शिमला: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सियासी गतिविधियां भी जारी है. मंडी संसदीय क्षेत्र के होने वाले उपचुनाव को लेकर तीन बार लोकसभा, एक बार राज्यसभा और तीन बार प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके महेश्वर सिंह ने भी ताल ठोक दी है.
इसको लेकर वह गुपचुप तरीके से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मंत्रणा कर आए हैं. इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने जेपी नड्डा से निष्पक्ष एजेसी से सर्वे करवाकर टिकट देने की मांग भी की.
नए-नए चेहरों के नाम सोशल मीडिया पर आगे चला रहे हैं
जानकारी के अनुसार महेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि पार्टी के कई खेमे नए-नए चेहरों के नाम सोशल मीडिया पर आगे चला रहे हैं. ऐसे में वह तो बहुत वरिष्ठ हैं और मंडी संसदीय हलके से कई बड़ी हस्तियों को चुनाव में धूल चटा चुके हैं.
भाजपा में हलचल शुरू
महेश्वर सिंह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. महेश्वर सिंह और मुख्यमंत्री की इस गुपचुप मुलाकात के बाद भाजपा में भी हलचल शुरू हो गई है और उनके समर्थक व विरोधी अपने-अपने काम में जुट गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और नड्डा के करीबी महेश्वर सिंह की मोदी सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नजदीकियां हैं.
आरएसएस और भाजपा के बड़े नेताओं से भी नजदीकियां
इसके अलावा वह चार बार सांसद रहे हैं तो उनकी आरएसएस और भाजपा के बड़े नेताओं से भी नजदीकियां हैं, लेकिन जयराम मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर और कुल्लू से भाजपा नेता राम सिंह समेत भाजपा में एक खेमा है जो उन्हें सत्ता से किनारे पर ही रखना चाहते हैं.
2012 में महेश्वर सिंह बागी हो गए थे
जयराम ठाकुर ने कहा कि समय आने पर इस बारे में सोचा जाएगा. महेश्वर सिंह कुल्लू में रधुनाथ के सबसे बड़े कारदार हैं और कुल्लू दशहरे और दशहरे में देवी देवताओं का अधिकांश कामकाज उन्हीं की देखरेख में होता है. 2012 के विधानसभा चुनावों से पहले महेश्वर सिंह बागी हो गए थे.
प्रेम कुमार धूमल से अनबन हो गई थी
उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से अनबन हो गई थी और उन्होंने तत्कालीन सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर भाजपा को त्याग दिया. उनके साथ उस समय कई भाजपा नेता एकजुट हो गए थे और इन नेताओं ने एक नई पार्टी हिमाचल लोकतांत्रिक पार्टी हिलोपा का गठन कर दिया और चुनाव में कूद गए.
इन चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मिशन रिपीट की पटकथा को अंजाम तक पहुंचाने में इतने मशगूल हो गए थे कि उन्होंने इन तमाम नेताओं को पार्टी से बाहर जाने दिया. परिणामस्वरूप प्रेम कुमार धूमल की कमान में भाजपा 2012 के चुनाव हार गई.
इन चुनावों में महेश्वर सिंह जीतकर विधानसभा पहुंच गए. इसके बाद 2014 के लोकसभा से पहले भाजपा आलाकमान ने तमाम बागी हुए भाजपाइयों को दोबारा से पार्टी के बैनर तले लाने की कोशिश की व बहुत से नेता पार्टी में लौट आए.
अब एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरने की इच्छा
महेश्वर सिंह 2017 में कुल्लू से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन भीतरघात की वजह से वह हार गए और कुल्लू से कांग्रेस के सुंदर सिंह ठाकुर जीत गए. ऐसे में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर महेश्वर सिंह ने एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरने की इच्छा जताई है. हालांकि अभी टिकट के दौड़ में कई महारथी हैं.
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