रही है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद भी इस योजना को चलाया गया और बार-बार इसकी तारीखें बढ़ाई गई. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन कार्डों को रिन्यू लगातार किया जाएगा.

सहारा योजना पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ ही दिनों में सहारा योजना का शुभारंभ करने वाले हैं. इस योजना का पैसा जनधन खातों में सीधा एक साल का 24000 रूपए भेजा जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंभीर बिमारियों से पीड़ित लोगों को एक सहारा देने कि कोशिश के लिए ही यह योजना शुरू की है.Conclusion:
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