शिमला: राजधानी शिमला के कारोबारी और होटल कारोबारियों को नगर निगम राहत देने जा रहा है. नगर निगम ने कोरोना कर्फ्यू को देखते हुए पानी, कूड़ा बिल और टैक्स माफ करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है. अब इस पर सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा.
पानी और कूड़ा बिल माफ करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा
शहर में अप्रैल से लेकर जून तक जो लोग अपने पानी और कूड़े के बिल जमा नहीं करवा सकें हैं, उन्हें पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी. शनिवार को नगर निगम की मासिक बैठक में यह फैसला लिया गया और सरकार को बिल माफी का प्रस्ताव भेजा गया. कर्फ्यू के चलते वर्चुअल बैठक का ही आयोजन किया गया जिसमें शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी हिसा लिया. बैठक में पार्षदों ने अपने क्षेत्र में आ रही समस्याओं को नगर निगम के समक्ष रखा. शहर में खासकर दुकानदारों के कूड़ा बिल माफ करने की मांग की गई. इस पर शहरी मंत्री ने नगर निगम से प्रस्ताव सरकार को भेजने के निर्देश दिए.
अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों को मिलेंगे 2 हजार रुपए
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि बैठक में आईजीएमसी में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर रहे कर्मचारियों को प्रति संस्कार 2 हजार रुपए देने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा कनलोग में कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए 8 नए शेड बनाए गए हैं. टूटू वार्ड से पार्षद विवेक शर्मा ने बैठक में अपने मासिक वेतन को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने का फैसला लिया और प्रशासन को उनके मानदेय को राहत कोष में ट्रांसफर करने की मांग की. साथ ही अन्य पार्षदों ने भी अपना मानदेय राजकोष में देने की बात कही.
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