शिमला: प्रदेश में मानसून के आने में अभी भले ही काफी समय है, लेकिन नगर निगम शिमला ने मानसून से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. शहर की नालियों के साथ नालों को साफ करने और उनकी मरम्मत करने में एमसी शिमला जुट गया है.
बता दें कि शहर के अधिकतर नालियों को कोरोना कर्फ्यू के चलते पहले ही साफ कर दिया गया है. वहीं, निगम के कर्मचारी इन दिनों शहर के बड़े नालों की सफाई कर रहे हैं. शिमला शहर में ही 50 के करीब नाले हैं. कूड़ा जमा होने से इन नालों का पानी रिहायशी इलाकों में घुस जाता है. हर साल भारी बारिश के दौरान ये नाले नगर निगम शिमला और सरकार की तैयारियों की पोल खोल देते हैं.
नगर निगम के उप महापौर शैलेंद्र चौहान का कहना है कि इस बार वो बारिश से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है. सब मिल जुल कर काम कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि बरसात से पहले सभी कार्यों को निपटा लिया जाएगा.
बरसात के दिनों में प्रदेश के साथ-साथ शिमला शहर में भारी भूस्खलन देखने को मिलता है. शिमला में मानसून के दौरान कई भवन जमींदोज भी हो चुके हैं. ऐसे में सड़कों, नालियों और शहर की गलियों से बरसात के पानी की निकासी नगर निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बरसात के दौरान राजधानी शिमला में में हर साल नालियों में गंदगी जमा होने से वह जाम हो जाती हैं. जिसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ता है.
बताया जा रहा है कि मानसून 24 जून तक हिमाचल में अपनी दस्तक दे सकता है. हर साल लाखों करोड़ों की संपत्ति भारी बारिश और तूफान की भेंट चढ़ जाती है. ऐसे में मानसून से निपटने के लिए नगर निगम कमर कस चुका है.
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