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मिशन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड कैंसर की सरकार से मांग, मुफ्त दी जाए सिलेंडर की रिफिलिंग की सुविधा

मिशन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड कैंसर संस्था ने काेराेना मरीजाें काे दी जाने वाली सुविधाओं काे नाकाफी करार दिया है. शिमला में वीरवार काे आयाेजित प्रेसवार्ता के दाैरान संस्था के चैयरमेन सुमित शर्मा ने सरकार से मांग उठाई है कि कोरोना मरीजों को सही सुविधाएं प्रदान करें ताकि मरीजाें और उनके परिजनाें काे परेशानी ना आए व मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा दी जाए.

Chairman Sumit Sharma raised questions on the health facility
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Published : May 28, 2021, 4:52 PM IST

शिमला: मिशन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड कैंसर संस्था ने काेराेना मरीजाें काे दी जाने वाली सुविधाओं काे नाकाफी करार दिया है. संस्था के पदाधिकारियाें ने सरकार से मांग उठाई है कि शिमला में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की सुविधा मुफ्त दी जाए और कोविड के जिन मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, उन्हें अपने घर पहुंचने तक ऑक्सीजन मुफ्त उपलब्ध करवाई जाए और समय-समय पर उनके स्वास्थ्य जांच भी की जाए.

शिमला में आयाेजित प्रेसवार्ता के दाैरान संस्था के चैयरमेन सुमित शर्मा व हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अधिवक्ता ने कहा कि सरकार काेराेना मरीजाें काे सही सुविधाएं प्रदान करें ताकि मरीजाें और उनके परिजनाें काे परेशानी न आए. उन्हाेंने कहा कि कुछ काेराेना अस्पतालाें में मरीजाें के साथ सही व्यवहार नहीं किया जाता है जिसे सुधारने की जरूरत है.

उन्हाेंने कहा कि शिमला जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के लिए बार एसोसिएशन को एक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर भेंट कर रही है. इस मौके पर शिमला जिला एवं सत्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता राजीव सरकैक, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता अजय शर्मा, अधिवक्ता संजय पराशर, अधिवक्ता हरीश कश्यप भी मौजूद रहे.

एडवाेकेट सुमित शर्मा ने ये रखी मांग

1. शिमला में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की सुविधा मुफ्त दी जाए.

2. कोविड के जिन मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, उन्हें अपने घर पहुंचने तक ऑक्सीजन मुफ्त उपलब्ध करवाई जाए और समय-समय पर उनके स्वास्थ्य जांच भी की जाए.

3. ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस सिस्टम को सुदृढ़ किया जाए.

4. एंबुलेंस के लिए जारी 108 सर्विस को मजबूत किया जाए. मरीजों की कई बार शिकायत आ चुकी है कि 108 वाले मरीज को ले जाने के लिए आनाकानी करते हैं. बहुत बार ये भी पाया गया है कि फोन ही नहीं मिलता है.

5. आयुर्वेदिक अस्पताल, छोटा शिमला में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जाए और ऑक्सीजन की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाए. अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व स्टाफ के मरीजों के प्रति व्यवहार को लेकर जो शिकायतें आई हैं, उन्हें दूर किया जाए. अधिकतर मरीजों की शिकायत है कि स्टाफ का व्यवहार अच्छा नहीं है.

6. शिमला समेत प्रदेश के अन्य जिलों में बनाए गए कोविड केयर सेंटर्स और अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में ऑडियो एनेबल्ड सीसीटीवी कैमरा लगवाए जाएं.

7. कोविड मरीजों और उनके परिवार वालों की मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखा जाए, इसके लिए डेडिकेटेड काउंसलर्स की नियुक्ति की जाए.

8. आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडरों को लाने और ले जाने के लिए स्थायी वार्ड बॉय की नियुक्ति की जाए.

9. बाहरी राज्यों के लिए रेफर किए गए कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करवाई जाए.

10. कोरोना ड्यूटी दे रहे डॉक्टर्स और हेल्थ स्टाफ का क्वारंटीन पीरियड बहाल किया जाए.

यह भी पढ़ें :- सीएम जयराम ने कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के दिए आदेश, कहा: हमेशा के लिए नहीं लगाया जा सकता कर्फ्यू

शिमला: मिशन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड कैंसर संस्था ने काेराेना मरीजाें काे दी जाने वाली सुविधाओं काे नाकाफी करार दिया है. संस्था के पदाधिकारियाें ने सरकार से मांग उठाई है कि शिमला में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की सुविधा मुफ्त दी जाए और कोविड के जिन मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, उन्हें अपने घर पहुंचने तक ऑक्सीजन मुफ्त उपलब्ध करवाई जाए और समय-समय पर उनके स्वास्थ्य जांच भी की जाए.

शिमला में आयाेजित प्रेसवार्ता के दाैरान संस्था के चैयरमेन सुमित शर्मा व हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अधिवक्ता ने कहा कि सरकार काेराेना मरीजाें काे सही सुविधाएं प्रदान करें ताकि मरीजाें और उनके परिजनाें काे परेशानी न आए. उन्हाेंने कहा कि कुछ काेराेना अस्पतालाें में मरीजाें के साथ सही व्यवहार नहीं किया जाता है जिसे सुधारने की जरूरत है.

उन्हाेंने कहा कि शिमला जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के लिए बार एसोसिएशन को एक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर भेंट कर रही है. इस मौके पर शिमला जिला एवं सत्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता राजीव सरकैक, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता अजय शर्मा, अधिवक्ता संजय पराशर, अधिवक्ता हरीश कश्यप भी मौजूद रहे.

एडवाेकेट सुमित शर्मा ने ये रखी मांग

1. शिमला में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की सुविधा मुफ्त दी जाए.

2. कोविड के जिन मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, उन्हें अपने घर पहुंचने तक ऑक्सीजन मुफ्त उपलब्ध करवाई जाए और समय-समय पर उनके स्वास्थ्य जांच भी की जाए.

3. ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस सिस्टम को सुदृढ़ किया जाए.

4. एंबुलेंस के लिए जारी 108 सर्विस को मजबूत किया जाए. मरीजों की कई बार शिकायत आ चुकी है कि 108 वाले मरीज को ले जाने के लिए आनाकानी करते हैं. बहुत बार ये भी पाया गया है कि फोन ही नहीं मिलता है.

5. आयुर्वेदिक अस्पताल, छोटा शिमला में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जाए और ऑक्सीजन की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाए. अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व स्टाफ के मरीजों के प्रति व्यवहार को लेकर जो शिकायतें आई हैं, उन्हें दूर किया जाए. अधिकतर मरीजों की शिकायत है कि स्टाफ का व्यवहार अच्छा नहीं है.

6. शिमला समेत प्रदेश के अन्य जिलों में बनाए गए कोविड केयर सेंटर्स और अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में ऑडियो एनेबल्ड सीसीटीवी कैमरा लगवाए जाएं.

7. कोविड मरीजों और उनके परिवार वालों की मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखा जाए, इसके लिए डेडिकेटेड काउंसलर्स की नियुक्ति की जाए.

8. आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडरों को लाने और ले जाने के लिए स्थायी वार्ड बॉय की नियुक्ति की जाए.

9. बाहरी राज्यों के लिए रेफर किए गए कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करवाई जाए.

10. कोरोना ड्यूटी दे रहे डॉक्टर्स और हेल्थ स्टाफ का क्वारंटीन पीरियड बहाल किया जाए.

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