शिमला: टैक्स चोरी के आरोप पर बोलते हुए बलवीर वर्मा ने कहा कि बिल्डरों पर करीब 2010 से सर्विस टैक्स लगना शुरू हुआ है. 2016 में उन्हें सर्विस टैक्स ना भरने का नोटिस दिया गया था. इस नोटिस में उन्हें 9 करोड़ पचास लाख की देनदारी बताई गई.
बलवीर वर्मा ने कहा कि देनदारी की आपत्ति को लेकर वह सर्विस टैक्स कमिश्नर के पास गए, जिसके बाद सर्विस टैक्स 1 करोड़ 72 लाख निश्चित हुआ. यह राशि भी मेरी नहीं है, यह उन लोगों को देनी है, जिन्होंने मुझसे फ्लैट खरीदे हैं. अब मेरे पास ऐसा कोई साधन नहीं है जिससे मैं उन लोगों से राशि वसूल कर सकूं, इसलिए इस टैक्स की अदायगी नहीं हो पा रही थी. इसके बाद देश में सबका विश्वास नाम से एक स्कीम आई इस स्कीम के अधीन मैंने अप्लाई किया. और इससे मुझे लाभ हुआ और सर्विस टैक्स विभाग की तरफ से घटकर करीब 87 लाख हो गया.
कंपनी के अकाउंट सीज- बलवीर वर्मा
वर्मा ने बताया कि यह सही है कि विभाग की तरफ से उनके और उनकी कंपनी के अकाउंट सीज कर दिए गए हैं. विभाग की लापरवाही की वजह से मुझे फॉर्म 3 चालान नहीं आया है, लेकिन मेरे अकाउंट सीज कर दिए गए हैं.
मैने विभाग से अपील की है कि मेरे अकाउंट रिलीज किए जाएं, ताकि मैं देनदारी को तय समय पर पूरा कर सकूं. उन्होंने कहा कि मैने किसी प्रकार की टैक्स चोरी नहीं की है. मामला सब जुडिशियस होने के कारण अभी खत्म नहीं हुआ है. जैसे ही विभाग की तरफ से स्पष्ट निर्देश आएंगे मैं पूरी राशि चुकाऊंगा.
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